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ट्रांसपोर्टरों ने दी हड़ताल की चेतावनी

आगरा: डीजल और पेट्रोल की कीमत में लगातार इजाफा होने से आक्रोशित ट्रांसपोर्टर ने हड़ताल की चेतावनी दी है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 May 2018 09:03 PM (IST)Updated: Tue, 22 May 2018 09:03 PM (IST)
ट्रांसपोर्टरों ने दी हड़ताल की चेतावनी
ट्रांसपोर्टरों ने दी हड़ताल की चेतावनी

जागरण संवाददाता, आगरा: डीजल और पेट्रोल की कीमत में लगातार इजाफा होने से आक्रोशित ट्रांसपोर्टरों ने शीघ्र हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। ट्रांसपोर्टरों ने मंगलवार को बैठक कर कीमत बढ़ने पर नाराजगी जताई। सरकार से डीजल और पेट्रोल को जीएसटी में शामिल करने की मांग की गई। दूसरी तरफ ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने भी 20 जुलाई से देशव्यापी चक्का जाम की चेतावनी दी है।

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एक सप्ताह से डीजल और पेट्रोल की कीमत में फिर रोजाना इजाफा हो रहा है। इसका असर ट्रांसपोर्टरों के कारोबार पर भी पड़ रहा है। मंगलवार को आगरा पब्लिक कैरियर एसोसिएशन के बैनर तले ट्रांसपोर्ट कारोबारियों की बैठक ट्रांसपोर्ट नगर में ट्रांसपोर्ट भवन पर हुई। इसमें रेट बढ़ने की निंदा की गई। इन कारोबारियों ने कहा कि रेट बढ़ने से ट्रांसपोर्ट कारोबारियों की कमर टूट गई है। संस्था के अध्यक्ष ठाकुर चरन सिंह और महामंत्री देवेंद्र कुमार गुप्ता ने कीमत बढ़ाने की निंदा करते हुए कहा कि सरकार कारोबारियों को स्लो प्वायजन दे रही है। पहले कुछ महीने के बाद इनकी कीमतें मामूली बढ़ाई जाती थीं, तब जनता को कीमत बढ़ने की जानकारी मिल जाती थी, लेकिन अब रोजाना कुछ पैसे बढ़ा दिए जा रहे हैं। कीमत घटाने के लिए केंद्र सरकार को रास्ता निकालना चाहिए। यदि ये दोनों जीएसटी के दायरे में शामिल हो जाएं तो कीमतें स्वयं आधी हो सकती हैं। केंद्र सरकार ट्रांसपोर्टरों की नाराजगी को हल्के में न ले। आंदोलन शुरू हो सकता है। माल की बुकिंग, डिलीवरी और ट्रकों का चक्का जाम कर दिया जाएगा। बैठक में डॉ. माता प्रसाद, सुरेश अग्रवाल, पुनीत गुप्ता, हरेंद्र कौशिक, राजकुमार, मुकेश राठौर, गौरव चौहान, खालिद अली, भूपेंद्र सिंह, मुकेश राठौर, हरीओम त्यागी आदि ट्रांसपोर्टर और कारोबारी थे।

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की ये हैं मांगें

- डीजल-पेट्रोल की कीमतों में निरंतर और असामान्य वृद्धि बंद हो

- गैर पारदर्शी टोल नीति

- थर्ड पार्टी प्रीमियम में वार्षिक वृद्धि, जीएसटी और ई-रास्ता बिल मुद्दे, ट्रांसपोर्टर, बस ऑपरेटर और रेंट-ए-कैब सेगमेंट के लिए सेवा प्राप्तकर्ता द्वारा फ्रेट के भुगतान में देरी, पर्यटक वाहनों के लिए लंबित राष्ट्रीय परमिट, आरटीओ, पुलिस और सीटीओ द्वारा सड़क पर भ्रष्टाचार, टीडीएस एक अप्रैल 2015 से पहले के सिद्धांत पर लागू हो, समेत अनेक मुद्दे उठाए गए हैं।


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