Air Pollution: आगरा में वायु प्रदूषण का मिलेगा रियल टाइम डाटा, जल्द तीन नए स्टेशन होंगे स्थापित
आगरा में दयालबाग इंडस्ट्रियल एरिया आवास विकास में लगेगा आटोमेटिक मानीटरिंग स्टेशन। वायु गुणवत्ता की रियल टाइम मानीटरिंग को लगाए जाने हैं। यूपीपीसीबी एक वर्ष में तलाश सका है स्टेशन के लिए जमीन। सीपीसीबी और यूपीपीसीबी आधी-अाधी लागत करेंगे वहन। ताजमहल के नजदीक शाहजहां गार्डन में लगाया जाएगा स्टेशन।
आगरा, निर्लोष कुमार। ताजनगरी में रियल टाइम मानीटरिंग को पांच स्थानों पर आटोमेटिक मानीटरिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक वर्ष की मशक्कत के बाद जगह तय कर ली है। इंडस्ट्रियल एरिया सिकंदरा, दयालबाग, आवास विकास कालोनी सिकंदरा और शाहजहां गार्डन में आटोमेटिक मानीटरिंग स्टेशन लगाए जाएंगे।
आगरा में वायु प्रदूषण की स्थिति की रियल टाइम मानीटरिंग को आटोमेटिक मानीटरिंग स्टेशन लगाने को लंबे समय से प्रयास किए जा रहे हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) इसके लिए 50-50 फीसद लागत वहन करेंगे। सीपीसीबी ने वर्ष 2019 में इसके लिए यूपीपीसीबी को फंड भी दिया था। वर्ष 2020 में लाक डाउन से पूर्व सीपीसीबी ने यूपीपीसीबी को जगह चिह्नित करने को कहा था। करीब एक वर्ष की मशक्कत के बाद यूपीपीसीबी जगह तय कर सका है। उसने दयालबाग, इंडस्ट्रियल एरिया सिकंदरा, दयालबाग, आवास विकास कालोनी सिकंदरा और शाहजहां गार्डन को आटोमेटिक मानीटरिंग स्टेशन की स्थापना के लिए चुना है।
यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी भुवन प्रकाश यादव ने बताया कि तीन आटोमेटिक मानीटरिंग स्टेशनों की स्थापना को जगह तय हो गई हैं। शाहजहां गार्डन और एक अन्य जगह को फाइनल किया जा रहा है।
शहर में एक ही है आटोमेटिक मानीटरिंग स्टेशन
आगरा में एकमात्र आटोमेटिक मानीटरिंग स्टेशन संजय प्लेस में है। इसके आधार पर ही सीपीसीबी द्वारा प्रतिदिन आगरा में वायु गुणवत्ता की स्थिति पर रिपोर्ट जारी की जाती है।
छह मैनुअल मानीटरिंग स्टेशन हैं
आगरा में छह मैनुअल मानीटरिंग स्टेशन हैं। सीपीसीबी ने ताजमहल, एत्माद्दौला, रामबाग व नुनिहाई में और यूपीपीसीबी ने आवास विकास कालोनी सिकंदरा और नुनिहाई में मानीटरिंग स्टेशन बनाए हुए हैं।
ताज ईस्ट गेट पर नहीं मिली जगह
यूपीपीसीबी ने ताज ईस्ट गेट स्थित शौचालय की छत पर आटोमेटिक मानीटरिंग स्टेशन बनाने को उप्र पर्यटन से जगह मांगी थी। उप्र पर्यटन ने टायलेट के इसके लिए उपयुक्त नहीं होने का हवाला देकर इन्कार कर दिया है।