चाय की दुकानों पर छात्रों का रतजगा, चौराहों पर ठंड दूर करते हैं लोग
सिकंदरा चौराहे पर पढ़ाई की थकान उतारती है चाय, भगवान टॉकीज पर हर मुसाफिर के लिए रात भर हाजिर चाय
आगरा, जागरण संवाददाता। रात के ढाई बज रहे थे। ठंडी हवा बदन कंपा रही थीं, सड़कों पर सन्नाटा पसरा था, तो लोग घरों में कैद थे। लेकिन सिकंदरा चौराहे के संजय की दुकान रात के इस पहर भी गुलजार थी। चाय की चुस्कियों के बीच लोग ठंड से जंग लड़ रहे थे।
इस पहर आधा दर्जन युवक चाय पी रहे थे, तो करीब चार युवक चाय का इंतजार कर रहे थे। इसी बीच एक आवाज आई, जल्दी दो भाई, अभी पढ़ना है। ये एटा निवासी दीपक शर्मा थे, इंजीनिय¨रग की पढ़ाई कर रहे हैं। सिकंदरा के पास ही किराये पर रहते हैं। इस ठंड में यहां चाय पीने आने के सवाल पर बोल पड़े, सुबह चार बजे तक पढ़ाई करते हैं। ये चाय ही देर रात तक जागने की ताकत देती है। सुशील 12 वीं में पढ़ते हैं। बोले, देर रात तक जागते हैं, तो सीधे इसी दुकान पर रोज आते हैं। सर्दी हो या गर्मी। दिनचर्या एक ही है। सुशांत, मोहन और कन्हैया रात की पढ़ाई की थकान इसी चाय की दुकान पर उतारते हैं। 24 घंटे ये दुकान गुलजार रहती है।
हर मुसाफिर का यही ठिकाना
भगवान टॉकीज पर चाय की दुकान हर मुसाफिर का ठिकाना बनी है। ठंड से कांपते मुसाफिर हों या फिर राहगीर। इसी दुकान पर चाय पीते हैं। बस से कानपुर से आए रामसुमेर सक्सेना को दयालबाग जाना था। भगवान टॉकीज पर उतरते ही पहले चाय की दुकान पर पहुंचे। बोले, रास्ते से सोचकर आया था कि रात में चाय यहीं पियूंगा। पूरी रात दुकान खुली रहती है, इसलिए उम्मीद भी इसी से थी। यहां पर आधा दर्जन छात्र भी आए थे, ये दयालबाग में पढ़ते हैं और किराये पर रहते हैं।