पति ने पिटाई कर निकाला बाहर तो सिलीगुड़ी से चली आई महिला, अपना घर में मिला आसरा
निशा निवासी सिलीगुड़ी बताते हुए कहा कि एक महीने पहले पति ने मार-पीटकर घर से निकाल दिया। इसके बाद वह घर छोड़कर पता नहीं कहां-कहां भटक रही थी।
By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 07 Feb 2019 01:56 PM (IST)Updated: Thu, 07 Feb 2019 01:56 PM (IST)
आगरा, जेएनएन। सिलीगुड़ी की रहने वाली महिला को पति ने एक महीने पहले मारपीट कर घर से निकाल दिया। दर-दर की ठोकरें खा रही महिला को किसी ने वृंदावन का रास्ता दिखा दिया। वृंदावन आ तो गई लेकिन पिछले पांच दिनों से इस्कॉन मंदिर के इर्द-गिर्द घूमती रही। मगर कोई आसरा नहीं मिला। बीमार-परेशान महिला बोलने में भी सक्षम नहीं थी। क्षेत्रीय लोगों ने इसकी कनकधारा फाउंडेशन को जानकारी दी। फाउंडेशन ने महिला को भरतपुर के अपना घर में दाखिल कराया है।
कनकधारा फाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मी गौतम ने बताया कि बुधवार दोपहर उन्हें सूचना मिली कि इस्कॉन के पास रमणरेती पुलिस चौकी क्षेत्र में पिछले चार पांच दिन से करीब 30 वर्षीय महिला बीमारी की हालत में भटक रही है। डॉ. गौतम ने जब महिला के पास पहुंचकर हालचाल जाना तो अपना नाम निशा निवासी सिलीगुड़ी बताते हुए कहा कि एक महीने पहले पति ने मार-पीटकर घर से निकाल दिया। इसके बाद वह घर छोड़कर पता नहीं कहां-कहां भटक रही थी। बताया कि कुछ दिन पहले किसी ने उसे वृंदावन के बारे में बताया और कहा कि वहां आश्रय मिल जाएगा तो मथुरा की ट्रेन में बैठ गई। पांच दिन पहले मथुरा से वृंदावन आ गई। लेकिन आश्रय नहीं मिला। पति का नाम पूछे जाने पर महिला ने कोई जवाब नहीं दिया। डॉ. गौतम ने उसे भरतपुर अपना घर में उपचार और संरक्षण के लिए भेजा है।
कनकधारा फाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मी गौतम ने बताया कि बुधवार दोपहर उन्हें सूचना मिली कि इस्कॉन के पास रमणरेती पुलिस चौकी क्षेत्र में पिछले चार पांच दिन से करीब 30 वर्षीय महिला बीमारी की हालत में भटक रही है। डॉ. गौतम ने जब महिला के पास पहुंचकर हालचाल जाना तो अपना नाम निशा निवासी सिलीगुड़ी बताते हुए कहा कि एक महीने पहले पति ने मार-पीटकर घर से निकाल दिया। इसके बाद वह घर छोड़कर पता नहीं कहां-कहां भटक रही थी। बताया कि कुछ दिन पहले किसी ने उसे वृंदावन के बारे में बताया और कहा कि वहां आश्रय मिल जाएगा तो मथुरा की ट्रेन में बैठ गई। पांच दिन पहले मथुरा से वृंदावन आ गई। लेकिन आश्रय नहीं मिला। पति का नाम पूछे जाने पर महिला ने कोई जवाब नहीं दिया। डॉ. गौतम ने उसे भरतपुर अपना घर में उपचार और संरक्षण के लिए भेजा है।
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