आगरा में चाैहरे हत्याकांड में कातिल का सुराग लगाने को महिला पुलिसकर्मियों को जिम्मेदारी
जघन्य हत्याकांड को अंजाम देने वाले कातिल के सुराग को गलियों में सादे कपड़ों में घूम रहीं महिला पुलिसकर्मी। कोतवाली के कूचा साधूराम की गलियों में लगाई गई हैं महिला पुलिसकर्मी। इलाके में रहने वाली महिलाओं से है सुराग मिलने की आस। बच्चों से भी मिल सकती है जानकारी।
आगरा, जागरण संवाददाता। कातिल का सुराग लगाने के लिए कूचा साधूराम की गलियों सादे कपड़ों में महिला पुलिसकर्मी लगाई गई हैं। वह दो दिन से गलियों में घूमकर महिलाओं से बातचीत कर रही हैं। जिससे शायद उन्हें कातिल का सुराग मिल सके। कूचा साधूराम की चौबेजी वाली गली में 21 जुलाई को रेखा और उसके तीन बच्चों की धारदार हथियार से गला काटकर हत्या कर दी गई थी। कातिल का सुराग लगाने में पुलिस नाकाम रही है। पुलिस काे उम्मीद है कि गली में रहने वाली महिलाओं को इस बारे में शायद कुछ जानकारी हो सकती है। मगर, पुलिस की वर्दी में जाकर पूछताछ करने से वह रेखा के कातिल के बारे में जानकारी देने से कतरा रहे हों। इसलिए सादे कपड़ों में महिला पुलिसकर्मी लगाई गई हैं। जो लोगों के बीच में जाकर उनसे बातचीत कर रही हैं। पुलिस को अभी तक रेखा राठौर के बारे में जितनी भी जानकारी मिली हैं, वह गली में रहने वाले लोगों से बातचीत के आधार पर ही मिली हैं। पुजारी के बेटे को भी पुलिस लोगों से मिली जानकारी के बाद ही पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था।
गली के बच्चों से थी वंश की अच्छी दाेस्ती
रेखा राठौर के सबसे बड़े बेटे वंश ने कातिल से संघर्ष किया था। आशंका है कि वह हत्या के दौरान बाजार से समोसे लेकर घर पहुंच गया था। कातिल को देखकर भागने का प्रयास किया, उसे दबोचने के बाद पहली मंजिल पर ले जाकर कातिल ने गला काट दिया। वंश की गली में रहने वाले बच्चों से अच्छी दोस्ती थी। वंश छोटे भाई पारस और बहन माही के साथ रोज शाम को खेलने निकलता था। वह अपनी साइकिल बस्ती के बच्चों को चलाने के लिए दे देता था। दिन में तीनों भाई-बहन पहली मंजिल के कमरे की खिड़की पर बैठ जाते थे। वहीं से गली में निकलने वाले बच्चों से बातचीत करते थे। पुलिस को उम्मीद है कि बच्चों से बातचीत में हो सकता है कोई सुराग निकल आए।