बदलने लगी है अब ताजनगरी की शाम की रंगत, जानिये किस कल्चर का चढ़ रहा शहर पर रंग
रूफ टॉप कल्चर ने ताजनगरी की महफिलें बन रहीं खास। यमुना एक्सप्रेस वे ने ताजनगरी के इस कल्चर को दी है हवा।
आगरा, राजेश मिश्रा। लाइफ स्टाइल बदल चुकी है। नौकरीपेशा हो या कारोबारी, दिन भर की थकान मिटाने को शाम होते ही महफिल सजानी हो या फिर परिवार सहित डिनर पर जाना हो, शौकीन मिजाज लोग कहीं ऐसी जगह तलाश करते हैं, जो पूरी तरह से एकाकी हो। प्राकृतिक खूबसूरती का साया हो। मौसम से मिजाज मिल सके। मद्धम रोशनी में गीत-संगीत की धुनें शमां को इतना रुमानियत बना दें कि कदम खुद व खुद थिरकने के लिए बेकाबू हो जाएं। ऐसी शाम यादगार बनाने के लिए ताजनगरी में गेस्ट हाउसों की छतें सजा दी गई हैं। खूबसूरत व्यू, आकर्षक सिटिंग प्लान, टोटली प्राइवेसी के साथ ही खानपान की हर डिमांड चंद क्षणों में ही हाजिर हो जाती है। स्मार्ट सिटी की ओर दौड़ रही मोहब्बत की इस नगरी पर सिर चढ़ रहा रूफ टॉप कल्चर।
पर्यटन नगरी में दिल्ली एनसीआर के साथ ही अन्य शहरों से लोग आते तो हैं, मगर ताज सहित अन्य स्मारकों निहारने के बाद लौट जाता है। पर्यटकों के इस रुख से आगरा लंबे समय से मायूस है। कहते हैं कि संभावनाएं कभी खत्म नहीं होती। आगरा में भी होटल इंडस्ट्री से जुड़े कुछ उत्साही कारोबारियों ने यही किया। मुंबई, दिल्ली, जयपुर, उदयपुर जैसे शहरों की तर्ज पर यहां पर भी रूफ टॉप कल्चर को पंख लगा दिए। हालांकि आगरा में ये कल्चर सितारा होटलों में नजर नहीं आता, मगर कुछ होटलों और गेस्ट हाउसों में शाम घिरते ही होने वाली रौनक इस माडर्न कल्चर का नजारा पेश करती है। फतेहाबाद रोड पर तो तमाम छतें रूफ टॉप के रूप में सज चुकी हैं। एमजी रोड और यमुना किनारा स्थित होटल गेस्टहाउस भी पीछे नहीं रहे। महफिल सजानी हो या परिवार के साथ डिनर, आमतौर पर किसी होटल के हॉल वगैरह में भी लोग जाते रहे हैं। यहां पर मौसम से यहां का माहौल मेल नहीं कर पाता था तो लोग खुद को यहां की बंदिशों में बंधा-बंधा सा महसूस करते थे। रूफ टॉप इनके लिए खुले आसमां की तरह है।
मौसम और मिजाज का अनूठा मिलन
रूफ टॉप को इस तरह से सजाया गया कि यहां पर मौसम का भी लुत्फ उठाया जा सके। बरसात के मौसम में रिमझिम को देख सकते हैं तो उसके सुरीले सुर भी मस्त कर दें। सर्दी में ऐसा इंतजाम कि ठंड का अहसास ही नहीं होता। बिजली की रोशनी से आकर्षक व्यू बनाया गया है तो सिटिंग प्लान आपको बैठे रहने को मजबूर कर देगा। कहीं-कहीं तो लाइव किचिन का चलन भी शुरू हो गया है। क्या बन रहा है, कैसे बन रहा है, तमाम ग्राहक अपनी उत्सुकता शांत कर सकते हैं। यहां पर वेज, नॉन वेज के साथ ही अन्य तरह के सभी व्यंजन भी मिलते हैं। फतेहाबाद रोड स्थित होटल मनीराम के टैरेस पर रूफ टॉप रेस्तरां 'छत' के संचालक चिराग गुप्ता बताते हैं कि रूफ टॉप रेस्तरां पर डिनर लेने का अपना ही आनंद है। यहां पर मौसम के साथ ही मिजाज का मिलन होता है। खुला आसमां और सितारों की झिलमिल ग्राहकों को नेचुरल फीलिंग कराती है। बेहतर सेवा से मेहमान नवाजी की जाती है। यहां से ताज का व्यू भी होता है। शाम को यादगार बनाने के लिए नाइट भी आयोजित करते हैं। चिराग बताते हैं कि विदेशी भी इस कल्चर को अपना रहे हैं।
वीकेंड पर हो जाते हैं फुल
ज्यादातर लोग वीकेंड पर आउटिंग करते हैं। दिल्ली एनसीआर के साथ ही मेरठ, फीरोजाबाद से भी लोग आगरा आते हैं। फतेहाबाद रोड स्थित लेवल-4 के संचालक वेदांत व्यास बताते हैं कि दूसरे शहरों के साथ ही लोकल लोगों का भी रुझान बहुत बढ़ा है। इससे नाइट लाइफ भी चेंज हुई है। दूसरे शहरों से आने वाले लोग अब यहां पर नाइट स्टे भी करने लगे हैं। वीकेंड पर यहां के रूफ टॉप फुल हो जाते हैं। कुछ जगह ऑनलाइन बुकिंग भी होने लगी है। आगरा के लिए ये अच्छे संकेत माने जा रहे हैं।
सस्ता है और सेफ भी
दिल्ली वालों के लिए यहां आने का एक कारण दिल्ली की अपेक्षा आगरा का सस्ता होना भी है। यमुना एक्सप्रेस वे ने ताजनगरी के इस कल्चर को हवा दे दी है। दिल्ली के रौनक छुट्टियां मनाने अपने दोस्तों संग आए हुए हैं। शहर के एक रूफ टॉप रेस्तरां पर रौनक ने बताया कि आगरा सस्ता है और सेफ भी। होटल के रूम में बंधा-बंधा सा महसूस करते हैं। हॉल में खुलकर मस्ती कर नहीं सकते। दूसरे ग्राहकों का भी लिहाज करना पड़ता है। दिल्ली में रूफ टॉप सुविधा पर जहां एक बार में 15 से 20 हजार रुपये खर्च होते हैं, वहीं आगरा में इससे काफी कम खर्चा होता है। दिन में ताज देखा और शाम को एंज्वाय किया। मन गई छुट्टी।
तीन वर्षों से भरी उड़ान
वैसे तो आगरा में रूफ टॉप रेस्तरां पहले भी थे, मगर वक्त के साथ न चलने के कारण बंद होते गए। आगरा में माडर्न लुक वाला पहला रूफ टॉप रेस्तरां ताजगंज में 'टीसटेमे' खोला गया। इसके बाद 'हिचकी' भी लोगों को पसंद आया। फतेहाबाद रोड स्थित 'छत' भी दिलोदिमाग पर छा गया। अब तक करीब डेढ़ दर्जन ऐसे रेस्तरां चल रहे हैं। कई नामी-गिरामी गु्रप भी सामने आ रहे हैं। हालांकि सर्विस और फेसिलिटी पर खरा न उतरने पर कुछ रेस्तरां बंद भी हो चुके हैं।
साबित हो सकता है अच्छा विकल्प
आगरा टूरिज्म डेवलपमेंट फाउंडेशन के अध्यक्ष संदीप अरोरा का कहना है कि जब आगरा में पर्यटक घट रहे हैं। तब ऐसी स्थिति में रूफ टॉप कल्चर एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। इनके नियमानुसार संचालन से वेल्यू एडेड सुविधाएं मिलने लगेंगी।