Cyber Crime: कसा पुलिस का शिकंजा, ठगों की कंपनी के सरगना समेत चार गिरफ्तार
Cyber Crime एक माह पहले गैंग के तीन सदस्य भेजे थे जेल। सरगना की गिरफ्तारी के बाद ठगी के अड्डे पर लगा ताला।
आगरा, जागरण संवाददाता। साइबर ठगी को शातिरों ने फर्जी ट्रांसपोर्ट कंपनी बना रखी थी। सस्ते भाड़े के लालच में फंसाकर लोगों से ये ठगी कर रहे थे। तीन सदस्यों के जेल जाने के बाद भी ठगी का खेल बंद नहीं हुआ। पुलिस ने शनिवार रात को गैंग के सरगना समेत चार को गिरफ्तार कर लिया। अब एत्माद्दौला क्षेत्र से संचालित ठगों की कंपनी पर ताला लग गया है। गूगल पर शातिरों ने ठगी का जाल बिछा रखा था। इसके साथ ही शातिरों ने ऑनलाइन सर्विसेज के लिए जस्ट डायल, ई ट्रक और ओएलएक्स पर अपने नंबर रजिस्टर्ड करा दिए थे। ऑनलाइन ट्रांसपोर्ट कंपनी सर्च करने पर इनका नंबर दिखता था। उस नंबर पर कॉल करने वाला ठगी का शिकार हो जाता था। न्यू आगरा क्षेत्र के व्यापारी गिर्राज शर्मा से 50 हजार की ठगी की गई थी। उन्होंने लॉकडाउन में महाराष्ट्र से सस्ते दामों पर प्याज मंगवाने को ऑनलाइन नंबर सर्च किया था। तभी शातिरों के जाल में फंसे थे। अगस्त में एत्माद्दौला के गुलाब नगर निवासी किशन सिंह, दीपक तोमर और चंदन नगर निवासी अतुल को जेल भेजा गया था। अब सिकंदरा के बाईंपुर निवासी रामअवतार, एत्माद्दौला के चंदन नगर निवासी अंकुश तोमर,किरावली निवासी नीरज उर्फ नन्ने और बबलू शर्मा को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया है। रामअवतार गैंग के लिए फर्जी आईडी पर बैंक खाते खुलवाता था। वही गैंग को सिमकार्ड मुहैया कराता था। रामअवतार गैंग का सरगना है। नीरज खाते में आने वाली ठगी की रकम को निकालता था। बबलू शर्मा बेरोजगार युवाओं को तलाशकर उनके बैंक में खाते खुलवाता था। कमीशन का लालच देकर उनके खाते किराए पर लेता था। ठगी की रकम इन्हीं खातों में आती थी।