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यमुना बचाओ पदयात्रा: हर पड़ाव पर दिलाया जा रहा कालिंदी के संरक्षण का संकल्‍प Agra News

बटेश्वर में शुरू हुई यमुना बचाओ पदयात्रा सोमवार सुबह चौसिंगी से हुई रवाना। गोपालपुरा में होगा आज का पड़ाव।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Mon, 03 Feb 2020 11:46 AM (IST)Updated: Mon, 03 Feb 2020 11:46 AM (IST)
यमुना बचाओ पदयात्रा: हर पड़ाव पर दिलाया जा रहा कालिंदी के संरक्षण का संकल्‍प Agra News
यमुना बचाओ पदयात्रा: हर पड़ाव पर दिलाया जा रहा कालिंदी के संरक्षण का संकल्‍प Agra News

आगरा, जेएनएन। जुबां पर राधे-कृष्ण के जयकारे और मन में कालिंदी को वास्तविक स्वरूप दिलाने का संकल्प लिये यमुना बचाओ पदयात्रा सोमवार सुबह चौसिंगी गांव से रवाना हो गई। कुछ ही समय में गोपालपुरा गांव पहुंचकर आज का पड़ाव होगा। इसके बाद मंगलवार सुबह अरनौटा की ओर पदयात्रा कूच करेगी। कल कल बहती यमुना को बचाने के लिए रविवार को तीर्थ नगरी बटेश्वर से पदयात्रा आरंभ हुई थी। पदयात्रा का पहला पड़ाव चौसिंगी गांव था।

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रविवार को बटेश्वर यमुना तट पर वंदन दास गिरि महाराज के नेतृत्व सैकड़ों की संख्या में साधु-संत जुटे थे। यमुना पूजन के साथ पदयात्रा ने वृंदावन के लिए पद यात्रा शुरू की। पहला पड़ाव चौसिंगी गांव में हुआ। जोश और जज्बे के साथ पहुंचे साधु-संतों का ग्रामीणों ने जगह-जगह स्वागत किया। सोमवार को नौ किमी की दूरी तय कर पदयात्रा गोपालपुरा गांव पहुंच रही है। मार्ग में मिल रहे अपार जन समर्थन और ग्रामीणों के स्वागत से अभिभूत यात्रा के संयोजक बाबा वंदन दास गिरि महाराज ने कहा कि यमुना में दिल्ली के बाद गंदगी फेंककर इसे प्रदूषित किया जा रहा है। यह जल वर्तमान में आचमन के लायक भी नहीं है। पदयात्रियों का संकल्प है कि कालिंदी को चार दशक पुराने स्वरूप में लाया जाएगा। पदयात्रा का अगला पड़ाव सोमवार को गोपालपुरा गांव में होगा।

ये है पदयात्रा का उद्देश्य

यमुना बचाओ पदयात्रा के कई उद्देश्य हैं। इनमें स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत, गोरक्षा, हरिनाम प्रचार, पर्यावरण की रक्षा, सनातन संस्कृति की रक्षा, शाकाहारी भोजन, नशा मुक्त समाज, सामाजिक बुराइयों को हटाना और बेटियों की सुरक्षा शामिल है।

कुल 36 पड़ाव, रोज 12-14 किमी चलेंगे

रविवार को बटेश्वर से शुरू साधु-संतों की पदयात्रा सात मार्च को वृंदावन, मथुरा पहुंचेगी। पदयात्रा के 36 पड़ाव होंगे। यह 12 से 14 किमी प्रतिदिन का सफर तय करेंगे।

पदयात्रा में इनकी भागीदारी

पदयात्रा में वंदन दास गिरि महाराज के अलावा बाबा सियाराम दास (बटेश्वर), साध्वी कुसुम (वृंदावन), तपसू मजूमदार, रियोनी, कानोसी (दार्जिलिंग), मोहन दास, हरिविलास, पूर्णानंद महाराज (राजस्थान), कल्पना मंडोल, चावला मंडोल, (कोलकाता), मुनिराशि, जुगमाया (मालदा) के अलावा उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्यप्रदेश और भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी भी भाग ले रहे हैं। 


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