ताजमहल से गायब हुए मैग्नेटिक क्वाइन, छह लाख की चपत, जानिए पूरा मामला Agra News
11 जून को ताजमहल पर टर्न स्टाइल गेट लगने पर हुई थी शुरुआत। दो माह में गायब हो चुके हैं करीब छह हजार मैग्नेटिक क्वाइन।
आगरा, जागरण संवाददाता। ताजमहल पर मैग्नेटिक क्वाइन की शुरुआत के बाद से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) को छह लाख रुपये की चपत लग चुकी है। ऐसा पर्यटकों द्वारा स्मारक के गेट बंद होने के बाद प्रवेश नहीं मिलने पर क्वाइन साथ ले जाने से हुआ है। अब तक करीब छह हजार क्वाइन गायब हो चुके हैं।
एएसआइ ने 11 जून को ताजमहल पर टर्न स्टाइल गेट पर मैग्नेटिक क्वाइन से प्रवेश देने की शुरुआत की थी। पूर्वी व पश्चिमी गेटों पर मैग्नेटिक क्वाइन को स्कैन करने के बाद ही पर्यटक स्मारक में प्रवेश व निकासी कर पाते हैं। 11 जून से अब तक करीब छह हजार मैग्नेटिक क्वाइन गायब हो चुके हैं। एएसआइ को एक क्वाइन करीब 100 रुपये का पड़ता है। छह हजार क्वाइन खोने से अब तक एएसआइ को छह लाख रुपये का नुकसान हो चुका है।
अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार बताते हैं कि मैग्नेटिक क्वाइन देश के अन्य स्मारकों पर भी चल रहे हैं, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में वो केवल ताजमहल पर ही खो रहे हैं। इससे सरकारी राजस्व को क्षति पहुंच रही है।
तीन घंटे तक रुक सकते हैं, खोने पर 100 रुपये जुर्माना
मैग्नेटिक क्वाइन से ताज में तीन घंटे तक पर्यटकों के रुकने के नियम को प्रभावी बनाया जा सका है। इससे अधिक रुकने पर भारतीय पर्यटकों को 40 रुपये और विदेशी को 600 रुपये का रिचार्ज कराना होता है। वहीं, क्वाइन खोने पर 100 रुपये जुर्माना लगाया जाता है।
रोज खो रहे 100 क्वाइन
ताज पर 11 जून से 17 अगस्त तक छह हजार क्वाइन 68 दिन में खोए हैं। इनमें से 10 दिन शुक्रवार की साप्ताहिक बंदी के चलते ताज बंद रहा था। औसतन सौ क्वाइन प्रतिदिन खोए हैं।
यह हैं गायब होने के प्रमुख कारण
-ग्रुप के लिए टूर ऑपेरटर व गाइडों द्वारा एक साथ क्वाइन ले लिए जाते हैं। ग्रुप के नहीं आने पर वो क्वाइन लौटकर नहीं आते।
-शाम के समय आए पर्यटक क्वाइन लेने के बाद खाने-पीने में मगन हो जाते हैं। गेट बंद होने पर प्रवेश नहीं मिलने की दशा में वो क्वाइन अपने साथ ले जाते हैं।