Agra Crime News: बहन की गोली मारकर हत्या, शिकायत के बाद नहीं हुई कार्रवाई, पुलिस लेती एक्शन तो बच जाती जान
Agra Crime News पूनम ने पुलिस में भी की थी शिकायत। संपत्ति विवाद के मामले में पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया। ओपी के भतीजे निक्कू चौधरी ने सरेआम रिवाल्वर से फायरिंग कर बहन को मौत के घाट उतार दिया।
आगरा, जागरण संवाददाता। शाहगंज में पूनम की हत्या में पुलिस की लापरवाही सामने आई है। पूनम ने सीओ आफिस में प्रार्थना पत्र देकर भाई की शिकायत की थी। इसमें उसने हत्या की आशंका जताई। मगर, पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। अब स्वजन सवाल उठा रहे हैं कि अगर पुलिस निक्कू पर कार्रवाई करती तो उसकी जान नहीं जाती। तीन दशक से निक्कू की दुकान पर काम करने वाले रामेश्वर और बुआ निर्मला ने बताया कि भाई-बहन के बीच में संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था। इसकी शिकायत पूनम ने पुलिस से की थी।
पूनम के पिता के समय करीब तीन दशक से दुकान पर काम करने वाले रामेश्वर और बुआ निर्मला ने बताया कि भाई-बहन के बीच में संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था। जिसकी शिकायत पूनम ने पुलिस में भी की थी। उसने निक्कू चौधरी पर मारपीट करने और जान से मारने धमकी देने का अारोप लगाया था। सीओ के यहां उसने कुछ दिन पहले प्रार्थना पत्र दिया था। पुलिस समय रहते कार्रवाई करती तो पूनम की हत्या नहीं होती।
भाजपा नेता की हत्या में जेल गया था निक्कू
निक्कू चौधरी का नाम वर्ष 2014 में भाजपा नेता पवन चौहान की हत्या में सामने आया था। सिकदंरा में कारगिल-कर कुंज मार्ग पर वर्ष 2014 में पवन चौहान की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुए निक्कू चौधरी समेत कई लोगों को जेल भेजा था। उक्त हत्याकांड में लेनदेन का विवाद बताया गया था।
पूनम की दोस्ती को लेकर भी था विवाद
परिवार के नजदीकी लोगों ने पुलिस काे बताया कि निक्कू का पूनम से उसकी दोस्ती को लेकर भी विवाद चल रहा था।पूनम गैर मजहब युवक से दोस्ती थी। निक्कू को यह पसंद नहीं था। जिसे लेकर भी दोनों के बीच कई बार विवाद हाे चुका था। परिवार के लोगों को शक था कि दोस्त पूनम को परिवार के खिलाफ भड़का रहा है। वह उससे लाखों रुपये ले चुका था।
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ओपी-लाला का भतीजा होने के चलते बाजार में है निक्कू का दबदबा
हत्यारोपित निक्कू चौधरी ओपी-लाला का भतीजा है। जिसके चलते उसका शाहगंज बाजार में दबदबा था। तीन दशक पहले पुलिस के ओपी और लाला सिरदर्द माने जाते थे। ओपी-लाला का नाम पहली बार 1989 में बलवे व जानलेवा हमले में सामने आया था। वर्ष 1999 में नटराज सिनेमा पर हुए दोहरे हत्याकांड में उनका नाम सामने आया था।वह सुपारी लेकर हत्या कराने के लिए कुख्यात थे।
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लाला पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। ओपी की वर्ष 2013 में इलाहाबाद में सड़क दुर्घटना में मृत्यु हाे गई थी। शाहगंज बाजार में दिसंबर 2009 में हुए चर्चित शैल कुंद्रा हत्याकांड में भी ओपी सुर्खियों में आया था। पुलिस ने दावा किया था कि शैल कुंद्रा की हत्या ओपी ने सुपारी लेकर कराई है। ओपी के विरुद्ध तीन दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज थे।