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Bhai Dauj 2020: भाई-बहन के स्नान करने से मिलती है यम की फांस से मुक्ति, पढ़ें यमुना स्नान का भाई दूज पर महत्व

Bhai Dauj 2020केवल मथुरा में है धर्मराज-यमुनाजी का मंदिर। यमुना में स्नान करने के बाद करते हैं भाई-बहन दर्शन। धार्मिक मान्यता है कि द्वापर युग में यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने यम द्वितीया के दिन विश्रामघाट पर आए थे।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 15 Nov 2020 04:50 PM (IST)Updated: Sun, 15 Nov 2020 04:50 PM (IST)
Bhai Dauj 2020: भाई-बहन के स्नान करने से मिलती है यम की फांस से मुक्ति, पढ़ें यमुना स्नान का भाई दूज पर महत्व
केवल मथुरा में है धर्मराज-यमुनाजी का मंदिर।

आगरा, जेएनएन। यम द्वितीया सोमवार की है। इस दिन भाई-बहन हाथ पकड़ यमुना में डुबकी लगाते हैं। ऐसा करने से यम की फांस से मुक्ति मिलती है। इसी धार्मिक मान्यता के साथ विश्रामघाट पर भाई-बहन स्नान करते हैं और धर्मराज-यमुनाजी के मंदिर के दर्शन करते हैं। धर्मराज-यमुनाजी का मंदिर केवल मथुरा के विश्रामघाट पर ही है। यम द्वितीया के दिन भाई-बहन यमुना में आस्था की डुबकी लगाते हैं। धार्मिक मान्यता है कि द्वापर युग में यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने यम द्वितीया के दिन विश्रामघाट पर आए थे। यमुनाजी ने यमराजजी का आदर-सत्कार किया। धर्मराज ने यमुना से वरदान मांगने के लिए कहा। यमुनाजी का कहना था कि वह कृष्ण की पटरानी हैं, क्या मागे। धर्मराज ने फिर भी वरदान मांगने के लिए यमुनाजी से कहा। इस पर यमुना जी ने कहा कि जो मेरे अंदर स्नान करे, वह बैकुंठ जाए। यमराज का कहना था कि इस पर तो मेरा लोक ही सुना हो जाएगा, लेकिन आज के दिन (यम द्वितीया) जो भाई-बहन विश्रामघाट पर हाथ पकड़कर स्नान करेंगे और इस मंदिर के दर्शन करेंगे, वह यमलोक न जाकर बैकुंठ जाएंगे। मंदिर के पुजारी शैलेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि भाई-बहन यमुना में स्नान करने के बाद इस मंदिर के दर्शन करते हैं। यमुनाजी और धर्मराजजी का मंदिर केवल मथुरा में हैं।

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तीर्थ पुरोहित के स्वजन बनते हैं भाई-बहन

जिनके भाई-बहन नहीं हाेते हैं, वह अपने तीर्थ पुरोहित के स्वजन को भाई-बहन बनाते हैं। इसके बाद यमुना में स्नान कर भाई-बहन के रिश्ते के बंधन में बंध जाते हैं।

कोरोना के चलते इस बार आ सकती है श्रद्धालुओं की संख्या में कमी

दीपावली के बाद द्वितीया तिथि पर विश्राम घाट सहित अन्य घाटों पर यम की फांस से मुक्ति पाने के लिए भाई-बहन यमुना स्नान करते हैं। सोमवार को होने वाले यमद्वितीय स्नान के लिए निगम प्रशासन ने भी इंतजाम कर लिए हैं।गोवर्धन पूजा वाले दिन से ही घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ जुटना शुरु हुई। इस पावन स्नान के लिए दूर-दराज से लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं। रात 12 बजे ही यमुना के घाट जय यमुना मैया के जयकारों से गुंजायमान हो जाते हैं। स्नान के लिए यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था के लिए यमुना के दोनों किनारों पर नगर निगम ने खास इंतजाम किए हैं, जिसके तहत घाटों पर लाइटिंग से सजाया गया है। महिलाओं के लिए कपड़े बदलने के लिए चेंजिंग रूम बनाए गए हैं। गहरे पानी में डूबने से बचाने के लिए गोताखोरों की टीम मुस्तैद की गई हैं। यमुना के गहरे पानी से बचाव के लिए बेरीकेडिंग की गई है। 50 नाव और गोताखोर मौजूद रहेंगे। आठ नाव में लाउडस्पीकर लगाए गए हैं। खोया-पाया केंद्र और स्नान वाले घाटों पर सफाई व्यवस्था चाक चौबंद रहेगी।

ये की व्यवस्थाएं

- चार कैंप (स्वामी घाट, विश्राम घाट, आगरा होटल, जमुनापार) कार्यालय बनाए गए हैं।

- दोनों किनारों पर चार-चार चेंजिंग रूम बनाए गए हैं।

- दोनों किनारों पर एक-एक खोया-पाया केंद्र

- 20 गोताखोर

- 50 नाव

- आठ नाव पर लाउडस्पीकर की व्यवस्था

रात 12 बजे से यमुना स्नान शुरू हो जाएगा। इसके लिए कर्मचारियों की ड्यूटी रात आठ बजे से लगा दी गई है। इस बार कोरोना काल के चलते स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कमी रहने की संभावना है।

एसपी मिश्रा, अधिशासी अभियंता - नगर निगम

 


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