Eve Teasing: गलत भावना से लड़की को छुआ, तो लगेगा हाईवोल्टेज झटका, कमाल की है ये सेफ्टी डिवाइस
आगरा के आरबीएस टेक्निकल कैंपस के तीन छात्रों ने तैयार की जैकेट। इस जैकेट के अंदर लगी डिवाइस से 120 से 2000 वोल्ट तक दे सकते हैं झटका। जैकेट में हैं तमाम खूबियां। छेड़छाड़ होने पर पुलिस को कर सकती है सूचित। जीपीएस और कैमरा भी है इसमें फिट।
आगरा, प्रभजोत कौर। महिलाओं और युवतियों को गलत भावना से छूने वालों को 120 वोल्ट का बिजली का झटका लगेगा। महिलाएं या युवती चाहें तो वोल्टेज को बढ़ाकर 2000 वोल्ट कर सकती हैं। यह डिवाइस बनाई है, आगरा के आरबीएस इंजीनियरिंग टेक्निकल कैंपस के इलेक्ट्रोनिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग के तीन छात्रों ने।
इस तरह काम करेगी जैकेट
छात्रों ने ए वेयरबेल सिस्टम टू सेफगार्ड ए पर्सन सेफ्टी जैकेट बनाई है। इस जैकेट को पहनने वाली महिला या युवती को अगर कोई गलत भावना से छूता है तो महिला या युवती जैकेट में दाईं ओर लगी बटन दबाएगी। इस बटन के दबाने ही महिला या युवती को छूने वाले को 120 वोल्ट का झटका लगेगा। इस वोल्टेज को 2000 वोल्ट तक बढ़ाया जा सकता है।
जैकेट है इन तकनीकों से लैस
जैकेट में जीपीएस, जीएसएमए, आर्ड्यूनो नैनो पीआइसी, माइक्रो कंट्रोलर कैमरा, मॉड्यूल इन्वर्टर सर्किट आदि लगाए गए हैं। जैकेट में फीड मोबाइल नंबर पर महिला की लोकेशन और अलर्ट पहुंचेगा इतना ही नहीं जैकेट में एक कैमरा लगाया गया है, जो सारी घटना को कैमरे में कैद कर लेगा और साथ ही सर्वर पर अपलोड करता रहेगा। जिससे महिला के पास उसके साथ हुई घटना का सबूत रहे और उसके स्वजन कैमरे द्वारा भेजे गए फ़ोटो को देख सके।
सेफ्टी जैकेट को तैयार करने वाले छात्र−छात्राएं।
मोबाइल पर भेजेगी अलर्ट
इतना ही नहीं जैकेट के सिस्टम में फीड मोबाइल नंबरों पर मदद का अलर्ट एसएमएसए लोकेशन और मोबाइल फोन पर काल कर पाएगा जिससे पीड़ित स्वजनों से बात कर सकती है। जैकेट को संचित अग्रवाल, स्वाति गुप्ता और कुमारी अनिता ने डा. प्रमोद शर्मा के निर्देशन में तैयार किया है। विभागाध्यक्ष डा. दुष्यंत सिंह ने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए यह जैकेट बनाई गई है। संस्थान के निदेशक प्रो. बीएस कुशवाह ने छात्रों द्वारा बनाई जैकेट की सराहना की।
पुलिस स्टेशन को भी करेगी सूचित
अलर्ट के रूप में फोन या मैसेज दोनों पहुंच सकते हैं। साथ ही फोटो और वीडियो भी साझा हो सकेंगे लेकिन इसके लिए गूगल के सर्वर से पासवर्ड की जरूरत होगी। जहां तक पुलिस के नंबर की बात है तो किसी एक थाने का नंबर फीड करने की बजाय पुलिस की हेल्पलाइन नंबर को फीड किया जा सकता है, जिससे घटना की जानकारी वहां भी पहुंच सके। सिम लग सकती है, पूरी फोन डायरेक्ट्री को फोन कर सकते हैं बस प्रोग्रामिंग में फोन डायरेक्ट्री को अपलोड करना होगा। नंबरों का वरीयता अनुसार भी लगा सकते हैं। सिस्टम पहले वरीयता के नंबर को फोन करेगा, अगर उसने नहीं उठाया तो दूसरे नंबर पर फोन पहुंचेगा।
कुछ कमियाें को कर रहे दूर
डा. प्रमोद शर्मा ने बताया कि इस जैकेट में अभी कुछ कमियां हैं। सबसे ब़ड़ी दिक्कत इसके कपड़े को लेकर है। अब खास फैब्रिक ढूंढ रहे हैं ,जो हल्का भी हो और तकनीकी सिस्टम को संभाल सके। कमियों को दूर करने के बाद ही पेटेंट कराने के बारे में विचार करेंगे। एक जैकेट को तैयार करने में चार से पांच हजार रुपये की लागत आई है, जिसमें जैकेट की कीमत के साथ ही अन्य कंपोनेंट की कीमत भी शामिल है।