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सैफई परिवार के संग्राम से वीआइपी हुई सुहागनगरी, चाचा भतीजे के बीच सियासी जंग

सैफई परिवार के चाचा शिवपाल यादव और भतीजे अक्षय यादव रहेंगे आमने-सामने। कद्दावर चेहरा खोजने में जुटी भाजपा, कांग्रेस में अभी असमंजस।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 21 Feb 2019 11:33 AM (IST)Updated: Thu, 21 Feb 2019 11:33 AM (IST)
सैफई परिवार के संग्राम से वीआइपी हुई सुहागनगरी, चाचा भतीजे के बीच सियासी जंग
सैफई परिवार के संग्राम से वीआइपी हुई सुहागनगरी, चाचा भतीजे के बीच सियासी जंग

आगरा, डॉ. राहुल सिंंघई। सपा का गढ़ रही सुहागनगरी में इस बार लोकसभा चुनाव में सियासी घमासान की पटकथा तैयार हो चुकी है। सैफई परिवार के चाचा-भतीजे के आमने-सामने आने के बाद फीरोजाबाद लोकसभा क्षेत्र वीआइपी हो गया है, जिस पर सियासी भविष्यवेत्ताओं की नजर है। इसके साथ ही नवोदित पार्टी प्रसपा का भविष्य भी यहीं से तय होगा। सैफई परिवार के बीच संग्राम तय होने के बाद अब भाजपा भी कद्दावर चेहरे की तलाश में जुट गई है।

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प्रदेश का फीरोजाबाद जिला इटावा और मैनपुरी के बाद सपा का गढ़ रहा है। शिकोहाबाद में पढ़े मुलायम ङ्क्षसह यादव विधायक बनकर मुख्यमंत्री बने तो अखिलेश यादव ने जोरदार जीत हासिल की। प्रो.रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव वर्ष 2014 में भाजपा के विजयी अभियान को मात देकर लोकसभा पहुंचे। पिछली विस में पांच में से तीन विधानसभा सीटें सपा के खाते में थीं। चुनाव से पहले सैफई परिवार में शुरू हुई सियासी कलह विघटन में बदली और मुलायम के सगे छोटे भाई शिवपाल यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन किया। पार्टी की घोषणा के बाद रोड शो में ताकत दिखाई और फिर भतीजे अक्षय यादव के सामने चुनावी मैदान में उतरने का एलान कर दिया।

एक तरफ सांसद अक्षय यादव सपा और बसपा गठबंधन की ताकत के साथ चुनावी मैदान में उतरेंगे, वहीं शिवपाल यादव सपा के बागियों की ताकत के साथ मोर्चा लेने को तैयार हैं। पांच विस क्षेत्र वाले जिले में शिकोहाबाद, सिरसागंज और जसराना सपा के गढ़ माने जाते हैं। इनमें से सिरसागंज के सपा विधायक हरिओम यादव ने प्रो.रामगोपाल यादव और सांसद के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। सपा में होने के बावजूद खुलकर शिवपाल के मंच पर रहते हैं और पार्टी को खेमे में बदल दिया है। शिवपाल ङ्क्षसह के बेटे आदित्य यादव ने यहां अपने पिता के चुनाव प्रचार की कमान संभाल रखी है, वहीं प्रो. रामगोपाल यादव अपने बेटे के लिए लगातार जनसभाएं कर रहे हैं। फिलहाल कांग्रेस अभी असमंजस में है।

गढ़ से लंबी बढ़त पाकर जीते थे अक्षय...

वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में अक्षय यादव खासी बढ़त से जीते थे। शिकोहाबाद 29 हजार, सिरसागंज से 73 हजार और जसराना से 46 हजार की बढ़त मिली थी। कुल मिलाकर 1.14 लाख वोट से जीत हासिल की थी।

वर्ष 1999 से वनवास पर चल रही भाजपा...

फीरोजाबाद लोकसभा में 1998 में भाजपा के प्रभूदयाल कठेरिया चुनाव जीते थे। इसके बाद 1999 और 2004 में सपा के रामजी लाल सुमन जीते और 2009 में अखिलेश यादव ने जीत हासिल की। सीट छोडऩे के बाद उपचुनाव में उनकी पत्नी ङ्क्षडपल यादव को कांग्रेस के राजबब्बर ने हरा दिया था। इसके बाद 2014 में सपा ने फिर से सीट अपने नाम कर ली।


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