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गायक अल्ताफ राजा बोले, भारत लेगा हर जवान की शहादत का इंतकाम

-ताज महोत्सव में शुक्रवार को हुई अल्ताफ राजा की प्रस्तुति शाम सात बजे से पहुंच गए थे दर्शक देर रात तक मचा धमाल

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Feb 2019 10:00 AM (IST)Updated: Sat, 23 Feb 2019 10:00 AM (IST)
गायक अल्ताफ राजा बोले, भारत लेगा हर जवान की शहादत का इंतकाम
गायक अल्ताफ राजा बोले, भारत लेगा हर जवान की शहादत का इंतकाम

आगरा, जागरण संवाददाता। ताज महोत्सव का पांचवां दिन। गुरुवार को कलाकार दाद को भी तरसे थे, लेकिन शुक्रवार को नजारा अलग था। तुम तो ठहरे परदेसी.. से पहचान बनाने वाले अल्ताफ राजा को सुनने पहुंचे दर्शक तालियों से कलाकारों की हौसलाअफजाई कर रहे थे। इंतजार था तो अल्ताफ राजा के मंच पर आने का। रात 10:10 बजे मंच पर छाए अंधेरे के बीच लाल कोट और ब्ल्यू जींस पहने वे सामने आए तो तालियों के साथ सीटियां गूंज उठीं।

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अल्ताफ राजा ने शुरुआत पुलवामा हमले में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए की। उन्होंने कहा, दुश्मन की हर कोशिश को कर देंगे नाकाम, यह मत समझ लेना हम यूं ही बैठ जाएंगे। पुलवामा में जो शहीद हुए उन जवानों की कसम, भारत लेगा हर जवान का इंतकाम। इसके बाद उन्होंने गीत 'हर करम अपना करेंगे ऐ वतन तेरे लिए..' सुनाया तो दर्शक सीटियां बजाते हुए झूम उठे। इसके बाद जब उन्होंने आवारा हवा का झोंका हूं, आ निकला हूं पल दो पल के लिए सुनाया..' तो युवा साथ में गुनगुनाने लगे। उन्होंने गीत बड़ी मस्तानी है मेरी महबूबा.. और पर्दा है पर्दा, पर्दा है पर्दा.. सुनाए तो दर्शक झूम उठे। अगली प्रस्तुति उनकी 'हम वो दीवाने हैं जो ताजा हवा लेते हैं, खिड़कियां खोल के मौसम का मजा लेते हैं..' रही। बीच-बीच में वो शेर और शायरी से रंग जमाते रहे। दिल सच्चा और चेहरा झूठा.., ऐ मेरी जौहरा जबी.., देर न हो जाए, कहीं देर न हो जाए.. तुम तो ठहरे परदेसी.., हमें तो लूट लिया हुस्न वालों ने.. सुनाकर उन्होंने लोगों को झुमाया। देर रात तक उनके गीतों पर लोग झूमते रहे।

ख्यालगोई और राजपूती होली की प्रस्तुति

मुख्य मंच पर शुक्रवार शाम मुकेश राय और साथीकलाकारों ने आगरा की लोककला ख्यालगोई और राजपूती होली की प्रस्तुति दी। उन्होंने जब तेरे नाम की ओढ़ चुनरिया, मैं तो नाचूं बीच बजरिया.. सुनाया तो दर्शकों ने तालियां बजाकर उत्साह बढ़ाया। गार्गी रायजादा ने कथक, अंजुल मित्तल ने सितार वादन मेंराग मारू विरहा पेश किया। चंचल उपाध्याय ने गीत मेरे महबूब कयामत होगी.. गाया। डॉ. राज्यश्री बनर्जी ने दिल की धड़कन कहती है.., डॉ. शरण मणि त्रिपाठी ने आज माफ करना कान्हा मेरे, कोई फूल नहीं तुझे चढ़ाने को.. प्रस्तुत किए। पं. सुरेश गंधर्व ने शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति दी।

कुचिपुड़ी नृत्य ने मोहा मन

मुख्य मंच पर कुचिपुड़ी नृत्य की प्रस्तुति ने दर्शकों का मनमोह लिया। टी. रेड्डी, विदुषी बालकृष्णन व आर. सुरेश ने शुरुआत गणपति वंदना से की। इसके बाद उन्होंने दुर्गा स्तुति और कृष्ण तरंगम की भावपूर्ण प्रस्तुति दी।


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