Cyber Crime: सावधान, साइबर ठगों के निशाने पर हैं आगरा के रिटायर्ड पुलिसकर्मी, ऐसे बनाते हैं शिकार
Cyber Crime ट्रैजरी कर्मचारी बनकर करते हैं काल खाते की डिटेल लेकर रकम करते हैं पार। रेंज थाने में मिली शिकायतों के बाद आइजी ने जागरूकता जारी किया अलर्ट। पुलिसकर्मियों की मेहनत की कमाई को बचाने के लिए उन्होंने कई वाट्सएप ग्रुप पर जागरूकता को मुहिम भी छेड़ी है।
आगरा, जागरण संवाददाता। सावधान, साइबर शातिरों का गैंग अब रिटायर होने वाले पुलिसकर्मियों को निशाना बना रहा है। पर्सनल डिटेल हासिल करने के बाद ये शातिर मोबाइल पर काल करते हैं। खुद को ट्रैजरी कर्मचारी बताकर काल करने वाले ये शातिर जाल में फंसाकर वन टाइम पासवर्ड पूछ लेते हैं। इसके बाद एक ही बार में खाते से पूरी रकम पार कर लेते हैं। आइजी ने इस तरह की शिकायत मिलने के बाद पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को सतर्क किया है। पुलिसकर्मियों की मेहनत की कमाई को बचाने के लिए उन्होंने कई वाट्सएप ग्रुप पर जागरूकता को मुहिम भी छेड़ी है।
रेंज साइबर थाने में अलीगढ़ के एक एचसीपी ने बुधवार को शिकायत की। वह अक्टूबर में रिटायर हुए हैं। साइबर ठगों ने उनके मोबाइल पर काल किया था। वे जाल में फंस गए और खाते से 96 हजार रुपये पार हो गए। आइजी ए सतीश गणेश को साइबर शातिरों के इस तरीके के बारे में जानकारी हुई तो उन्होंने गंभीरता से लिया। रेंज साइबर थाने की टीम को साइबर शातिरों को ट्रेस करने में लगा दिया। इसके साथ ही आइजी ने पुलिसकर्मियों और अधिकारियों की मेहनत की कमाई को बचाने के लिए जागरूक अभियान चला रहे हैं। इसके लिए पुलिसकर्मियों और आइपीएस अधिकारियों के वाट्सएप ग्रुपों का सहारा लिया जा रहा है। आइजी ए सतीश गणेश ने बताया कि रेंज में अक्टूबर माह में 81 पुलिसकर्मी रिटायर हुए हैं। इनमें से तीन से ठगी की शिकायतें मिली हैं। इसलिए इसे गंभीरता से लिया जा रहा है।
एडीजी स्थापना को कराया अवगत
पुलिसकर्मियों से ठगी का मामला अकेले आगरा रेंज में नहीं है। आशंका है कि ये पूरे प्रदेश के रिटायर पुलिसकर्मियों को निशाना बना रहे होंगे। इसको देखते हुए आइजी ने एडीजी स्थापना को जानकारी दी है। उनसे आग्रह किया है कि इस संबंध में प्रदेश के सभी जिलों से रिटायर होने वाले पुलिकसकर्मियों को सतर्क किया जाए। विदाई पार्टी के समय ही उनको सतर्कता वाला एक पत्र दिया जाए, जिससे वे ठगी से बच सकें।
ऐसे करते हैं ठगी
साइबर शातिर काल करके खुद को ट्रैजरी कार्यालय का कर्मचारी बताते हैं। संबंधित व्यक्ति का नाम और उसके रिटायर होने का दिनांक और विभाग बताते हैं। इसके बाद कहते हैं कि आपका खाता अपडेट करना है। नहीं तो पेंशन नहीं मिल पाएगी। खाता अपडेट करने का झांसा देने के बहाने वे संबंधित पुलिसकर्मी से उसके खाते की पूरी डिटेल ले लेते हैं। इसके बाद उसके मोबाइल पर आने वाला वन टाइम पासवर्ड पूछ लेते हैं। पूरी जानकारी मिलने के बाद वे खाते में जमा पूरी धनराशि निकाल लेते हैं।
बरतें सावधानी
- किसी को भी फोन पर अपने खाते की डिटेल न बताएं।
- वन टाइम पासवर्ड किसी से शेयर नहीं करें। क्योंकि इसको बताने पर कोई भी नेट बैंकिंग के माध्यम से आपका खाता खाली कर सकता है।
- ट्रैजरी कार्यालय से संबंधित कोई क्वैरी हो तो खुद जाकर पता कर लें।