छात्रों को भी नहीं भाया 'जीएसटी'
आगरा(जागरण संवाददाता): गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) से व्यापारी पहले ही खफा हैं। मगर, अब
आगरा(जागरण संवाददाता): गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) से व्यापारी पहले ही खफा हैं। मगर, अब जीएसटी को समझने और इसे पढ़ने वालों ने भी दूरी बना ली है। डॉ. बीआर आंबेडकर विश्वविद्यालय में संचालित जीएसटी पाठ्यक्रम के दूसरे बैच के लिए केवल 17 आवेदन ही आए हैं। ऐसे में अब कोर्स को लेकर समीक्षा करने की बात कही जा रही है। मंत्रणा चल रही है कि कोर्स को आगे बढ़ाया जाए या नहीं। साथ ही कोर्स को बढ़ाने की स्थिति में क्या फेरबदल किये जाएं।
बता दें कि पिछले साल केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी लागू करने के बाद इसकी जटिलता को लेकर सवाल उठ रहे थे। ऐसे में आंबेडकर विवि में जीएसटी पाठ्यक्रम की शुरुआत की गई थी। इस पाठ्यक्रम के जरिए लोगों को जीएसटी के बारे में बताना और रोजगार उपलब्ध कराना उद्देश्य था। पहले बैच के लिए विवि ने 50 सीटों पर आवेदन मांगे थे। पहली बार में ही सभी सीटें भर गई थीं। इससे विवि प्रशासन भी उत्साहित था लेकिन पहला बैच खत्म होते होते छात्रों का जीएसटी पाठ्यक्रम से मोह टूट गया। दूसरा बैच शुरू करने के लिए विवि ने जीएसटी कोर्स में आवेदन मांगे थे। तीन बार अंतिम तिथि बढ़ाने के बाद भी विवि को 50 सीटों के लिए केवल 17 आवेदन ही मिले हैं। पाठ्यक्रम सत्र की शुरुआत में ही प्रारंभ होना था, लेकिन कम आवेदन मिलने के कारण अभी इस पर विचार किया जा रहा है। विवि के पीआरओ गिरजाशंकर शर्मा का कहना है कि जीएसटी कोर्स में कम आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसकी समीक्षा के बाद छात्र हित में निर्णय लिया जाएगा।