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    Street Dogs: सरकारी संस्थानों में घूमते कुत्तों से मिलेगा छुटकारा, नगर निगम करने जा रहा है इंतजाम

    By Ambuj Upadhyay Edited By: Prateek Gupta
    Updated: Tue, 02 Dec 2025 02:03 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार, नगर निगम सरकारी संस्थानों से आवारा कुत्तों को हटाने की तैयारी कर रहा है, ताकि लोगों को परेशानी न हो। संस्थानों से कुत्तों की संख्या मांगी गई है। शहर में 1.10 लाख आवारा कुत्ते हैं, जिनके टीकाकरण का कार्य चल रहा है। भोजन केंद्र बनाने में स्थानीय लोगों का विरोध हो रहा है। कुत्तों को रखने के लिए शेल्टर होम बनाने की योजना है, जो अभी कागजों में है।

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    आगरा के जिला अस्पताल में घूमते कुत्ते।

    जागरण संवाददाता, आगरा। आवारा कुत्तों के आतंक पर लगाम लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने नगर निगम को आदेश दिए हैं। इसके तहत सार्वजनिक संस्थानों से कुत्तों को हटाना है, जिससे यहां पहुंचने वालों को कठिनाई नहीं हो।

    वहीं सार्वजनिक स्थानों पर फीडिंग स्थल बनाने हैं। नगर निगम ने अब सरकारी संस्थानों से ये पूछना शुरू कर दिया है कि वे अपने यहां उपस्थित कुत्तों की संख्या बताएं, जिससे वे टीम को उतने ही संसाधन के साथ भेजा जा सकेगा।

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    शहर में 1.10 लाख आवारा कुत्ते हैं। इनके वैक्सीनेशन और नसबंदी का कार्य चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इनके लिए सार्वजनिक स्थानों पर भोजन केंद्र बनने हैं, लेकिन ये अभी एक चौथाई वार्ड तक में नहीं बन सके हैं।

    क्षेत्रीय लोगों का गतिरोध सामने आ रहा है, जिससे मुश्किल हो रही है। वहीं अब संस्थानों में मौजूद आवारा कुत्तों को हटाना है, जिससे पहुंचने वालों को कठिनाई नहीं हो सकें।

    ऐसे में सड़क के खूंखार कुत्तों की तलाश अभी तक नहीं कर सके नगर निगम को इन कुत्तों को हटाना है। इनको रखने के लिए भी स्थान की व्यवस्था की जानी है। छत्ता जाेन में सरकारी भूमि पर शेल्टर हाेम बनाने की योजना है, लेकिन ये काम भी अभी कागजों में चल रहा है।

    ऐसे में अगर सार्वजनिक संस्थानों से कुत्तों को हटाया भी जाएगा तो उनको रखा कहां जाएगा, इस पर सवाल खड़ा हो रहा है। पशु कल्याण अधिकारी डा. अजय कुमार ने बताया कि सार्वजनिक संस्थानों को पत्र भेज जानकारी मांगी जा रही है।

     

    इनको भेजे गए हैं पत्र

    एसएन मेडिकल कालेज, डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, मानसिक स्वास्थ्य संस्थान, जिला अस्पताल, केंद्रीय हिंदी संस्थान, रेलवे स्टेशन, परिवहन निगम, सिंचाई विभाग, माध्यमिक शिक्षा एवं बेसिक शिक्षा विभाग सहित अन्य को पत्र भेजे गए हैं।