स्मारकों के दीदार के साथ CoronaVirus से बचाव भी जरूरी, इन हिदायतों से हो रहा पर्यटकों का स्वागत
कोरोना के संक्रमण से बचाव को लगाई गई हैं स्मारकों में स्टैंडी। समय-समय पर सैनिटाइजर के उपयोग को किया जा रहा प्रेरित।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना काल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) पर्यटकों को संक्रमण से बचाव को स्मारकों में दो बार सैनिटाइजेशन करा रहा है। पर्यटकों को दीवारों, रेलिंग व बेंच को नहीं छूने को कहा जा रहा है। स्मारक भ्रमण के दौरान समय-समय पर सैनिटाइजर के उपयोग को भी प्रेरित किया जा रहा है।
आगरा में जिला प्रशासन की अनुमति के बाद एक सितंबर से फतेहपुर सीकरी, सिकंदरा, मेहताब बाग, एत्माद्दौला, रामबाग और मरियम टॉम्ब खुले थे। 21 सितंबर से ताजमहल और आगरा किला खुलने के बाद पर्यटन कारोबार में रौनक लौटने की उम्मीद है। स्मारकों पर पर्यटकों की संख्या को नियंत्रित करने को एएसआइ ने कैरिंग कैपेसिटी (धारण क्षमता) तो लागू की ही है, वो उन्हें कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को भी जागरूक कर रहा है। सभी स्मारकों पर दिशा-निर्देशों की स्टैंडी लगाई गई हैं। इनमें पर्यटकों को शारीरिक दूरी का पालन करते हुए आपस में उचित दूरी बनाए रखने, स्मारक में इधर-उधर न थूकने, छींकते व खांसते समय रुमाल का उपयोग करने, स्मारक में आने-जाने को पूर्व निर्धारित मार्ग का प्रयोग करने, मास्क लगाए रहने, प्रयोग किए गए टिश्यू पेपर, मास्क, दस्ताने, पानी की बाेतल, शू कवर आदि कूड़ेदान में ही फेंकने को प्रेरित किया जा रहा है।
अधीक्ष्रण पुरात्ववविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि सभी स्मारकों में पर्यटकों के लिए दिशा-निर्देशों से संबंधित स्टैंडी लगाई गई हैं। ताजमहल व आगरा किला में भी स्टैंडी लगाई जाएंगी। पर्यटकों से अनुरोध है कि वो दीवार, बेंच व रेलिंग को छुए नहीं। शारीरिक दूरी का पालन करें।
ताजमहल पर मुख्यालय लेगा फैसला
21 सितंबर से ताजमहल खुलने जा रहा है। मुख्य मकबरे में शहंशाह शाहजहां और मुमताज की कब्रों वाले कक्ष का द्वार छोटा होने से शारीरिक दूरी का पालन कराने में मुश्किल हो सकती है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) का दिल्ली मुख्यालय कब्र वाले कक्ष को खोलने या बंद रखने पर मंगलवार को फैसला लेगा।
एएसआइ ने छह जुलाई से देश में सभी स्मारक खोल दिए थे। आगरा में जिला प्रशासन द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने से इसके लिए इंतजार करना पड़ा। ताजमहल में सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र पच्चीकारी युक्त शहंशाह शाहजहां और मुमताज की कब्रें भी हैं। कब्र वाले कक्ष में प्रवेश व निकास एक ही द्वार से होता है। यही स्थिति म्यूजियम की भी है। दोनों की स्थिति से एएसआइ के आगरा सर्किल ने दिल्ली मुख्यालय को अवगत कराया है। हालांकि, अभी पर्यटकों की संख्या कम रहने से उन्हें पांच-पांच के ग्रुप में कक्ष में प्रवेश देने पर विचार किया जा रहा है। कब्रों वाले कक्ष को बंद करने के लिए एएसआइ को अलग से नोटिफिकेशन करना होगा।
अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि ताजमहल में स्थित शहंशाह शाहजहां और मुमताज की कब्रों को खोलने पर स्थिति मंगलवार को स्पष्ट हो जाएगी