संवेदनहीनता: उपचार के लिए तड़पती रही मुस्कान, नहीं किया गया एसएन में भर्ती Agra News
एसएन इमरजेंसी के बाहर दो घंटे स्ट्रेचर पर पड़ी रही बीमार बालिका। हालत खराब होने पर डॉक्टरों ने दिल्ली या जयपुर ले जाने को कहा।
आगरा, जागरण संवाददाता। एसएन इमरजेंसी में इलाज के लिए आई 12 साल की मुस्कान तड़पती रही। उसके परिजन डॉक्टरों से भर्ती करने की गुहार लगाते रहे, लेकिन डॉक्टरों ने हालत गंभीर होने की बात कहकर भर्ती करने से इन्कार कर दिया।
किरावली के मनिकपुरा निवासी मानिक चंद की 12 साल की बेटी मुस्कान कई दिनों से बीमार है। हालत ज्यादा खराब होने पर परिजन मंगलवार सुबह उसे एसएन इमरजेंसी लेकर पहुंचे थे। पीड़िता के पिता ने बताया कि कई दिनों से बुखार और खांसी थी। गांव में इलाज से आराम नहीं मिला। मंगलवार दोपहर 12 बजे बेटी को इमरजेंसी लेकर आए थे। डॉक्टरों ने उसकी हालत देखकर कहा कि इसकी स्थिति ज्यादा खराब है। इसे इलाज के लिए जयपुर या दिल्ली ले जाओ और उसे भर्ती करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि वह गरीब है, उनके पास उसे वहां तक ले जाने तक के रुपये नहीं है। यहां पर ही भर्ती कर इलाज कर दें, लेकिन मुस्कान को भर्ती नहीं किया गया। करीब दो घंटे तक मुस्कान इमरजेंसी के बाहर स्ट्रेचर पर इलाज के लिए तड़पती रही। उसके परिजन भी बाहर खड़े रहे कि शायद बेटी की हालत देखकर डॉक्टर उसे भर्ती कर लें। दोपहर दो बजे तीमारदार उसे लेकर चले गए। प्राचार्य डॉ. जीके अनेजा का कहना है कि मरीज को भर्ती किया जाना चाहिए था। इस संबंध में विभागाध्यक्ष से रिपोर्ट मांगी है।
पिता बोले, अब भगवान के भरोसे
मानिक चंद ने बताया कि वह मजदूरी करते हैं। लोगों ने कहा था कि इमरजेंसी में इलाज मिल जाएगा, इसलिए उसे यहां लाए। उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। अब बेटी को भगवान के भरोसे छोड़ दिया है।