Janmashtmi 2020: CoronaVirus ने छीना उत्सव का उल्लास, बिहारी जी के इन दर्शनों का भी नहीं मिलेगा लाभ
Shri Krishna Janmashtmi बांकेबिहारी की मंगला आरती से वंचित रहेंगे भक्त। सालभर में होती है सिर्फ जन्माष्टमी पर ये आरती।
आगरा, जेएनएन। ठा. बांकेबिहारी मंदिर में मंगला आरती नियमित रूप से नहीं होती। केवल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की रात दो बजे मंगला आरती के दर्शन ठा. बांकेबिहारी मंदिर में होते हैं। यही कारण है कि ठाकुरजी की मंगला आरती दर्शन को देशभर से लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है, लेकिन कोरोनाकाल ने भक्तों से सालभर के इस उत्सव के दर्शन का सौभाग्य छीन लिया। इस बार मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर आराध्य की मंगला आरती परंपरागत तरीके से होगी, लेकिन इन विलक्षण पलों का साक्षी बनने के लिए मंदिर में कोई भी श्रद्धालु मौजूद नहीं होगा।
ठा. बांकेबिहारी मंदिर में मंगला आरती न होने के पीछे मान्यता है कि ठाकुरजी निधिवन राज मंदिर में नित रास रचाते हैं और रास रचाने के बाद वे बांकेबिहारी मंदिर में आकर विश्राम करते हैं। इसलिए वे सुबह देर तक विश्राम करते हैं और सेवायत मंगला आरती नहीं करते। ताकि रात में रास रचाकर थके ठाकुरजी को दिक्कत न हो। ठा. बांकेबिहारी मंदिर में दिनभर की चार आरती ही नियमित रूप से होती है। केवल मंगला आरती भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के दिन ही होती है। इससे पहले ठाकुरजी का पंचामृत से महाभिषेक होता है, जिसके दर्शन भक्तों को नहीं होते।
इन पर्वों के भी भक्तों को न हुए दर्शन
ठा. बांकेबिहारी मंदिर में हर पर्व-उत्सव साल में एक ही दिन मनाया जाता है। मार्च में कोरोना संक्रमण की शुरुआत से शुरू हुए लॉकडाउन के साथ मंदिर में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित हुआ, तो अनेक उत्सव ऐसे निकल गए। जबकि भक्तों को आराध्य के दर्शन सुलभ न हुए। इन उत्सवों में अक्षय तृतीया पर्व जबकि ठाकुरजी साल में एक ही दिन चरण दर्शन देते हैं। हरियाली तीज पर ठाकुरजी साल में एक ही दिन स्वर्ण-रजत ङ्क्षहडोले में विराजित होकर भक्तों को दर्शन देते हैं। अब भगवान की साल में एक ही दिन होने वाली मंगला आरती में भी भक्त और भगवान के बीच कोरोना दीवार बनेगा।