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मेघायल में डयूटी के दौरान जवान की निमोनिया से मौत, दी गई अंतिम विदाई Agra News

बीएसएफ में जवान थे कासगंज के गंजडुंडवारा की गांव सनौडी निवासी रविंद्र बघेल। 23 जून से चल रहे थे बीमार।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Fri, 28 Jun 2019 01:43 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jun 2019 01:43 PM (IST)
मेघायल में डयूटी के दौरान जवान की निमोनिया से मौत, दी गई अंतिम विदाई Agra News
मेघायल में डयूटी के दौरान जवान की निमोनिया से मौत, दी गई अंतिम विदाई Agra News

आगरा, जेएनएन। मेघालय में तैनाती के दौरान बीएसएफ के एक जवान रविंद्र बघेल की निमोनिया के चलते मौत हो गई। जवान कासगंज के गंजडुंडवारा की ग्राम पंचायत सनौडी खास के मजरा नगला गढिया के रहने वाले थे। गांव में जवान की मौत की खबर मिलते ही कोहराम मचा हुआ था। सैन्‍य वाहन से शुक्रवार सुबह जवान का शव उनके गांव पहुंचा। जवान के अंतिम दर्शन के लिए हजारों लोग एकत्र हो गए। गार्ड ऑफ ऑनर के साथ 

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जवान का अंतिम संस्‍कार किया गया। 

इंडो-बांग्ला चेक पोस्ट के डौकी क्षेत्र तैनात रवींद्र 22 जून को उप निरीक्षक पद की विभागीय परीक्षा देने मेघायल आए थे। 23 जून को निमोनिया बुखार की शिकायत होने पर क्षेत्राधिकारी सैफुल रहमान ने निगरिम सिविल अस्पताल शिलांग में उन्‍हें भर्ती कराया जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। रवींद्र का पार्थिव शरीर हवाई जहाज से दिल्ली लाया गया। 25 बटालियन छाबला कैम्प दिल्ली बीएसएफ के 10 जवान उप निरीक्षक जयवीर सिंह की अगुआई में पार्थिव शरीर लेकर सैन्य वाहन शुक्रवार सुबह गांव पहुंचा था। 

बता दें किे सैनिक वीरेंद्र की प्रारंभिक शिक्षा पटियाली के सरस्वती शिशु मंदिर में हुई थी। 12वीं कक्षा पटियाली के श्री भागवत राष्ट्रीय इंटर कालेज से पास करने के बाद बीएससी गंजडुंडवारा के पीजी कालेज से की। इसके बाद रवींद्र बीएसएफ में भर्ती हो गए थे।

मासूम को नहीं मालूम पिता का उठ गया साया

जिस वक्‍त शहीद रवींद्र सिंह बघेल का पार्थिव शरीर सेना के वाहन से गांव पहुंचा,  उस समय शहीद कीर चार वर्षीय रश्मि खिलखिला रही थी। मासूस को पिता का साया सिर से उठने की समझ नहीं थी। इधर पत्‍नी आरती एवं अन्‍य परिजनों को रो रोकर बुरा हाल था। 

अंतिम बार होली पर आया था गांव

वर्ष 2013 में बंगलुरु से बीएसएफ में भर्ती हुए रविंद्र अंतिम बार अपने घर होली पर आए थे। उस वक्‍त एक माह पूरा परिवार के साथ बिताया और दोबारा जल्‍दी आने का वादा करके गए थे। 


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