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आगरा में विद्युत शवदाह गृह की दूसरी भट्टी आज शाम तक हो सकती है चालू

शनिवार को सुबह चार बजे से रात 11 बजे तक 15 शवों का अंतिम संस्कार। मोक्षधाम में भी जलीं 45 चिताएं। मोक्षधाम में शवों के अंतिम संस्कार के लिए प्रतिदिन 1500 से दो हजार कुंतल लकड़ी लोग लग रही है।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 02 May 2021 01:03 PM (IST)Updated: Sun, 02 May 2021 01:03 PM (IST)
आगरा में विद्युत शवदाह गृह की दूसरी भट्टी आज शाम तक हो सकती है चालू
आगरा के ताजगंज स्थित विद्युत शवदाह गृह में लगी भट्टियां।

आगरा, जागरण संवाददाता। विद्युत शवदाह गृह की दूसरी भट्टी रविवार की शाम तक चालू होने की संभावना है। वहीं, चालू हुई एक भट्ठी पर शनिवार की सुबह चार बजे से ही अंतिम संस्कार का सिलसिला शुरू हो गया। मोक्षधाम पर भी शनिवार को 45 शवों का अंतिम संस्कार किया गया।

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विद्युत शवदाह गृह की पिछले दिनों चारों भट्टी खराब हो गईं। इसके चलते उसमें अंतिम संस्कार की व्यवस्था ठप रही। शुक्रवार को एक भट्टी सही होने के बाद दस शवों का अंतिम संस्कार किया गया था। खराब हुई तीनों भट्टी के गेट और पायदान आदि पिघलने के चलते उन्होंने काम करना बंद कर दिया था। स्थानीय इंजीनियर ने इन भट्टी को सही किया।दूसरी भट्टी को शनिवार तक चालू होना था। मगर, उसका गेट और पायदान (जिसमें शव रखा जाता है) खराब हो गए थे। इसके चलते उसकी मरम्मत में समय लग रहा है। चारों भट्टी के लगातार चलाने से उन्हें ठंडा होने का मौका नहीं मिला।

इससे इन भट्टी का तापमान एक हजार डिग्री सेंटीग्रेड तक पहुंच गया था। इसके चलते वह खराब हुई थीं। विद्युत शवदाह गृह के प्रभारी संजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि दूसरी भट्टी के रविवार शाम तक चालू होने की उम्मीद है।वहीं, विद्युत शवदाह गृह की सिर्फ एक ही भट्टी चालू रहने से मोक्षधाम पर शनिवार को भी अंतिम संस्कार के लिए शवों की लाइन लगी रही। यहां 45 शवों का अंतिम संस्कार किया गया।

भट्टी का तापमान नियंत्रित करने का प्रयास

विद्युत शवदाह गृह के कर्मचारी भट्टी का तापमान पर नियंत्रित करने में जुटे रहे। इससे कि उसके गेट दोबारा न गल सकें। भट्टी का तापमान स्टाफ ने 850 डिग्री सेंटीग्रेड से ज्यादा नहीं जाने दिया। इस तापमान तक पहुंचते ही भट्टी काे कुछ देर के लिए बंद कर दिया जाता था।

मोक्षधाम की नई इमारत में बनाए जा रहे नए चबूतरे

मोक्षधाम की नई इमारत में चिताओं को जलाने के लिए आठ चबूतरे बनाए जा रहे हैं। यह चबूतरे तीन दिन में बनकर तैयार हो जाएंगे। अप्रैल में मोक्षधाम में अंतिम संस्कार के लिए शवों की संख्या लगातार बढ़ रही है। दो दिन पहले स्वजनों को मोक्षधान की पार्किंग में शवों का अंतिम संस्कार करना पड़ा।

मोक्षधाम में 1500 से दो हजार कुंतल लकड़ी रोज की मांग

मोक्षधाम में शवों के अंतिम संस्कार के लिए प्रतिदिन 1500 से दो हजार कुंतल लकड़ी लोग लग रही है। कमेटी द्वारा यह लकड़ी इटावा, औरेया, शिकोहाबाद के अलावा दूर-दराज के जिलों से मंगाई जा रही है। एक चिता में साढ़े तीन से चार कुंतल तक लकड़ी खर्च होती है। मोक्षधाम पर एक महीने से लगातार 40 से 100 शवों के अंतिम संस्कार प्रतिदिन किए जा रहे हैं।

कमेटी को दान में दी आठ ट्रक लकड़ी

महामारी के समय एक आेर लोग दवाओं और आक्सीजन के नाम कालाबाजारी कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर ऐसे लोग भी हैं, जो सहयोग को आगे आ रहे हैं। बजाजा कमेटी को ताजगंज के गोबर चौकी निवासी संजय कुमार ने आठ ट्रक लकड़ी दी है। इससे कि वह जरूरत के लिए उसे स्टाक कर सकें।

नगर निगम की टीम ने संभाली शमशान घाट में सफाई व्यवस्था

दो दिन पहले तक मोक्षधाम की पार्किंग समेत शमशान के अन्य हिस्सों में 90 से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार किया गया था। वहां पर सफाई को लेकर अव्यवस्था फैल गई थी। शनिवार को नगर निगम की टीम ने शमशान घाट पर सफाई व्यवस्था की कमान संभाल ली। चार कर्मचारियों का स्टाफ यहां पर नियमित सफाई के लिए लगाया गया है।

स्टाफ की कमेटी

मोक्षधाम के प्रभारी मनोज शर्मा ने बताया कि कमेटी स्टाफ की कमी से जूझ रही है। इसके लिए जल्द ही और लोगों को रखा जाएगा।

पचकुईंयां कब्रिस्तान पहुंचे नगर निगम के अधिकारी

नगर निगम के अधिकारी शनिवार की दोपहर शाही पचकुईयां कब्रिस्तान पहुंचे। वहां की वक्फ कमेटी के सचिव जहीर उद्दीन बाबर ने अधिकारियों काे बताया कि कोरोना संक्रमित के शवों के दफन करने के लिए दस कब्र खोदी गई थीं। सचिच ने अधिकारियों से वहां पर खरंजा और सबमर्सिबल की व्यवस्था कराए जाने की मांग की। अधिकारियों ने वहां काम करने वालों को पीपीई किट दी। इसके साथ ही शवों दफन करने के कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन करने की कहा। 


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