Lockdown: लाकडाउन की सूचना पर आगरा में उमड़ी भीड़, जरूरी वस्तुओं के लिए मनमानी वसूली
Lockdown बाजारों में उमड़ी भीड़ 170 रुपये प्रति लीटर बिक रहा सरसों का तेल आलू 30 रुपये प्रति किलो। आशंका पर पान मसाला होने लगा गायब बड़े व्यापारी उठा रहे मौके का फायदा किरयाना का भी यही हाल।
आगरा, जागरण संवाददाता। शुक्रवार की रात आठ बजे से सोमवार प्रात: सात बजे तक लाकडाउन की सूचना पर मंगलवार को बाजारों में अचानक अफरातफरी का आलम नजर आया। कीमतें अचानक दोगुनी हो गईं। सब्जी, राशन, किराना और दूध की दुकानों पर अचानक ग्राहक टूट पड़े। दुकानदारों ने इसका जमकर फायदा उठाया। देखते ही देखते कुछ देर में ही बाजारों से सब्जियां गायब होने लगीं। पान मसाला मुख्य बाजारों से गायब होने लगा है। बड़े व्यापारियों ने इनकी जमाखोरी और कालाबाजारी शुरू कर दी है। वहीं फुटकर विक्रेता भी ऊंचे दाम पर बेखौफ बिक्री कर रहे हैं। मुख्य बाजारों में अव्यवस्था की स्थिति नजर आई।
मंगलवार सुबह को बाजार खुले लेकिन जैसे ही दोपहर 12 बजे शुक्रवार की रात आठ बजे से सोमवार की सुबह सात बजे तक पूर्ण लाकडाउन की सूचना प्रसारित हुई तो बाजार में भीड़ बढ़ना शुरू हो गई। मोतीगंज, सुभाष बाजार, सदर बाजार, दरेसी, बेलनगंज, रावतपाड़ा, लुहारगली, छत्ता बाजार में दुकानों पर लोगों की भीड़ लग गई। हर कोई घर के लिए राशन लेने पहुंचा था। दाल, चावल, चीनी, सरसों का तेल, मसाले आदि का स्टाक लेकर लोग जा रहे थे। बेलनगंज के दुकानदार शंकर, मोतीगंज के दुकानदार विनीत गोयल,
छत्ता बाजार के दुकानदार नीरज ने बताया कि दाेपहर 12 बजे के बाद बाजार में अचानक भीड़ बढ़ गई है। बेलनगंज किराना व्यापारी संदीप ने बताया कि पिछले 20 दिन में बाजार में ऐसी भीड़ नहीं रही। लोग दाल, चीनी और अन्य जरूरत का सामान लेकर जा रहे हैं। रावतपाडा मे खरीदारी को पहुंचे संजय बंसल ने बताया कि जिस तरह से काेरोना से स्थिति बिगड़ रही है, ऐसे में यहां भी लाकडाउन लगा ताे पिछली बार हुई परेशानी से बचने के लिए अभी राशन खरीद रहे हैं। सदर बाजार निवासी अजय अग्रवाल ने बताया कि दिल्ली व राजस्थान में लाकडाउन लग गया है। आगरा में भी दो दिन का लाकडाउन नही, इसे तीन दिन का लाकडाउन कहिए। ऐसे में वह घर की जरूरत का सामान खरीदने आए हैं।
ऐसे जरूरी वस्तुओं की कीमतें अचानक हो गईं दोगुनी
आगरा सिकंदरा फल एंव सब्जी मंडी में थोक में 15-20 रुपये प्रति किलो बिक रहा आलू रिटेल में 30 रुपये प्रति किलो बिका। कमला नगर, आवास-विकास, विजय नगर व सदर बाजार में टमाटर चालीस रुपये किलो पहुंच गया। नींबू का रेट 180 से बढ़कर 200 रुपये किलो हो गया। भिंंडी 60 रुपये किलो पहुंच गई। करीब-करीब सभी चीजों में ग्राहक की जरूरतें देख दुकानदारों ने लूट मचाई और दो घंटों तक जमकर मनमानी की। यही हाल किरयाना बाजार का रहा। ग्राहकों से मनमाना पैसा वसूला गया। लोगों ने भी अचानक राशन और सब्जियां भरनी शुरू कर दीं। राशन और तेल की दुकानों पर माल कम होने का हवाला देते हुए रिफाइंड और सरसों के तेल के पाउच बीस रुपये लीटर महंगे बेचे गए। सरसों का तेल 170 रुपये प्रति लीटर बिका।
पिछले साल लाकडाउन के दौरान पान मसाला और तंबाकू उत्पादों की जमकर कालाबाजारी की गई थी। पांच रुपये वाला पान मसाला का पाउच 25 से 30 रुपये तक में बेचा गया। थोक दुकानदारों द्वारा की गई जमाखोरी से यह उत्पाद बाजार से गायब हो गये थे। मांग बढ़ने पर जमाखोरों ने खुली लूट की थी। लाकडाउन समाप्त होने के बाद स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होती गई और पिछले महीने तक प्रिंट रेट पर बिक्री चल रही थी। लेकिन लाकडाउन की सुगबुगाहट से जमाखोर फिर सक्रिय हो गए हैं। गोदामों आदि में बड़ी मात्रा में पान मसाला और तंबाकू उत्पाद स्टाक किए जा रहे हैं। फुटकर विक्रेताओं के अनुसार पान मसाला का जो पैकेट उन्हें थोक में 120-125 रुपये में मिलता था, वही पैकेट अब 160 से 180 रुपये तक में खरीदना पड़ रहा है। मजबूरन इनकी फुटकर बिक्री भी मूल्य से अधिक में हो रही है। पांच रुपये वाला एक पाउच छह और सात रुपये में बेचा जा रहा है। जमाखोरी की यही स्थिति रही तो दाम और बढ़ेंगे।