Railway News: बेसहारा पशुओं ने उड़ाई रेलवे की नींद, ट्रेनों की संरक्षा को खतरा- आवागमन भी प्रभावित
बेसहारा पशुओं का डेरा सिर्फ सड़कों व बाजारों में ही नहीं रेलवे ट्रैक पर भी है। बेसहारा पशुओं से ट्रेनों की संरक्षा को भी खतरा है। इनके टकराने से ट्रेनों का आवागमन तो प्रभावित होता ही है कई बार चपेट में आकर पशुओं की मौत हो जाती है।
आगरा, जागरण संवाददाता। दिल्ली-आगरा रेल खंड के आसपास बेसहारा पशुओं ने रेलवे की नींद उड़ा दी है। पशुओं से वंदे भारत, गतिमान एक्सप्रेस, भोपाल शताब्दी सहित अन्य सुपरफास्ट ट्रेनों की संरक्षा को खतरा है। आए दिन पशु ट्रेनों से टकरा रहे हैं। इससे दस से तीस मिनट तक ट्रेनों का आवागमन प्रभावित रहता है। ट्रेन का कैटल गार्ड सहित अन्य क्षतिग्रस्त हो जाता है। इस वित्तीय साल में ट्रेनों से टकराकर 521 पशुओं की मृत्यु हुई है। कैंट रेलवे स्टेशन से होकर हर दिन 150 से अधिक ट्रेनें गुजरती हैं। डेढ़ दशक पूर्व ट्रैक के दोनों तरफ दीवार बनाने का निर्णय लिया गया था। इससे ट्रेनों की संरक्षा पर कोई भी खतरा पैदा नहीं होगा।
सात साल पहले गतिमान एक्सप्रेस का शुरू हुआ संचालन
सात साल पूर्व देश की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन गतिमान एक्सप्रेस का संचालन शुरू हुआ। इस दौरान कुछ हिस्से में फिर से दीवार बनाई गई। राजा की मंडी से कीठम के मध्य कई हिस्से में दीवार टूट चुकी है। कैंट से राजा की मंडी के मध्य दिसंबर 2022 में ट्रेनों से छह बेसहारा पशु टकरा गए। मौके पर ही पशुओं की मौत हो गई। अगर आगरा कैंट से भांडई की बात की जाए तो 26 पशुओं की मृत्यु हई है। आगरा से होकर वंदे भारत, भोपाल शताब्दी, मुंबई राजधानी, विलासपुर राजधानी, बंगलुरु राजधानी सहित अन्य सुपरफास्ट ट्रेनें गुजरती हैं। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि ट्रेन के सामने अचानक पशु के आने से इमरजेंसी ब्रेक नहीं लगाई जा सकती है। इससे ट्रेन के पलटने का खतरा रहता है।
वंदे भारत एक्सप्रेस में नहीं कर सकेंगे चेन पुलिंग
प्लेटफार्म पर सामान छूटा या फिर कोई अपना रह गया। समय पर ट्रेन से नहीं उतर सके। यह ऐसी वजह हैं जिसमें सबसे अधिक ट्रेनों में चेन पुलिंग होती थी, लेकिन देश की नौवीं वंदे भारत में चेन पुलिंग का सिस्टम खत्म हो गया है। दरवाजे आटोमेटिक खुलेंगे और बंद होंगे। भोपाल से दिल्ली के मध्य चलने वाली वंदे भारत की टिकटों की बुकिंग एक अप्रैल से शुरू होगी। शताब्दी एक्सप्रेस के मुकाबले इस ट्रेन में 10 से 15 प्रतिशत तक किराया अधिक होगा। वंदे भारत का काकपिट हेलीकाप्टर के लुक में है। इस ट्रेन की खासियत यह होगी कि जब तक ट्रेन प्लेटफार्म पर पूरी तरह से नहीं रुकेगी तब तक दरवाजे नहीं खुलेंगे। इसी तरह से अगर एक बार दरवाजे बंद हो गए तो दूसरी बार नहीं खुलेंगे।
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि इमरजेंसी में गेट खोलने की व्यवस्था होगी। इसमें लाल पैनल के कांच को तोड़ना होगा। मजाक में या फिर अन्य अहम कारण के बिना अगर कोई भी लाल पैनल को खोलता है तो एक हजार रुपये का जुर्माना लगेगा या फिर छह माह की जेल हो सकती है। एक अप्रैल से ट्रेन की सीटों की बुकिंग शुरू होगी, जबकि यह ट्रेन तीन अप्रैल से संचालित होगी। प्रधानमंत्री दिखाएंगे हरी झंडी: एक अप्रैल की सुबह 10 बजे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नौवीं वंदे भारत को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।
ट्रेनों का परिवर्तित हुआ मार्ग
भुसावल-भादली के बीच चौथी लाइन के कार्य के चलते ट्रेनों का मार्ग परिवर्तन करने का निर्णय लिया गया है। 30 मार्च को नांदेड-अमृतसर एक्सप्रेस वाया पूर्णा-अकोला-भुसावल कार्ड लाइन-खंडवा पहुंचेगी। इसी तरह, 30 मार्च को अमृतसर-नांदेड एक्सप्रेस वाया खंडवा -भुसावल कार्ड लाइन-अकोला-पूर्णा पहुंचेगी, वाराणसी-मैसूर एक्सप्रेस वाया अकोला-पूर्णा-अंकाई-मनमाड-अंकाई चलेगी। इनके अलावा 11 अन्य ट्रेनों का मार्ग भी परिवर्तित किया गया है।
क्या कहते हैं अधिकारी
उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर ने बताया कि आगरा-दिल्ली रेल खंड में जहां पर भी दीवार टूटी है। उसकी मरम्मत पर ध्यान दिया जाएगा। साथ ही जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। इससे किसान पशुओं को ट्रैक के किनारे चराने के लिए नहीं लेकर आएंगे।
यह है किराया
शताब्दी एक्सप्रेस
- रानी कमलापति स्टेशन भोपाल से आगरा चेयरकार का 820 रुपये प्रति यात्री एग्जीक्यूटिव का 1770 रुपये
- रानी कमलापति स्टेशन से दिल्ली तक : चेयरकार का 1000 रुपये एग्जीक्यूटिव का 2170 रुपये
वंदे भारत का किराया
- रानी कमलापति स्टेशन भोपाल से आगरा चेयरकार का 950 रुपये प्रति यात्री एग्जीक्यूटिव का 2050 रुपये
- रानी कमलापति स्टेशन से दिल्ली तक : चेयरकार का 1150 रुपये एग्जीक्यूटिव का 2500 रुपये