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इनके लिए दुनिया को समझने का जतन भी ईश्वर की प्रार्थना, स्‍कूल में अनूठा प्रयोग Agra News

आगरा के जीडी गोयंका स्कूल के स्टूडियो में हर सुबह शहर की किसी सफल शख्सियत का साक्षात्कार करते हैं बच्चे। कार्यक्रमों का प्रसारण यूट्यूब चैनल पर व्यूअर्स डेढ़ लाख से अधिक।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 05 Dec 2019 12:24 PM (IST)Updated: Thu, 05 Dec 2019 08:36 PM (IST)
इनके लिए दुनिया को समझने का जतन भी ईश्वर की प्रार्थना, स्‍कूल में अनूठा प्रयोग Agra News
इनके लिए दुनिया को समझने का जतन भी ईश्वर की प्रार्थना, स्‍कूल में अनूठा प्रयोग Agra News

आगरा, प्रभजोत कौर। आगरा के इस स्कूल के बच्चे सप्ताह में केवल एक दिन ही सुबह की प्रार्थना (मॉर्निग असेंबली) में जुटते हैं। शेष दिन इतना ही समय स्कूल में बने न्यूज रूम में बिताते हैं। हर सुबह शहर की एक सफलम शख्सियत भी पहुंचती है। बच्चे उनका इंटरव्यू करते हैं। बुनियादी सवाल पूछते हैं, दुनियादारी को समझने का जतन करते हैं। बच्चों द्वारा नित्य तैयार विविध कार्यक्रमों और साक्षात्कार का प्रसारण इनके यूट्यूब चैनल पर होता है, जिसके व्यूअर्स भी डेढ़ लाख से अधिक हो चुके हैं।

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जीडी गोयंका पब्लिक स्कूल के प्राचार्य और प्रबंधन का कहना है कि इस अभ्यास का सुखद परिणाम बच्चों के बढ़ते आत्मविश्वास और समझ के रूप में देखा जा सकता है। इस प्रक्रिया में स्कूल के हर बच्चे को एक बार न्यूज एंकर बनने का भी मौका मिलता है। हालांकि स्कूली जीवन की एक खास याद होती है, प्रार्थना सभा यानी असेंबली। लाइन में खड़े होना, राष्ट्रगान, टीचर्स की डांट, दोस्तों की खिंचाई, भाषण आदि पर सुस्ती..। यह सब फिर बस यादों में ही रह जाता है। लेकिन इस स्कूल के बच्चों और प्रबंधन की मानें तो, प्रार्थना सभा के समय का बेहतर रचनात्मक सदुपयोग इस पहल का ध्येय है। और ऐसा भी नहीं कि बच्चों को असेंबली का अनुभव नहीं मिल रहा है, प्रत्येक बुधवार को मॉर्निग असेंबली भी होती है।

बच्चों ने अपने यूट्यूब चैनल का नाम गैप यानी गोयंकन अचीवर्स प्लेटफॉर्म रखा है। इस चैनल के लिए बच्चे न्यूज पढ़ते हैं, विषयों पर अपनी बात रखते हैं और शहर की हस्तियों का इंटरव्यू भी लेते हैं। अब तक इस चैनल के डेढ़ लाख व्यूअर्स हो चुके हैं, जिनमें स्कूली बच्चों के इतर अभिभावक और अन्य शहरी भी शामिल हैं। अलग-अलग विषयों पर विद्यार्थियों की दो-दो मिनट की क्लिपिंग को चैनल पर अपलोड किया जाता है।

हर कक्षा के 15 विद्यार्थियों को चुना जाता है। यह बच्चे एक हफ्ते तक रिकॉडिर्ंग करते हैं। शिक्षकों द्वारा विषय दिए जाते हैं। स्पीच तैयार करने में शिक्षक और विशेषज्ञ मदद करते हैं। यह विषय क्लास में पढ़ाने वाले भी होते हैं। इससे उनकी पढ़ाई भी हो जाती है और याद करने में भी मदद मिलती है। गैप के लिए अब तक आगरा के उद्योगपतियों, सांसद, शिक्षाविदों सहित अपने क्षेत्र की सफलतम शख्सियतों का बच्चे साक्षात्कार ले चुके हैं।

हर सुबह साक्षात्कार..

हर सुबह शहर की एक सफलतम शख्सियत से बच्चे रू-ब-रू होते हैं। हर तरह के सवाल पूछते हैं, समझते हैं। इस पहल का यह पहलू सबसे अधिक प्रभावित करता है, क्योंकि इससे बच्चों को विभिन्न विधाओं के बारे में, दुनिया के तौर-तरीकों के बारे में, शुरुआत-चुनौतियों-सफलता के बारे में, उस विधा के सफल व्यक्ति से काफी कुछ सीखने को मिलता है। यह भी कि शहर में कौन क्या है, क्या कर रहा है।

इस पहल का ध्येय मॉर्निग असेंबली के समय का रचनात्मक सदुपयोग करना है। स्कूल के सभी बच्चों को समान अवसर, व्यावहारिक ज्ञान, रचनात्मकता और आत्मविश्वास में बढ़ोतरी के लिए यह मंच उपयोग सिद्ध हो रहा है। चैनल की शुरुआत जुलाई महीने में की गई और अब तक डेढ़ लाख व्यूअर्स इसे मिल चुके हैं। इससे बच्चों का हौसला बढ़ा है।

पुनीत वशिष्ठ, स्कूल के प्राचार्य, जीडी गोयंका पब्लिक स्कूल, आगरा

पिछले कई सालों में मैंने अपने स्कूल में भी देखा कि बच्चों में स्टेज फोबिया है। बच्चों में बात करने का सलीका विकसित नहीं हो पाता है। दुनिया को रीयलटाइम में समझना और दुनियादारी की समझ विकसित करना भी आवश्यक है। बच्चों में आत्मविश्वास जगाने के लिए यह कदम सभी को पसंद आ रहा है। हमारे स्कूल के बच्चे साक्षात्कार लेने के बहाने सफल इंसान के संघर्ष को भी सुनते हैं और सीखते हैं। इससे उनके अंदर छिपी प्रतिभा को निखरने का मौका मिलता है।

संजय अग्रवाल, प्रो-वाइस चेयरमैन, जीडी गोयंका पब्लिक स्कूल, आगरा

जब मुङो कहा गया कि मुङो इंटरव्यू लेना है तो मैं नर्वस थी, लेकिन टीचर्स ने बहुत सपोर्ट किया। इससे मुझमें बहुत आत्मविश्वास आया है और प्रश्न पूछने का तरीका समझ में आया है। यह भी पता चलता है कि किसी क्षेत्र में सफलता कैसे पाई जाती है।

इशिका बंसल, कक्षा 9

मैंने एक टॉपिक पर बात की थी। जब मेरे मम्मी पापा ने मुङो चैनल पर देखा तो बहुत खुश हुए थे। पूरी फैमिली को लिंक भेजा था। मुङो बहुत मजा आया। मैं चाहता हूं मुङो आगे और मौके दिए जाएं। इसके लिए मैं अब अच्छी तरह पढ़ाई पर भी ध्यान दे रहा हूं।

राघव अग्रवाल, कक्षा 4


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