रिजल्ट पर यकीन करने को आरटीआइ का भरोसा
सत्र 2017-18 में बीएससी प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष में करीब 40 फीसद छात्र-छात्राएं फेल हो गए। नंबरों में गढ़बढ़ी की आशंका में छात्र विवि से सूचना के अधिकार स ेमांगेगे जवाब।
आगरा(जागरण संवाददाता): आंबेडकर विवि की मुख्य परीक्षा के परिणाम में बीएससी के छात्र बड़ी संख्या में फेल हुए हैं। इसमें अधिकांश छात्र दो विषय में फेल हैं। कइयों के नंबर इतने कम आए हैं कि उन्हें परीक्षा परिणाम पर यकीन नहीं हो रहा है। इसके लिए वह सूचना अधिकार के जरिए अपनी उत्तर पुस्तिका मांग रहे हैं।
सत्र 2017-18 में बीएससी प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष में करीब 40 फीसद छात्र-छात्राएं फेल हो गए हैं। इनमें से अधिकांश के नंबर बहुत कम हैं या शून्य आए हैं। नंबर कम आने पर उन्हें मूल्यांकन या फिर रिजल्ट बनाने में गड़बड़ी की आशंका है। इसकी शिकायत लेकर हर दिन दर्जनों छात्र-छात्राएं कुलपति से मिलने पहुंच रहे हैं। सब छात्रों का यही कहना है कि उनकी परीक्षा बहुत अच्छी हुई थी, लेकिन इसके बाद भी नंबर बहुत कम आए हैं। सबसे ज्यादा धक्का जीरो नंबर वालों को लगा है। कहीं से राहत न मिलने पर छात्रों ने सूचना का अधिकार का रास्ता अपनाया है। आरटीआइ के जरिए उत्तर पुस्तिका की प्रति के लिए आवेदन किए गए हैं।
300 रुपये रखा गया शुल्क:
आरटीआइ के बढ़ते आवेदन के चलते विवि ने उत्तर पुस्तिका की प्रति के लिए शुल्क निर्धारित कर दिया है। स्नातक के लिए 300 रुपये और परास्नातक के लिए 500 रुपये शुल्क रखा गया है।
साल हो गई खराब
दो विषय में फेल होने वाले छात्र परेशान हैं। विवि के नए नियम के चलते अब वह रीएग्जाम नहीं दे पाएंगे। उन्हें एक्स स्टूडेंट के रूप में दोबारा से उसी कक्षा में पढ़ना होगा। इस बार अधिकांश छात्रों के दो विषय में फेल होने के चलते उन्हें एक्स स्टूडेंट्स की संख्या बहुत अधिक होगी।
स्क्रूटनी के लिए लग रही लाइन
फेल होने छात्रों के पास केवल स्क्रूटनी का विकल्प है। ऐसे में अंतिम उम्मीद के रूप में उन्हें स्क्रूटनी का आवेदन करना पड़ रहा है। हर दिन करीब 50 छात्र-छात्राएं स्क्रूटनी का फॉर्म भर रहे हैं। विवि में ऐसे छात्रों की लाइन लग रही है।
री-चेकिंग का नहीं प्रावधान
कुलपति के पास हर दिन करीब दो दर्जन छात्र ऐसे आ रहे हैं, जिनका कहना है कि उनका पेपर बहुत अच्छा हुआ था, लेकिन नंबर बहुत कम आए हैं। ऐसे में वह री-चेकिंग कराने की मांग कर रहे हैं, लेकिन री-चेकिंग का प्रावधान न होने के कारण उन्हें मायूस लौटना पड़ रहा है।
नोटिफिकेशन-8 ने की सैकड़ों की नैया पार
विवि ने नोटिफिकेशन-8 के जरिए एक विषय में फेल सैकड़ों छात्रों को पास कर दिया है। अगर नोटिफिकेशन-8 की व्यवस्था नहीं होती तो फेल छात्रों की संख्या और भी अधिक होती।
केस-1 जलेसर निवासी चंचल ने ममता कॉलेज से बीएससी द्वितीय वर्ष की परीक्षा दी थी। वह दो विषय में फेल हो गई हैं। उन्हें विश्वास नहीं हो रहा है। ऐसे में आरटीआइ के जरिए उत्तरपुस्तिका की प्रति मांगी है।
केस-2 अलीगढ़ निवासी इंदु बीएससी तृतीय वर्ष में फेल हो गई हैं। गणित में उनके शून्य अंक आए हैं। उन्हें इस पर विश्वास नहीं हो रहा। आरटीआइ से कॉपी मांगी है।