मंच पर रामलीला और पीछे चलीं गोलियां, जानिये क्या हुआ ऐसा कि भड़क गई भीड़
थाने में धरने पर बैठकर नारेबाजी, दूसरे समुदाय के सटोरिये और व्यापारी में पहले हुई थी कहासुनी। बढ़ा विवाद तो चली गोलियां।
आगरा [जेएनएन]: पिछले गणतंत्र दिवस पर हुए दंगे के बाद एक बार फिर पुलिस ने भारी लापरवाही दिखाई। कासगंज जिले के अमांपुर में आयोजित रामलीला मेला में कहासुनी पर अल्पसंख्यक समुदाय के सट्टा माफिया और उसके साथियों ने व्यापारी भाइयों से मारपीट की। उसके बाद एक भाई और अन्य व्यक्ति को गोली मारकर घायल कर दिया। घटना के बाद क्षेत्र में भारी तनाव व्याप्त है।
रविवार रात नौ बजे रामलीला में किसी बात को लेकर सट्टा माफिया शानू उर्फ मुखिया और गुड़ व्यापारी सोनू गुप्ता के बीच विवाद हो गया था। मुखिया और उसके चार साथियों ने सोनू गुप्ता और उसके भाई आकाश को रामलीला मंच के पीछे जमकर पीटा। तमंचे से दोनों पर फायर कर दिया। गोली चलते ही मेले में भगदड़ मच गई। आकाश और शिवम गुप्ता के छर्रे जा लगे। इनमें से आकाश को अलीगढ़ इलाज के लिए भेजा गया। रात को शानू, कयूम, मानू, गुलफान सभी पुत्रगण इरशाद, अकरम सहित दस लोगों के खिलाफ तहरीर दी गई है।
वहीं पुलिस के कार्रवाई न करने से रामलीला कमेटी पदाधिकारी और लगभग चार सौ लोग थाने पहुंच गए। थाने में धरने पर बैठकर पुलिस, प्रशासन और भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की। रात डीएम आरपी सिंह, एसपी अशोक शुक्ला मौके पर पहुंचे। रात एक बजे तक रामलीला मंचन कराने के लिए अधिकारी कोशिशों में लगे थे।
इंस्पेक्टर मूंगफली चबाते रहे, गुस्सा बढ़ गया
गोली लगने के बाद लोगों ने थाने में इंस्पेक्टर शशिकांत शर्मा को घटना की जानकारी दी। वह मौके पर पहुंचे इंस्पेक्टर को लोगों ने दोषियों की गिरफ्तारी को अल्टीमेटम दिया। आरोप है कि इसके बावजूद वह बारादरी पर जाकर आराम से मूंगफली खाने बैठ गए। इससे आक्रोश बढ़ गया।