Good Initiative: मुश्किल समय में स्कूल बनेे अभिभावकों का सहारा, कोरोना के चलते जूझते बच्चों को दे रहे ये सहूलियत
आगरा में दो स्कूलों ने सामाजिक दायित्व का निर्वहन करते हुए ये पहल की है। प्रील्यूड पब्लिक स्कूल के अलावा सरस्वती विद्या मंदिर कमलानगर ने फैसला लिया है कि स्कूल उन परिवारों के विद्यार्थियों को निश्शुल्क पढ़ाएगा जिनके माता-पिता दोनों का कोरोना के कारण निधन हो गया है।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण काल में जहां कुछ स्कूल पूरी फीस वसूलने के बावजूद मनमानी कर रहे हैं, वहीं कुछ स्कूल ऐसे भी हैं, जो महामारी से पीड़ित परिवारों के बच्चों को न सिर्फ सहारा दे रहे हैं, बल्कि पिछले साल पीड़ित परिवारों को 63 लाख की रियायत दे चुका है, ताकी आर्थिक अभाव में बच्चों की पढ़ाई न छूटे।
इन्हीं में से एक है प्रील्यूड पब्लिक स्कूल। आज़ की परिस्थितियों में विद्यालयों के सामाजिक उत्तरदायित्व के निर्वहन में दयालबाग स्थित प्रील्यूड पब्लिक स्कूल ने पहल करते हुए कोरोना की विभीषिका से प्रभावित बच्चों की शिक्षा के लिए विशेष सहायता देने का निर्णय लिया है। विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती याचना चावला ने बताया कि कोरोना संक्रमण की वजह से जिन बच्चों के माता-पिता (दोनों) का निधन हो गया है, उनकी संपूर्ण शिक्षा की जिम्मेदारी स्कूल उठाएगा। उन्हें स्कूल में निःशुल्क शिक्षा दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि विद्यालय के शिक्षक उन बच्चों के लिए अभिभावक के रूप में रहेंगे और उनका विशेष ध्यान रखेंगे। बच्चे हमारे देश का भविष्य और धरोहर हैं। इस प्रकार माता- पिता के सहसा चले जाने से उनमें जो अवसाद पैदा हो गया है, उसके लिए ऐसे बच्चों की प्रशिक्षित काउंसलर्स द्वारा काउंसिलिंग की जाएगी, जिससे वे धीरे-धीरे सामान्य जीवन की ओर लौट सकें। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना की वजह से जिन बच्चों की माता या पिता की मृत्यु हो गई है, उनको फीस में 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। उन्होंने बताया कि ऐसे सभी वच्चों को निशुल्क यूनिफॉर्म और कॉपी किताबें भी मुहैया कराई जाएँगी। स्कूल में ये पहल निदेशक डॉ. सुशील गुप्ता एवं श्री श्याम बंसल के सहयोग से की गई है।
वहीं कमला नगर स्थित सरस्वती विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रबंधक विजय कुमार गोयल का कहना है कि स्कूल उन परिवारों के विद्यार्थियों को निश्शुल्क पढ़ाएगा, जिनके माता-पिता दोनों का कोरोना के कारण निधन हो गया है। उनकी देखरेख स्कूल के शिक्षक अभिभावकों की तरह करेंगे। स्कूल ही उन्हें किताब-कापियां और यूनिफार्म उपलब्ध कराएगा। वहीं जिन विद्यार्थियों के माता या पिता में से कोई एक कोरोना संक्रमण से नहीं रहा होगा, उन विद्यार्थियों को फीस में कम से कम 50 फीसद तक रियायत दी जाएगी।
पिछले साल भी दिया सहारा
स्कूल प्रधानाचार्य कृष्णकांत द्विवेदी ने बताया कि विद्यालय सिर्फ इसी साल यह मदद नहीं कर रहा। पिछले साल भी स्कूल के 677 विद्यार्थियों की कुल 63 लाख रुपये की फीस में रियायत दी थी। ऐसा करने के पीछे प्रबंधन समिति का मत है कि आर्थिक समस्या के कारण किसी बच्चे की पढ़ाई न छूटे, इससे सभी पीड़ित हैं और स्कूल मुश्किल समय में उनके साथ खड़ा है।