दरवेश हत्याकांड: धीमी पड़ी पुलिस की जांच, पांच दिन बाद भी खाली हाथ Agra News
न्यू आगरा थाने में दर्ज हुए मुकदमे में मनीष के साथ उसकी पत्नी वंदना समेत एक अन्य नामजद हैं। सोशल मीडिया पर जांच में भी नहीं लगा पुलिस के कुछ हाथ।
आगरा, जागरण संवाददाता। उप्र बार कौंसिल अध्यक्ष दरवेश सिंह की दीवानी में हत्या के मामले में पुलिस की जांच ढीली पड़ती दिख रही है। चार दिन की जांच में अभी पुलिस हत्या की वजह भी स्पष्ट नहीं कर सकी है। अब पुलिस की निगाहें मनीष की हालात पर टिकी हुई हैं।
उप्र बार कौंसिल अध्यक्ष दरवेश की बुधवार दोपहर दीवानी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद हत्या आरोपित अधिवक्ता मनीष बाबू शर्मा ने खुद को गोली मार ली। मनीष अभी गंभीर हालत में गुरुग्राम स्थित मेदांता मेडिसिटी में भर्ती है। वह अभी वेंटीलेटर पर है। इस मामले में न्यू आगरा थाने में दर्ज हुए मुकदमे में मनीष के साथ उसकी पत्नी वंदना समेत एक अन्य नामजद हैं। इनमें से मुख्य आरोपित वेंटीलेटर पर है। जबकि अन्य दोनों आरोपित अभी बाहर हैं। पुलिस अभी उन तक भी नहीं पहुंच सकी है। हत्या के समय मौके पर आठ चश्मदीद थे। इनमें से केवल तीन चश्मदीद के ही पुलिस बयान ले सकी है। अन्य चश्मदीद अभी पुलिस की पहुंच से बाहर हैं। हत्या की वजह जानने के लिए पुलिस ने सोशल मीडिया की मदद ली, लेकिन इससे भी कुछ हासिल नहीं हुआ। फिलहाल पुलिस मनीष की हालत पर नजर रखे हैं। अगर हालत में सुधार हुआ तो उससे पूछताछ की जाएगी।
मोबाइलों की फोरेंसिक जांच में लगेगा समय
उप्र बार कौंसिल अध्यक्ष की हत्या में पुलिस को मौके से छह मोबाइल मिले हैं। इनमें दरवेश और मनीष के मोबाइल भी शामिल हैं। इनकी पुलिस ने जांच की, लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ। अब पुलिस इन्हें फोरेंसिक जांच को भेज रही है। इस जांच में भी काफी समय लगेगा।
कॉल डिटेल खंगाल रही पुलिस
पुलिस घटना के दूसरे दिन से ही हत्याकांड से जुड़े सभी लोगों की कॉल डिटेल खंगाल रही है। इनकी आपस में कितनी बात और कब बात हुई? यह देखा जा रहा है। मगर, विवेचना की गोपनीयता के चलते पुलिस इसे साझा नहीं कर रही।
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