सेक्युलर मोर्चा के समर्थन के बिना नहीं बनेगी 2019 में किसी की सरकार: शिवपाल यादव
शिवपाल सिंह यादव का दावा कि सेक्युलर मोर्चा देगा समर्थन तभी बनेगी केंद्र में सरकार। कहा मुलायम का आशीर्वाद हमेशा है उनके साथ। जरूरत पड़ने पर सपा को भी समर्थन देने पर कर सकते हैं विचार।
आगरा जेएनएन: मैनपुरी के करहल में बुधवार दोपहर पहुंचे समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के संयोजक शिवपाल यादव में आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि सेक्युलर मोर्चा के समर्थन के बिना 2019 में किसी की सरकार नहीं बन सकती। पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री मुलायत सिंह की जान को खतरा के बयान पर उन्होंने कहा कि उनकी बात को मीडिया में बढ़ा चढ़ा कर पेश कर दिया गया है। जबकि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा था। शिवपाल ने अपने पूर्व बयान को दोहराते हुए कहा कि जिस देश में गांधी जी की हत्या हो सकती है, लखनऊ में निर्दोष एप्पल के एरिया मैनेजर की हत्या हो सकती है, वहां कुछ भी हो सकता है। ऐसे कुछ लोग होते हैं जो अच्छे और बेकसूर लोगों की जान के दुश्मन होते हैं। नेताजी की जान को भी खतरा हो सकता है।
पत्रकारों ने जब सवाल किया कि दिल्ली में सपा की साइकिल यात्रा के समापन पर मुलायम सिंह पहुंचे थे। जबकि शिवपाल उनका समर्थन अपनी पार्टी के साथ बताते रहे हैं। इस पर शिवपाल ने कहा कि वे बड़े नेता हैं। किसी के बुलाने पर कहीं भी जा सकते हैं।
जरूरत पडऩे पर सपा को क्या शिवपाल का सेक्युलर मोर्चा समर्थन देगा, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि जब समय आएगा, तब इस पर भी विचार कर लिया जाएगा। नेताजी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को आशीर्वाद देने के सवाल पर शिवपाल ने कहा कि नेताजी का आशीर्वाद उनके साथ है और रहेगा।
मैनपुरी पहुंचने के बाद शिवपाल सिंह यादव दोपहर में औंछा क्षेत्र के गांव देवपुरा पहुंचे थे। यहां उन्होंने पार्टी नेता सुजान सिंह से भी मुलाकात की।
सप्ताह पूर्व मुलायम ने शिवपाल के इरादों पर लगा दिया था विराम
समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के संयोजक शिवपाल सिंह यादव भले ही अपने बड़े भ्राता का आशीर्वाद अपने साथ होने का दावा कर लें, लेकिन इससे इतर बड़े भ्राता ने अपने पुत्र अखिलेश यादव को ही आशीर्वाद देकर सारे इरादों और दावों पर विराम लगा दिया है। एक सप्ताह पूर्व
मुलायम ने अखिलेश के पक्ष में बड़ी लकरीर खींच कर शिवपाल के हर दावे को फुस्स कर दिया। इस बात की कसक बुधवार को शिवपाल के चेहरे पर भी साफ नजर आ रही थी।
दरअसल समाजवादी सेक्युलर मोर्चा गठन के बाद से शिवपाल यादव ने मोर्चा के झंडे में न सिर्फ मुलायम का चित्र लगवाया, बल्कि यह घोषणा भी की कि वह मैनपुरी से उन्हें चुनाव भी लड़ाएंगे। मोर्चा के अध्यक्ष पद का प्रस्ताव भी रखा। मुलायम की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया न आने की वजह से इससे सपा कार्यकर्ताओं में भ्रम की स्थिति भी बन रही थी। यह भ्रम दूर करने के लिए मुलायम उचित मंच चाहते थे। एक सप्ताह पूर्व 24 सितंबर को दिल्ली में जंतर-मंतर पर समाजवादियों की साइकिल रैली के समापन पर यह अवसर उन्हें मिल भी गया। उन्होंने वहां न सिर्फ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ मंच साझा किया, बल्कि समाजवादी पार्टी को नौजवानों की पार्टी कहते हुए खुद को हाशिये पर किए जाने को भी एक तरह से स्वीकृति दे दी है।
डैमेज कंट्रोल की कोशिश में जुटे हैं मुलायम
वैसे सेक्युलर मोर्चा के गठन के बाद से मुलायम डैमेज कंट्रोल की कोशिशों में जुटे हुए थे। शिवपाल ने जब मोर्चा की घोषणा की तो उन्होंने लगातार दो दिन तक पार्टी मुख्यालय जाकर कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इसके अलावा शिवपाल को अपने आवास पर बुलाकर भी समझौता कराने की कोशिश की लेकिन विफल रहे थे। कोई चारा न देख अब उन्होंने अपना पक्ष सार्वजनिक रूप से सबके सामने रख दिया है।