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थाईलैंड के फूलों से सज रहा दलाईलामा के लिए मंच, जानिये क्या चल रहीं मैनपुरी में तैयारियां

दलाईलामा के मंच को सजाने पहुंचे थाईलैंड के 40 भिक्षु। मंच पर दिखेगी सिक्किम व अरुणाचल की सांस्कृतिक विरासत।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sun, 02 Dec 2018 06:56 PM (IST)Updated: Sun, 02 Dec 2018 06:56 PM (IST)
थाईलैंड के फूलों से सज रहा दलाईलामा के लिए मंच, जानिये क्या चल रहीं मैनपुरी में तैयारियां
थाईलैंड के फूलों से सज रहा दलाईलामा के लिए मंच, जानिये क्या चल रहीं मैनपुरी में तैयारियां

आगरा, हिमांशु यादव। तिब्बती धर्मगुरु के स्वागत में सोमवार से जसराजपुर थाईलैंड के फूलों से महकेगा। दलाईलामा के प्रवचन को बन रहे मंच को सजाने के लिए वहां से दर्जनभर प्रजातियों के फूल मंगाए गए हैं। मंच पर अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम की सांस्कृतिक विरासत को भी दर्शाया जाएगा। इसके लिए 40 बौद्ध भिक्षु रविवार रात से सजावट में जुट जाएंगे। 

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सोमवार सुबह जसराजपुर पहुंचे रहे दलाईलामा का स्वागत पारंपरिक तरीके से होगा। दलाईलामा जिस मंच से प्रवचन देंगे उसे सजाने का जिम्मा थाईलैंड की संस्था समुई बौद्ध मठ के भिक्षु मैत्रेय थैरो को दिया गया है। फूलों से मंच को सजाने के लिए थाईलैंड का 40 सदस्यीय दल रविवार शाम कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गया।

64 फुट लंबा और 24 फुट चौड़ा होगा मंच

धर्मगुरु के हिंदी अनुवादक कैलाश बौद्ध ने बताया कि मंच पर चुनिंदा लोगों को ही प्रवेश दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि 64 फुट लंबे व 24 फुट चौड़े मंच को सजाने के लिए हिमाचल प्रदेश से भी फूल मंगाए गए हैं। इसके अतिरिक्त अरुणाचल व सिक्किम की सांस्कृतिक विरासत की झलक दलाई लामा के मंच पर नजर आएगी। कई बौद्ध विहारों के भिक्षु उनका परंपरागत तरीके से स्वागत करेंगे। कई देशों के भिक्षु और लामा रविवार की शाम जसराजपुर पहुंच गए।

थाईलैंड से आई हैं ये प्रजातियां

मैंग्रोव ट्रंपेट

जाइंट रैफलेसिया

ऑर्चिड

फ्रेंगगिपेनी

क्रैचियो

जेस्मीन 

क्या है बौधिचर्यावतार

दलाई लामा तीन दिन तक उपासकों को बौधिचर्यावतार विषय पर ज्ञान देंगे। वाईबीएस के महासचिव भंते उपनंद थैरो ने बताया कि बुद्ध होने से पूर्व की जाने वाली दिनचर्या को बौधिचर्यावतार कहा जाता है। उन्होंने बताया कि भगवान बुद्ध ने गृहस्थ जीवन में सुख समृद्धि पाने के लिए ज्ञान की बातों को बौधिचर्यावतार में ही बताया था। तीन दिन दलाई लामा बौधिचर्यावतार के 16 अध्यायों पर उपासकों से चर्चा करेंगे। 2015 में भी यहीं से दलाईलामा ने धम्म पद विषय पर प्रवचन किया था।

संकिसा में विश्राम कर सोमवार को मैनपुरी पहुंचेंगे

तिब्बती धर्मगुरु के दीदार को प्रतीक्षारत उपासकों का इंतजार रविवार को समाप्त हो गया। तीन दिवसीय प्रवचन कार्यक्रम के लिए दलाई लामा फर्रुखाबाद के संकिसा पहुंच गए। सोमवार को वह प्रवचन के लिए मैनपुरी के जसराजपुर पहुंचेंगे। 14 वें दलाईलामा तेनजिन ग्यात्सो तीन दिवसीय प्रवचन कार्यक्रम में यूथ बुद्धिष्ठ सोसायटी (वाईबीएस) के बुलावे पर रविवार को फर्रुखाबाद के संकिसा पहुंचे थे। पूर्वान्ह 11:15 बजे मोहम्मदाबाद हवाई पट्टी पर चार्टड प्लेन से पहुंचे दलाईलामा का आयोजन समिति के अध्यक्ष पूर्व मंत्री आलोक शाक्य, वाईबीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश बौद्ध, महासचिव भंते उपनंद थैरो, डीएम फर्रुखाबाद मोनिका रानी, एसपी संतोष मिश्रा ने स्वागत किया। सभी से मुलाकात कर दलाईलामा संकिसा के होटल रॉयल में पहुंचे। यहां पहले से उनके इंतजार के लिए बैठे वाईबीएस वॉलंटियर्स ने उनका परंपरागत तरीके से स्वागत किया। वॉलंटियर्स से पांच मिनट संवाद करने के बाद वे विश्राम के लिए होटल चले गए। वाईबीएस के अध्यक्ष सुरेश बौद्ध ने बताया कि दलाई लामा के साथ आए स्टॉफ के लिए होटल रॉयल के सभी 28 कमरे बुक किए गए हैं। दलाईलामा सोमवार सुबह नौ बजे वाईबीएस सेंटर पर पहुंच कर उपासकों से रूबरू होंगे। रविवार शाम तक 60 हजार से ज्यादा लोगों को कार्यक्रम में शामिल करने के लिए पास जारी कर दिए गए थे। प्रेमङ्क्षसह शाक्य, रोहित बौद्ध, उत्तम बौद्ध, तीर्थराज बौद्ध, प्रवीन बौद्ध, रवि शाक्य, आलोक ङ्क्षसह, प्रिया बौद्ध, राकेश बौद्ध, अभिलास ङ्क्षसह मौजूद रहे।

23 टीमों के जिम्मे व्यवस्था

दलाई लामा के कार्यक्रम के लिए आयोजन समिति ने विभिन्न 23 टीमें बनाई हैं। एक हजार वॉलंटियर्स वाली 23 टीमों के ग्रुप लीडर को व्यवस्था पर निगाह बनाए रखने के लिए जिम्मा दिया गया है। वॉलंटियर्स को पहचान के लिए अलग से पास जारी किए गए हैं। रविवार दोपहर प्रशासन ने वाईबीएस पदाधिकारियों के साथ वॉलंटियर्स को व्यवस्थाओं को संभालने के लिए जरूरी बातें बताई।

व्यवस्थाओं को लेकर ब्रीफिंग

दलाईलामा के कार्यक्रम के लिए रविवार को पंडाल का काम पूरा कर लिया गया। इसके अतिरिक्त मंच, भोजन, प्रकाश, पेयजल, शौचालय, परिवहन, पार्किंग, सुरक्षा आदि व्यवस्थाओं को लेकर एसडीएम भोगांव पीसी आर्य, सीओ प्रयांक जैन व इंस्पेक्टर श्याम ङ्क्षसह पीलवान ने पूरे परिसर में जानकारी जुटाई। फर्रुखाबाद जिला प्रशासन के अधिकारियों ने भी कार्यक्रम स्थल पर पहुंच कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया।

दो जोन का फोर्स संभालेगा सुरक्षा जिम्मा

दलाईलामा की सुरक्षा का जिम्मा उनकी निजी सुरक्षा के अतिरिक्त दो जोन का फोर्स संभालेगा। स्थानीय प्रशासन के अतिरिक्त गृह मंत्रालय, इंटेलीजेंस व विदेश मंत्रालय के अधिकारियों पर सुरक्षा का जिम्मा रहेगा। इन टीमों के सहयोग के लिए आगरा व कानपुर जोन के तकरीबन 500 पुलिस कर्मी तैनात रहेंगे। इनके अतिरिक्त दो एएसपी, छह सीओ, 14 थानाध्यक्ष व एक कंपनी पीएससी के जवान सुरक्षा के मोर्चे पर तैनात रहेंगे। रास्ते में उन्हें लाने के लिए रविवार शाम फ्लीट के रूट का निरीक्षण किया गया।

ये रहेगा शेड्यूल

धम्म प्रवचन कार्यक्रम में सोमवार सुबह जसराजपुर पहुंच रहे दलाईलामा सबसे पहले यहां नवनिर्मित बुद्ध विहार का लोकार्पण कर पूजा अर्चना करेंगे। इसके बाद यहां लगने वाली प्रदर्शनी का अवलोकन कर सकते हैं। प्रदर्शनी में बौद्ध संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। दलाईलामा सुबह 8:45 से 11:30 बजे तक प्रवचन करेंगे। 11:30 से 2 बजे तक भोजन के उपरांत होटल में विश्राम के लिए चले जाएंगे। शाम को 3 से 4:30 बजे तक विभिन्न गुरु प्रवचन करेंगे। इसके बाद शाम 6 से रात 9 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। तीनों दिन यही शेड्यूल रहेगा।

मिलेगी इंटरनेट की तेज रफ्तार

दलाईलामा के कार्यक्रम में आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर इंटरनेट सुविधा मुहैया कराने के लिए रिलायंस जीओ के तीन टॉवरों ने काम करना शुरू कर दिया है। मुंबई के विशेषज्ञों की निगरानी में रविवार को इंटरनेट की रफ्तार को परखा गया। जीओ के नेटवर्क से ही दलाईलामा के कार्यक्रम को लाइव किया जाएगा। इसके अतिरिक्त पंडाल में जगह-जगह एलईडी स्क्रीन लगाई जा रही हैं।

तीन दर्जन देशों के अनुयायियों ने कराए पंजीकरण

दलाईलामा के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रविवार की दोपहर तक तीन दर्जन देशों के उनके अनुयायी जसराजपुर व संकिसा के होटलों में पहुंच गए। विदेशियों ने कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अपना पंजीकरण करा दिया। इस कार्यक्रम में विदेशियों के लिए मैनपुरी, फर्रुखाबाद, एटा, कन्नौज के होटलों को बुक किया गया है। विदेशियों के लिए भोजन की व्यवस्था भी अलग की से की गई है। विदेशी श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पूछताछ केंद्र बनाया गया है।

चालीस देशों के अनुयायी आने की संभावना

तिब्बती धर्मगुरु के कार्यक्रम में करीब 40 देशों के अनुयायी आने की संभावना है। अब तक पहुंचे इंग्लैंड, अमेरिका, जर्मनी, पोलैंड, थाईलैंड, रसिया, भूटान, तिब्बत, मंगोलिया व स्विटजरलैंड से आए श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की।

भोजन बनाने का जिम्मा 500 लोगों पर

कार्यक्रम में आने वाले उपासकों की भोजन व्यवस्था के लिए बड़ा एरिया कवर किया गया है। 500 कारीगर तीनों दिन उपासकों के लिए भोजन बनाएंगे। भोजन वितरण की कमान वाईबीएस वॉलंटियर्स संभालेंगे। रविवार को भोजन बनाने का काम शुरू कर दिया गया।

विशेष महत्व रखता है फर्रुखाबाद का संकिसा

बौद्ध धर्म के अनुयायियों में शांति का बोध कराने वाली आध्यात्मिक व सांस्कृतिक विरासत संजोने वाली धरती संकिसा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि यहां भगवान बुद्ध का स्वर्ग से अवतरण हुआ था। यहीं पर उन्होंने अपनी मां को उपदेश दिया था।


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