समस्या के निदान को दिल्ली जाएंगे जूता कारोबारी
टेंडर में मानदंडों की शर्तें लगाए जाने से नहीं मिल रहा काम तीन वर्षों में आगरा में 45 में से 35 बूट फर्में हो चुकी हैं बंद
आगरा, जागरण संवाददाता। ताजनगरी के घरेलू जूता कारोबारी केंद्र सरकार के समक्ष अपना पक्ष रखने दिल्ली जाएंगे। रविवार को बूट मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन ने केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्यमंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल को ज्ञापन सौंपकर 30-35 फैक्ट्रियां बंद होने पर पीड़ा जताई। सरकारी टेंडरों के मानदंड बदलने की मांग की गई, जिससे छोटे जूता उद्यमी भी काम कर सकें। केंद्रीय मंत्री ने उनकी समस्या दूर कराने का आश्वासन दिया है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील गुप्ता और सचिव अनिल महाजन के नेतृत्व में 15 जूता कारोबारियों ने केंद्रीय राज्य मंत्री से मुलाकात की। जूता कारोबारियों ने कहा कि दिल्ली की कुछ फर्में आगरा की फर्मों के खिलाफ दुष्प्रचार कर रही हैं, जिससे पिछले तीन वर्षों से आगरा की फर्मों को टेंडर में कुछ नए मानदंड लगाकर शामिल नहीं करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। बताया कि इस वजह से आगरा की 45 में से 35 बूट फैक्ट्रियां बंद हो गई हैं और चार से पांच हजार मजदूर बेरोजगार हो गए हैं। जिन फर्मों का टर्नओवर पहले आठ करोड़ था, वो घटकर दो करोड़ रह गया है। आगरा की फर्में पहले से ही अपग्रेड व मानदंडों पर खरी हैं। टेंडर में मशीनों से संबंधित शर्तें हैं, उनसे प्रोडक्ट की क्वालिटी नहीं, सिर्फ क्वांटिटी पर फर्क पड़ता है। पिछले 15 वर्षों से आगरा की फर्में सफलता पूर्वक काम कर रही हैं। क्राइटेरिया लगाए जाने से सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है। राहुल महाजन, धर्मपाल गुप्ता, रूफ खान, नीना महाजन, पल्लवी, भारती धनवानी, प्रेमसिंह, रामदास, नितिन, हरिओम, सोनू, रोहित, भगवती प्रसाद आदि मौजूद रहे।