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साहित्य संगीत संगम ने सजाया प्रश्नों का मंच, बेबाकी से मिला जवाब

सांस्कृतिक, साहित्यिक व व्यक्तित्व से जुड़े सवाल पूछे गए, विजेता प्रतिभागियों को किया गया पुरस्कृत

By JagranEdited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 08:00 AM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 08:00 AM (IST)
साहित्य संगीत संगम ने सजाया प्रश्नों का मंच, बेबाकी से मिला जवाब
साहित्य संगीत संगम ने सजाया प्रश्नों का मंच, बेबाकी से मिला जवाब

आगरा (जागरण संवाददाता): किसी ने सांस्कृतिक तो किसी ने साहित्यिक। किसी ने इमारत तो किसी ने व्यक्तित्व से जुड़े सवालों का बेबाकी से जवाब दिया। मौका था प्रश्न के आयोजन का। भारतीय बैंकर्स क्लब व साहित्य संगीत संगम के संयुक्त संयोजन में ग्रीन हाउस सभागार भोगीपुरा में मंच सजा तो लोगों ने प्रश्नों के जवाब भी खूब दिए।

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उद्देश्य था आगरा और उसके स्वरूप से लोगों को परिचित कराना। प्रश्न मंच में 30 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। निर्णायक की भूमिका निभाई सुभाष सक्सेना, ईश्वर दयाल, डॉ. राजेंद्र मिलन और सुशील सरित ने। संचालन अशोक अश्रु ने किया। मंगलाचरण माया अशोक ने प्रस्तुत किया। इस दौरान प्रश्नों का सही जवाब देने पर पहला पुरस्कार चंद्रशेखर शर्मा, दूसरा मुकेश अग्रवाल तीसरा पुरस्कार सुषमा सिंह को मिला। इस दौरान डॉ. नीरज स्वरूप, नीलेंद्र श्रीवास्तव, असीम आनंद, संतोष कुलश्रेष्ठ, शैलेश अवस्थी, रमा वर्मा, आशुतोष, योगेश, आरबी द्विवेदी, प्रेमलता मौजूद रहीं। धन्यवाद ओमप्रकाश धाकड़ ने दिया।

सुर आनंद ने सजा

आगरा: साहित्य व संगीत की संस्था सुर-आनंद ने गजलों की महफिल सजाई, तो श्रोता गजलों में डूब गए। गीतकार भरतदीप माथुर ने सुनाया, बिन परों के सफर नहीं होता, लाख चाहो मगर नहीं होता। खाद-पानी अगर नहीं होता, कोई पौधा सजर नहीं होता। इस दौरान संस्था के संस्थापक सुरेंद्र बंसल, सुशील सरित, प्रेम बंसल, राजेंद्र, राकेश निर्मल मौजूद रहे। अजब है काया इनकी भैया..

आगरा: आकाशगंगा एजूकेशन एंड कल्चरल सोसाइटी के संयोजन में कविता, गीत-गजल कार्यक्रम में हास्य कवि डॉ. नीरज स्वरूप ने हास्य रचनाओं से समां बांधी। उन्होंने सुनाया, अजब है काया इनकी भैया, बिना नशे के मजा नहीं। काला जादू इनका चेला, जिसकी मिलती सजा नहीं। उन्होंने सुनाया, अब जय राम न कहता कोई, संत हुए इतने बदनाम। नीरज स्वरूप ने एक के बाद एक कई रचनाएं सुनाईं। कार्यक्रम का संयोजन कमल आशिक ने किया। नीलेंद्र श्रीवास्तव, राजा अग्रवाल, काव्या अग्रवाल, कामिनी अग्रवाल मौजूद रहीं।


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