खतरे में नौनिहाल, मौत बनकर दौड़ रहे तीन पहिया वाहन
परिवहन विभाग खानापूरी को चला रहा सड़क सुरक्षा सप्ताह - तीन पहिया वाहनों में नहीं लेजा सकते स्कूली बचे - एक हजार से अधिक ऑटो 300 से अधिक ई-रिक्शा लगा रहे दौड़
आगरा, जागरण संवाददाता। पिछले दिनों खंदारी के पास ही एक स्कूल के 11 छात्रों को भरकर ले जा रहा छोटा ऑटो पलटा तो अफरातफरी मच गई। आरबीएस कॉलेज के पास भी ऐसा ही हादसा हुआ, जबकि हरीपर्वत चौराहे के समीप एक ऑटो में धुंआ उठने लगा, जिसके बाद मासूमों को किनारे खड़ा कर दिया गया। कक्षा चार से बड़ा इस ऑटो में कोई छात्र नहीं था। तीन पहिया वाहन रोज मौत बनकर दौड़ रहे है, लेकिन सड़क सुरक्षा सप्ताह मना रहे परिवहन विभाग का इस ओर ध्यान तक नहीं है।
तीन पहिया वाहनों में स्कूली छात्रों को लाना, ले जाना प्रतिबंधित है। इसके बाद भी शहर में एक हजार से अधिक छोटे ऑटो और 300 से अधिक ई-रिक्शा प्रतिदिन गली, मोहल्लों, कॉलोनी और बिल्डिंगों से बच्चों को भरकर ले जाते हैं। चालक अपनी सीट के साथ लगी दोनों ओर छोटी सीट पर तीन बच्चों को बैठाता है, जिसमें से दोनों किनारों से बच्चे बाहर की ओर लटके रहते हैं। पास से गुजरने वाले वाहन से कई बार टकराकर चोटिल भी हो जाते हैं। पीछे की ओर अगर छोटे बच्चों हैं तो दोनों ओर और बड़े हैं तो पांच से छह बच्चों को भर लिया जाता है। इसके बाद ये ऑटो सड़कों पर हवा से बात करता हुआ चलता है। अकसर हादसे का शिकार भी होते हैं। वैन में सामान की तरह भर लेते हैं बच्चे
स्कूली वैन में निर्धारित सीट से डेढ़ गुना छात्र-छात्राओं को बैठाया जा सकता है। इसके बाद भी इसमें दो गुना और उससे भी अधिक छात्रों को भरकर दौड़ाते हैं। बॉडी बंद वाहन में ही स्कूली बच्चों को ले जाया जा सकता है, जो स्कूली बच्चों के लिए पास हो। ई-रिक्शा और ऑटो पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इनका संचालन नियम विरुद्ध हो रहा है। प्रवर्तन टीम को लगता कार्रवाई कराई जाएगी। अभिभावकों से भी अनुरोध है कि इनमें बच्चों को स्कूल न भेजें।
अशोक कुमार, आरटीओ प्रशासन