By Poll Agra North: धीमा मतदान बना चिंता, आंकड़ा बढ़ाने को सियासी योद्धा कूदे मैदान में
सुबह से ही मतदान प्रतिशत नहीं रहा उत्साहजनक। मतदान केंद्रों पर दिखने लगा सन्नाटा। भाजपाई व अन्य दल हुए सक्रिय। सोशल मीडिया पर भी अपील।
आगरा, प्रतीक गुप्ता। आगरा उत्तर विधानसभा सीट शुरुआत से राजनीतिक दलों के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बनी हुई है। हालांकि यह गढ़ काफी समय से भाजपा का रहा है। विधायक जगन प्रसाद गर्ग यहां से लगातार पांच बार चुने गए। उनके मुकाबले में जो भी आया, भारी मतों के अंतर से शिकस्त का सामना उसे करना पड़ा। जगन प्रसाद गर्ग के निधन के बाद दूसरों दलों के मन में उम्मीद की किरण जागी। वहीं भाजपा भी इस किले को हाथ से नहीं जाने देना चाहती थी। इसलिए ही पार्टी के पुराने और जमीन से जुड़े कार्यकर्ता पर दांव खेला।
तारीख 19 मई 2019 दिन रविवार को वह घड़ी आ गई, जब उत्तर विधानसभा का नया विधायक चुनने के लिए मतदान हो रहा है। सुबह सात बजे मौसम का मिजाज कुछ ठंडा ही था। धूप निकल आई थी लेकिन शीतल हवा गर्माहट का अहसास नहीं होने दे रही थी। ऐसे में राजनीतिक दलों को उम्मीद थी कि सुबह से ही झड़कर वोटिंग होगी।
हुआ एकदम उलट। रविवार की खुमारी मतदाताओं पर हावी रही। साप्ताहिक अवकाश बतौर अलसाए हुए लोग बिस्तर छोडऩे को तैयार नहीं थे। सुबह नौ बजे तक महज 9.2 फीसद वोटिंग ने पार्टियों की चिंता बढ़ा दी। भाजपाई खेमा इस बात को लेकर सक्रिय हो गया। पदाधिकारियों को निर्देश दिए गए कि क्षेत्र में मुस्तैद हो जाएं।
पार्टी के आला पदाधिकारी से लेकर विधायक तक के रूप में सियासी योद्धा मैदान में कूद पड़े हैं। उम्मीदवार पुरुषोत्तम खंडेलवाल के समर्थन में फतेहपुरसीकरी से लोकसभा प्रत्याशी राजकुमार चाहर नगला बूढ़ी में समर्थकों के साथ पहुंचे। वहीं विधायक योगेंद्र उपाध्याय, रामप्रताप सिंह चौहान, हेमलता दिवाकर, डा. जीएस धर्मेश ने भी अलग-अलग क्षेत्रों में मोर्चा संभाल रखा है। विजय नगर क्षेत्र में प्रमोद गुप्ता को जिम्मेदारी मिली है। मेयर नवीन जैन कमलानगर क्षेत्र में सक्रिय रहे। भाजपा जिलाध्यक्ष श्याम भदौरिया, महानगर अध्यक्ष विजय शिवहरे भी जिला और महानगर की अपनी टीम के साथ उत्तर विधानसभा में भ्रमण करते रहे। प्रयास यह है कि मतदाता घर से निकलें। इसे छुट्टी न समझें बल्कि 10 मिनट का समय निकालकर मतदान करें।
दूसरी तरफ गठबंधन प्रत्याशी के समर्थक भी मतदान केंद्रों के पास सक्रिय हो गए। पूर्व विधायक मधुसूदन शर्मा अपने पुत्र सूरज शर्मा के लिए कमर कसे घूम रहे हैं। कांग्रेस खेमा भी अपने प्रत्याशी रणवीर शर्मा के समर्थन में इस बार सुबह से ही चुस्त नजर आया। पूर्व शहर अध्यक्ष राम टंडन, शब्बीर अब्बास, समीर चतुर्वेदी, उमाशंकर उपाध्याय, नरोत्तम शर्मा आदि टीम के साथ मतदान केंद्रों का जायजा ले रहे हैं।
सभी दलों को यह चिंता सता रही है कि मतदान फीसद अगर नहीं बढ़ा तो परिणाम में उलटफेर हो सकता है। हालांकि राजनीतिक दल जिस तरह से समय रहते हुए सक्रिय हुए हैं। उसको देखते हुए यह उम्मीद भी बंधी है कि दोपहर होने तक मतदाताओं का आलस दूर होगा और शाम होने तक आंकड़ा सम्मानजनक स्थिति हासिल करेगा।
सोशल मीडिया पर चली अपील
धीमी गति से चढ़ रहे मतदान के ग्राफ को लेकर केवल राजनीतिक दलों में ही चिंता नजर नहीं आ रही। बल्कि सामाजिक, धार्मिक और आमजन भी इसे लेकर परेशान दिखे। सुबह नौ और फिर पूर्वाह्न 11 बजे के आंकड़े देख, लोग वाट्सएप और फेसबुक पर सक्रिय हो गए। अपनी तरफ से मतदान के प्रति प्रोत्साहित करने को मैसेज बनाकर शेयर किए जाने लगे।
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