UP Board Exam 2021: नकल पर नकेल के लिए केंद्र निर्धारण नीति ने कसी कमर, ये की जा रही व्यवस्था
UP Board Exam 2021 नकल विहीन परीक्षा को राजकीय और एडेड विद्यालय रखेंगे प्राथमिकता। प्रधानाचार्यों को अपने विद्यालय का आनलाइन डाटा फीड करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि विभागीय हस्तक्षेप कम किया जा सके। सीसीटीवी और वायस रिकार्डर की अनिवार्यता पिछले साल की तरह ही रहेगी
आगरा, जागरण संवाददाता। उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने हाईस्कूल-इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए केंद्र निर्धारण नीति जारी कर दी है। शासन की मंशा इस बार भी नकल विहीन परीक्षा कराने की है, जिसकी झलक केंद्र निर्धारण नीति में भी साफ नजर आ रही है। इसलिए आनलाइन परीक्षा केंद्रों का आवंटन से लेकर राजकीय और सहायता प्राप्त विद्यालयों को ही प्राथमिकता के आधार पर परीक्षा केंद्र बनाए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
जिला विद्यालय निरीक्षक रवींद्र सिंह ने बताया कि बोर्ड से यूपी बोर्ड परीक्षा केंद्र निर्धारण नीति जारी हो चुकी है। इस बार भी शासन का जोर नकल विहीन परीक्षा पर है। लिहाजा केंद्र बनाने से लेकर विद्यालय आवंटन तक, सबकुछ आनलाइन ही करने की तैयारी है। प्रधानाचार्यों को अपने विद्यालय का आनलाइन डाटा फीड करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि विभागीय हस्तक्षेप कम किया जा सके। सूचना में मनमानी को लेकर के लिए जिला समिति के साथ भौतिक सत्यापन के लिए भी एक कमेटी को निगरानी के लिए रखा गया है।
राजकीय-एडेड होंगे प्राथमिकता
बोर्ड परीक्षा में केंद्र के रूप में शासन की पहली प्राथमिकता राजकीय और सहायता प्राप्त (एडेड) स्कूल ही होंगे। वित्तविहीन सिर्फ मजबूरी या छात्राओं के केंद्र की स्थिति में बनाए जाएंगे। साथ ही सीसीटीवी और वायस रिकार्डर की अनिवार्यता पिछले साल की तरह ही रहेगी, ताकि कंट्रोल रूम से सभी केंद्रों की निगरानी की जा सके।
तीन दिवसीय ट्रेनिंग में नवनियुक्ति शिक्षक सीखेंगे नवाचार
उप्र लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) से हाल ही में राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में तैनाती पाने वाले नवनियुक्त सहायक अध्यापकों (एलटी ग्रेड) को तीन दिवसीय ट्रेनिंग दी जाएगी। यह ट्रेनिंग एक से तीन दिसंबर तक चलेगी। इसमें नवाचार आदि की जानकारी दी जाएगी
संयुक्त शिक्षा निदेशक डा. मुकेश अग्रवाल ने बताया कि हाल ही में प्रदेशभर में 3317 नवनियुक्त सहायक अध्यापकों की नियुक्ति यूपीपीएससी के माध्यम से हुई है। दक्षता संवर्द्धन के उद्देश्य से उनकी तीन दिवसीय ट्रेनिंग कराई जाएगी, ताकि वह विद्यार्थियों को गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान कर सकें।
जिले को मिले हैं 15 शिक्षक
इस नियुक्ति में आगरा जिले को 15 शिक्षक मिले हैं, जिनमें से 13 को 23 अक्टूबर को नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए थे। शेष दो कार्यक्रम में अनुपस्थित रहे, लेकिन उन्हें बाद में नियुक्ति पत्र प्रदान कर तैनाती दे दी गई थी।
इसकी दी जाएगी ट्रेनिंग
इस तीन दिवसीय ट्रेनिंग में उन्हें विभागीय संरचना, विद्यालय के बुनियादी ढ़ांचे, कक्षा प्रबंधन, शिक्षण पद्धति, शिक्षक-छात्र-अभिभावक-प्रधानाचार्य से संबंध-पारस्परिक सामंजस्य, शिक्षा में सूचना प्रौद्योगिकी का प्रयोग, शिक्षा में नवाचार, परिषदीय परीक्षा प्रणाली, शिक्षक जीवन में अनुशासन, स्वच्छता, पर्यावरण व पाठ्य सहगामी क्रियाकलापों, अवकाश संबंधी, कमजोर बच्चों को उपचारात्मक शिक्षण, खेलकूद, राष्ट्रीय सेवा योजना, एनसीसी, स्काउट-गाइड व योग, बाल मनोविज्ञान आदि की जानकारी दी जाएगी।