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कर चोरों की तो बढ़ेगी मुश्किल, आरएफआइडी से पकड़ जाएगी करतूत

एक नवंबर से रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटीफिकेशन डिवाइस अनिवार्य, एक ई-वे बिल से दो बार माल लाने पर लगेगी लगाम

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Oct 2018 08:00 AM (IST)Updated: Sat, 20 Oct 2018 08:00 AM (IST)
कर चोरों की तो बढ़ेगी मुश्किल, आरएफआइडी से पकड़ जाएगी करतूत
कर चोरों की तो बढ़ेगी मुश्किल, आरएफआइडी से पकड़ जाएगी करतूत

आगरा (जेएनएन): ई-वे बिल की अनिवार्यता से भी कर चोरी नहीं रुक रही। लिहाजा उप्र वाणिज्य कर विभाग एक नंवबर से रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटीफिकेशन डिवाइस (आरएफआइडी) अनिवार्य करने जा रहा है। इससे एक ई-वे बिल का दोबारा प्रयोग रोका जा सकेगा।

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वाणिज्य कर विभाग के एडीशनल कमिश्नर ग्रेड टू आरके पांडेय ने बताया कि प्रथम चरण में फतेहपुर सीकरी और सैंया चैक पोस्ट पर डिवाइस लगाई गई हैं। व्यावसायिक वाहनों की टैगिंग का काम भी चल रहा है। फतेहपुरी सीकरी में तीन और सैंया में छह सेंटर बनाए हैं। एक हजार से ज्यादा वाहनों की टैगिंग हो चुकी है। अगले चरण में आरटीओ, ट्रांसपोर्ट नगर व अन्य जगह भी टैगिंग सेंटर बनेंगे। जयपुर हाउस स्थित कार्यालय में हेल्प डेस्क बनी है। एक नवंबर से बिना आरएफआइडी टैग वाहन चैक पोस्ट क्रॉस नहीं कर पाएंगे। ऐसे होती कर चोरी

ई-वे बिल से कर चोरी पर लगाम की उम्मीद थी लेकिन शातिर एक ही ई-वे बिल से उक्त समय में उतने ही माल के एक से ज्यादा चक्कर लगा देते है। माल और वाहन एक होने पर अधिकारी कर चोरी नहीं पकड़ पाते। ऐसे एक ही बिल पर एक से ज्यादा बार टैक्स चोरी की जाती है। ऐसे करेगा काम

जीएसटी में ई-वे बिल भी ऑनलाइन निकलता है, जिसमें माल की कीमत, संख्या और वाहन का नाम लिखा होता है। अब वाहन का आरएफआइडी नंबर भी होगा। जैसे ही वाहन चैक पोस्ट से गुजरेगा, टैग के माध्यम से आरएफआइडी सिस्टम ई-वे बिल की ऑनलाइन जानकारी खुद जुटा लेगा। कर चोरी की आशंका पर अधिकारी आसानी से वाहन रोक पाएंगे।


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