Ambedkar University Agra: विश्वविद्यालय में आठ साल पहले लगी थी छात्र नेताओं पर रोक, ये थी अहम वजह
Ambedkar University Agra तत्कालीन कुलपति प्रो. डीएन जौहर ने स्थानीय न्यायालय से लिए थे अंतरिम आदेश। विश्वविद्यालय के 200 मीटर के दायरे से दूर रहने के दिए थे निर्देश। आठ छात्र नेताओं को चिन्हित कर विश्वविद्यालय में उनके प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी।
आगरा, जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में आठ साल पहले छात्र नेताओं की अराजकता पर लगाम लगाने के लिए स्थानीय न्यायालय से अंतरिम आदेश लिए गए थे। आठ छात्र नेताओं को चिन्हित कर विश्वविद्यालय में उनके प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। वर्तमान में भी विश्वविद्यालय में छात्र नेता अराजक हो चुके हैं। सोमवार को कुलपति से मुलाकात न होने पर छात्र नेताओं ने विश्वविद्यालय के पालीवाल पार्क परिसर के मुख्य गेट पर चढ़कर जबरदस्ती अंदर घुसने की कोशिश की। गेट पर लगे ताले को पत्थर से तोड़ने का प्रयास भी किया।
2012 में भी छात्र नेताओं की शिकायतें तत्कालीन कुलपति प्रो. डीएन जौहर के पास पहुंच रही थी। विभागों में जाकर छात्र नेताओं द्वारा कराए जा रहे कामों और काम न होने पर उनके दबाव पर अंकुश लगाने के लिए प्रोक्टोरियल बोर्ड को कमान सौंपी गई थी। आठ छात्र नेताओं को चिन्हित किया गया था, इन छात्र नेताओं पर विश्वविद्यालय में अराजकता फैलाने और विश्वविद्यालय की छवि खराब करने का आरोप था। इन आठ छात्र नेताओं के विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश पर रोक के लिए स्थानीय न्यायालय से अंतरिम आदेश लिया गया था। इन छात्र नेताओं को निर्देशित किया गया था कि वे विश्वविद्यालय के 200 मीटर के दायरे में भी नहीं आ सकते हैं।
आठ सालों में स्थितियों में ज्यादा बदलाव नहीं आया है। इन दिनों भी छात्र नेता अराजक हो रहे हैं। विगत सात जनवरी को भी कुलपति कार्यालय में हंगामा किया था। प्रोक्टोरियल बोर्ड द्वारा तीन छात्र नेताओं को चिन्हित किया जा चुका है, विभागाध्यक्षों से कहा गया है कि इन छात्र नेताओं को सचेत कर दिया जाए। सोमवार को हुए हंगामे में भी इन तीन छात्र नेताओं में से दो के नाम सामने आ रहे हैं। चीफ प्रोक्टर प्रो. मनोज श्रीवास्तव का कहना है कि विश्वविद्यालय का माहौल खराब नहीं होने दिया जाएगा। सख्त कार्यवाही की जाएगी।