औद्योगिक क्षेत्र की सड़क पर चलने में निकलती है आह
औद्योगिक क्षेत्र सिकंदरा और फाउंड्रीनगर में सालों से बदहाल हैं सड़क मेंटीनेंस चार्ज लेने के बाद भी नहीं बदली औद्योगिक क्षेत्र की सूरत।
आगरा, जागरण संवाददाता । सरकार नए उद्योग स्थापित करने पर जोर दे रही है। उद्यमियों को हर सुविधा उपलब्ध कराने की बात कही जा रही है। मगर, इन दावों की हवा शहर के औद्योगिक क्षेत्र की हालात देखकर निकल जाती है। यहां औद्योगिक क्षेत्र में चलने पर कदम-कदम पर आह निकलती है। सड़कें टूटी हैं, जगह-जगह जलभराव है। सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं। उद्यमी लंबे समय से परेशानी झेल रहे हैं। इसके बाद भी औद्योगिक क्षेत्र में विकास को लेकर विभाग की नींद नहीं टूटी है।
शहर के औद्योगिक क्षेत्र सिकंदरा साइट ए, बी, सी, ईपीआइपी और फाउंड्री नगर की तस्वीर बेहद खराब है। यहां शहर की बड़ी इकाइयां संचालित हैं। हजारों लोगों को यहां से रोजगार मिल रहा है। मगर, औद्योगिक क्षेत्र की सुध लेने वाला कोई नहीं है। ये हाल तब है जब उप्र राज्य औद्योगिक विकास निगम का क्षेत्रीय कार्यालय यहीं है। औद्योगिक क्षेत्र सिकंदरा और फाउंड्रीनगर में सड़कों में गड्ढे हैं। इन सड़कों से निकलना मुश्किल है। इतना ही नहीं फैक्ट्रियों में कच्चा माल लेकर आने वाली गाड़ियां गड्ढों में हिचकोले खाती हैं। इससे माल में टूट-फूट होने पर नुकसान भी उठाना पड़ता है। सालों से औद्योगिक क्षेत्र बदहाल है। उद्योग बंधु की बैठक में कई बार बदहाली को लेकर उद्यमी आवाज उठा चुके हैं, इसके बाद भी स्थिति नहीं बदली है। मेंटीनेंस चार्ज के बाद भी नहीं सुविधा
यूपीएसआइडीसी इकाइयों से मेंटीनेंस चार्ज वसूलता है। इसके बाद भी मेंटीनेंस के नाम पर कुछ नहीं हुआ है। उद्यमियों का कहना है कि लाखों रुपये का मेंटीनेंस चार्ज देने के बाद भी कोई सुविधा नहीं मिलती है। सड़क, स्ट्रीट लाइट सब खराब हैं। रात में रहता है अंधेरा
औद्योगिक क्षेत्र में रात में सुरक्षा को लेकर भी कोई खास इंतजाम नहीं हैं। रात को अधिकांश क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट न जलने के चलते अंधेरा रहता है। इस कारण रात में निकलने में वारदात होने का डर रहता है। अंधेरा होने के चलते आए दिन दुर्घटना होती रहती हैं। इंडस्ट्रियल एरिया सिकंदरा साइट ए, बी, सी और फाउंड्रीनगर में मेंटीनेंस की जिम्मेदारी नगर निगम और जिला पंचायत की है। यूपीएसआइडीसी के अंडर में ईपीआइपी क्षेत्र आता है। यहां सड़कों को सही कराने का काम कराया जा रहा है। स्ट्रीट लाइट के लिए टेंडर निकाले गए हैं।
विनोद कुमार, क्षेत्रीय प्रबंधक यूपीएसआइडीसी औद्योगिक क्षेत्र में समस्याओं का अंबार है। सड़कें टूटी हैं। फुटपाथ पर अतिक्रमण है। सफाई नहीं होती। टैक्स देने के बाद भी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। इससे परेशानी का सामान करना पड़ता है।
रुबी सहगल, उद्यमी सालों से औद्योगिक क्षेत्र में विकास कार्य नहीं हुए हैं। ईपीआइपी में संचालित इकाइयों से मेंटीनेंस के लिए टैक्स लिया जाता है। इसके बाद भी यहां सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। सड़क खस्ताहाल हैं। अधिकांश स्ट्रीट लाइट बंद रहती हैं। कई बार इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
संजय जैन, अध्यक्ष ईपीआइपी एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन औद्योगिक क्षेत्र में कई समस्याएं हैं। नेशनल हाइवे पर सर्विस रोड पर मिट्टी के ढेर लगे हैं। धूल उड़ने से प्रदूषण बढ़ता है और जिम्मेदार इंडस्ट्री को ठहराया जाता है। सड़क खस्ता हाल हैं। सर्विस रोड पर अतिक्रमण हो रहा है। इकाइयों से मेंटीनेंस चार्ज लेने के बाद भी कोई मेंटीनेंस नहीं हो रहा।
पूरन डावर, उद्यमी औद्योगिक क्षेत्र में लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है। सड़क खस्ताहाल हैं। धूल के चलते सबसे ज्यादा परेशानी होती है। विदेशी आते हैं तो उन्हें बहुत परेशानी होती है।
सुनील जैन, उद्यमी