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अधिकारियों की नाक के नीचे खेल, नियमों की कब्र पर स्मार्ट सिटी कार्यालय की नींव Agra News

दो करोड़ से नगर निगम परिसर में बना है कार्यालय। बिना नक्शा पास कराए कार्यालय और कमरों का चल रहा निर्माण।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Fri, 05 Jul 2019 02:39 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jul 2019 02:39 PM (IST)
अधिकारियों की नाक के नीचे खेल, नियमों की कब्र पर स्मार्ट सिटी कार्यालय की नींव  Agra News
अधिकारियों की नाक के नीचे खेल, नियमों की कब्र पर स्मार्ट सिटी कार्यालय की नींव Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा को स्मार्ट सिटी बनाया जा रहा है। पांच साल में 2300 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। आगरा स्मार्ट सिटी कार्यालय की जिस बिल्डिंग में अफसर बैठकर नियम बनाएंगे, उसकी नींव ही नियमों को तोड़कर बनाई गई है। इस भवन का नक्शा ही एडीए से पास नहीं कराया गया है। कार्यालय के बगल में चार कमरे और बन चुके हैं, जबकि तीन निर्माणाधीन हैं।

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आगरा शहर में कोई भी सरकारी या फिर गैर सरकारी निर्माण का नक्शा पास होना जरूरी है। तीन सौ मीटर से अधिक के भवन का नक्शा ऑनलाइन पास होता है। नौ जनवरी 2017 को आगरा स्मार्ट सिटी लि. का गठन किया गया। इसके चेयरमैन मंडलायुक्त और सीईओ नगरायुक्त हैं। नगर निगम परिसर में कार्यालय के निर्माण का फैसला लिया गया। दो करोड़ रुपये से कार्यालय की मरम्मत व नए निर्माण के आदेश दिए। एक साल पूर्व पुराने कमरों की मरम्मत कराई गई और फिर समीप पड़ी जगह पर नये भवन का निर्माण शुरू हुआ। अफसरों के बैठने का कार्यालय बन कर तैयार है। तीन माह पूर्व चार कमरे और बनकर तैयार हो गए। अब तीन कमरों का निर्माण चल रहा है। कार्यालय और सभी कमरों का नक्शा पास नहीं है। अब अधिकारी इसे दबाने में लगे हुए हैं। साथ ही नक्शा पास कराने के लिए आवेदन भी किया जा रहा है।

आरटीआइ ने खोली पोल

एक माह पूर्व आगरा स्मार्ट सिटी कार्यालय के नक्शा को लेकर आरटीआइ मांगी गई थी। विभाग ने एडीए से स्वीकृत मानचित्र के बदले खुद की ड्राइंग की छाया प्रति दी। इसी से नक्शा पास न होने का शक हुआ।

एसएन में भी तीन बिल्डिंग बन रहीं बिना नक्शे के

आगरा स्मार्ट सिटी लि. की तर्ज पर एसएन मेडिकल कॉलेज भी है। एसएन में तीन बिल्डिंगों का निर्माण चल रहा है। इन सभी का एडीए से नक्शा पास नहीं है।

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने एसएन में 200 करोड़ रुपये से सुपर स्पेशिलिटी विंग का शिलान्यास किया था। यह विंग नेत्र रोग विभाग के ठीक सामने बन रही है। इसी तरह से 16.86 करोड़ से हॉस्टल और 9.45 करोड़ से ऑडिटोरियम का निर्माण चल रहा है। हॉस्टल का कार्य अंतिम चरण में है। सवाल उठता है कि सरकारी बिल्डिंगों को निर्माण की अनुमति कैसे मिल गई, जबकि बिना नक्शा पास कराए भवन निर्माण पर एडीए नोटिस जारी कर देता है।

एडीए की लापरवाही की खुली पोल

सरकारी भवनों से एडीए को नक्शे का शुल्क नहीं मिलता है लेकिन नियमानुसार नक्शा होने के बाद ही निर्माण शुरू किया जा सकता है।

क्‍या कहते हैं अधिकारी

आगरा स्मार्ट सिटी कार्यालय सरकारी है। इसका नक्शा पास कराने की कोई जरूरत नहीं है।

आरके सिंह, नोडल अधिकारी आगरा स्मार्ट सिटी लि.

स्मार्ट सिटी कार्यालय, एसएन में बन रहा ऑडिटोरियम, सुपर स्पेशिलिटी विंग, हॉस्टल का नक्शा पास नही है। सरकारी भवनों का नक्शा पास होना भी जरूरी है। मामले की जांच कराई जा रही है।

एनके चौधरी, अधिशासी अभियंता नक्शा एडीए  


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