Crime Control in Agra: आगरा में पुलिस के मुखबिर बन रहे सीसीटीवी कैमरे, बेनकाब हो रहे अपराधी
Crime Control in Agra सीसीटीवी कैमरों की मदद से खुल रहीं सनसनीखेज वारदातें। शहर में पिछले दिनों हुई हर सनसनीखेज घटना में सीसीटीवी कैमरों की मदद से सुराग मिले। इसके बाद पुलिस ने बदमाशों को दबोच लिया और मामले का पर्दाफाश हो गया।
आगरा, जागरण संवाददाता। पुलिस के होने के साथ ही बदमाश भी सतर्क हो गए हैं। इसलिए वे ऐसा कोई सुराग नहीं छोड़ते, जिससे पुलिस उन्हें सर्विलांस से ट्रैस कर ले। अब पुलिस के लिए सीसीटीवी कैमरे मुखबिर बन गए हैं। शहर में पिछले दिनों हुई हर सनसनीखेज घटना में सीसीटीवी कैमरों की मदद से सुराग मिले। इसके बाद पुलिस ने बदमाशों को दबोच लिया और मामले का पर्दाफाश हो गया। इसीलिए हर घटना के बाद अब पुलिस सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग ही खंगालती है।
15 दिसंबर 2020 को सदर के रोहता में बदमाशों ने इंडियन ओवरसीज बैंक में बैंक मैनेजर और स्टाफ को बंधक बनाकर डकैती डाली थी। बदमाश बैंक से 54.96 लाख रुपये दो बैगों में भरकर ले गए थे। इस सनसनीखेज घटना में पुलिस को कोई सुराग नहीं मिल रहा था। पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग खंगाली। इसमें एक मैरिज होम के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में बदमाश बाइक से जाते हुए दिखे। एक कैमरे में बदमाश बाइक को पैदल खींचते दिख रहे थे। यहां बदमाशों के चेहरे साफ नहीं दिख रहे थे। पुलिस ने जगनेर रोड पर लगे सीसीटीवी कैमरे और देखे। यहां एक बदमाश का चेहरा फुटेज में साफ दिख गया। इसकी पहचान संजू जाटव के रूप में आ गई। पुलिस ने इसके मोबाइल की काल डिटेल की स्टडी की तो मामला खुल गया। सरगना समेत 11 बदमाशों को पुलिस जेल भेज चुकी है। इसी तरह 19 दिसंबर 2020 को सदर के राजपुर चुंगी में प्रापर्टी डीलर हरेश पचौरी की हत्या के मामले में पुलिस को सीसीटीवी कैमरे से सुराग मिले। जिस स्थान पर घटना हुई, उसके पास ही स्मार्ट सिटी के कैमरे लगे थे। इसमें हत्या की पूरी रिकार्डिंग हो गई। इसके बाद पुलिस को एक सीसीटीवी कैमरे से शूटर के साफ चेहरे वाला फुटेज भी मिल गया। इसके बाद शूटर की पहचान सचिन कंजा के रूप में हो गई। इसके बाद घटना का पर्दाफाश हुआ। न्यू आगरा के लायर्स कालेनी स्थित हिंदुस्तान लीवर के डिस्ट्रीब्यूटर के गोदाम में लूट की घटना भी आरोपितों के सीसीटीवी फुटेज से पहचान होने से ही खुली थी। अब सिकंदरा के रुनकता में ट्रांसफार्मर कारखाना में चौकीदार की हत्या में भी सीसीटीवी फुटेज से सुराग मिला है। इसमें दिखी एक मारुति ईको कार की पहचान हो गई। इसके बाद पुलिस ने गैंग के सरगना औा सदस्यों की पहचान कर ली है। ये सभी घटनाएं ऐसी हैं, जिनमें पुलिस को सर्विलांस से कोई सुराग हाथ नहीं लगा था। सीसीटीवी कैमरों से मिले सुराग को लेकर पुलिस आगे बढ़ी और मामलों का पर्दाफाश हो गया। एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि सीसीटीवी कैमरे पुलिस के काफी मददगार साबित हो रहे हैं। पुलिस दिनों घटनाओं में सीसीटीवी कैमरों से सुराग मिले थे।
दो सौ स्थानों पर लगवाए जा रहे कैमरे
स्मार्ट सिटी के तहत शहर में चौराहा व अन्य स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। करीब दो सौ स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने हैं। इनमें से प्रमुख स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं। अभी अन्य स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगा जाने का काम चल रहा है।
लिखापढ़ी तक ही सीमित मुखबिर
हकीकत में पुलिस को मुखबिर तंत्र भले ही पूरी तरह फेल हो गया हो, लेकिन कागजों पर मुखबिर चल रहा था। पुलिस को हर गुडवर्क से पहले बदमाशों के मूवमेंट की सूचना कागजों पर आज भी मुखबिर ही दे रहा है।