फतेहपुरसीकरी में निकले ऐसे पत्थर, जिन पर लिखा हुआ है कुछ Agra News
सीकरी के बाजार में एएसआइ ने कराया था उत्खनन कार्य। संभवत शिल्पियों ने ही अंकित किया होगा पहचान चिन्ह।
आगरा, निर्लोष कुमार। मुगल राजधानी रही फतेहपुर सीकरी में कराए जा रहे उत्खनन कार्य में ऐसे पत्थर मिल रहे हैं, जिन पर कुछ न कुछ लिखा हुआ है। यह दिखने में ताेे स्पष्ट हैं लेकिन पढ़ने में नहीं आ रहे। जो भाषा है, वह हिंदी से मिलती-जुलती है। माना जा रहा है कि शिल्पकारों ने पत्थरों को तो तराशा ही था, उन पर अपने नाम भी उकेरे थे। उनके नाम वाले पत्थर हाल ही में वहां बाजार में कराए गए उत्खनन में मिले हैं। बाजार का संरक्षण करते समय उन पत्थरों को दोबारा दीवारों में लगा दिया गया।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने नौबतखाना के पास दिसंबर, 2018 में उत्खनन शुरू कराया था। सहायक पुरातत्वविद प्रदीप चंद्र पांडे के निर्देशन में यहां पहले चरण में हुए उत्खनन में दोमंजिला 12 दुकानें और दूसरे चरण में हुए उत्खनन में 35 दुकानों के अवशेष मिले। इनमें से 41 दुकानें संरक्षित की जा चुकी हैं। दूसरे चरण में उत्खनन में मिली दुकानों के अवशेषों में ऐसे पत्थर भी मिले हैं जिन पर मजदूरों ने अपने नाम उकेरे थे। कंगूरे के डिजाइन वाले पत्थरों पर यह नाम मिले। दुकानों का संरक्षण करते समय इन पत्थरों को वापस दीवार में लगा दिया गया है। यह नाम हिंदी में लिखे प्रतीत हो रहे हैं, लेकिन उन्हें समझना मुश्किल हो रहा है।
अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि सीकरी में दुकानों के संरक्षण के दौरान पत्थरों पर शिल्पियों के नाम मिले हैं। नाम क्या हैं, यह नहीं कह सकते।
स्मारकों में मिलते हैं मेसन मार्क
ताजमहल, आगरा किला, फतेहपुर सीकरी में मजदूरों के छोड़े गए निशान (मेसन मार्क) मिलते हैं। मजदूर अपनी पहचान सुनिश्चित करने को विशेष तरह के निशान पत्थरों पर बनाते थे। इसके आधार पर यह पता लगाया जाता था कि किस मजदूर ने कितना काम किया है। इससे उसकी मजदूरी का हिसाब होता था।
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