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World Mothers Day 2021: वात्सल्य ग्राम में 'यशोदा' मां रख रहीं अपने लाड़लों का ध्यान, कोरोना से लड़ाई को बना रहीं मजबूत

World Mothers Day 2021 वात्सल्य ग्राम में मां बच्चों को दे रही काढ़ा गिलोय रस व हल्दी दूध। देवकी भले ही नहीं यशोदा बन अपने लाला की चिंता में डूबी हैं मां। लाला को कोरोना से जंग लड़ने को तैयार कर रहीं यशोदा।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 09 May 2021 03:30 PM (IST)Updated: Sun, 09 May 2021 03:30 PM (IST)
World Mothers Day 2021: वात्सल्य ग्राम में 'यशोदा' मां रख रहीं अपने लाड़लों का ध्यान, कोरोना से लड़ाई को बना रहीं मजबूत
साध्वी ऋतंभरा द्वारा संचालित वात्सल्य ग्राम में बच्चों को काढ़ा देतीं साध्वी।

आगरा, विनीत मिश्र। ये अहसास के रिश्तों की वह डोर है, जो कभी टूट नहीं सकती। अपनत्व के धागे से सजी इस डोर में मां का वात्सल्य है, तो उसका त्याग भी। इनके बीच खून का रिश्ता भले ही न हो, लेकिन उससे बढ़कर है। मां भले ही देवकी नहीं हैं, लेकिन यशोदा बनकर अपने बच्चों की सेवा कर रही हैं। कोरोना का साया खतरा बन मंडराया, तो इन यशोदा को अपने ''लाला'' की चिंता हुई। गर्म काढ़े के साथ हल्दी का दूध और गिलोय का रस पिलाकर कोरोना से जंग लड़ रही हैं।

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कोरोना से जूझ रही दुनिया में मां को अपने बच्चों को बचाने की फिक्र कैसी है, ये देखना है तो वृंदावन के वात्सल्य ग्राम आइए। यहां वह बच्चे रहते हैं, जिनके ''देवकी'' और ''वासुदेव'' नहीं हैं, लेकिन यशोदा उनका पालन करती हैं। हर बच्चे की अपनी मां हैं। एक मां हैं सुमन परमानंद। 45 बच्चों का भरा-पूरा परिवार है। सानंद, आनंद, मनमई और बहुत से जिगर के टुकड़े इनके साथ रहते हैं। करीब 23 वर्ष से वह वात्सल्य ग्राम में हैं। कहती हैं कोरोना काल में बच्चों क फिक्र है, तो उनका खानपान बदल दिया। दिन में एक बार काढ़ा, हल्दी का दूध, कोरोनिल दवा और गिलोय रस देते हैं। नियमित योग कराकर बच्चों को कोरोना से लड़ने को मजबूत कर रहे हैं। वह कहती हैं कि हम बच्चों क यशोदा हैं, हमारे लाला सलामत रहें, बस यही ऊपर वाले से कामना है। शोभा परमानंद भी कई दशक से यहां रहती हैं। इनके परिवार में ही दस बच्चे हैं। रिषीराज हों या फिर सिद्धि परमानंद, सबकी चिंता शोभा को है। खानपान बदल दिया। कहती हैं कि हमारी तो जिंदगी ही बच्चों में बसती है। कोरोना से लड़ने के लिए हम उन्हें तैयार कर रहे हैं, वह फिट रहेंगे, तो कोरोना पास भी नहीं फटकेगा।

250 बच्चे हैं वात्सल्य ग्राम में

साध्वी ऋतंभरा द्वारा संचालित वात्सल्य ग्राम में करीब 25 सौ बच्चे हैं। यहां दो-तीन महीने से लेकर 25 साल तक के बच्चे हैं। इनका अपना परिवार है। सबको सब अलग-अलग मकान में रहते हैं। हर मकान में मां हैं, मौसी हैं नानी है। किसी परिवार में दस बच्चे हैं, तो किसी में 45 है। ये रिश्ते खून के नहीं हैं, लेकिन भाव से इनकी डोर बंधी हैं। हर मां को अपने बच्चों को बीमारी से बचाने की फिक्र है। वर्तमान में यहां 22 परिवार बने हैं।

वात्सल्य ग्राम में बच्चों के परिवार हैं। कोरोना काल में यशोदा बनी ने बच्चों की इम्युनिटी मजबूत करने के लिए खानपान में बदलाव किया। हर मां अपने बच्चे पर जान छिड़कती है। काढ़ा, गिलोय रस, हल्दी दूध उन्हें दिया जा रहा है। ऐसे में कोरोना बच्चों के पास भी नहीं फटक पाएगा।

साध्वी सत्यप्रिया, संगठन सचिव, वात्सल्य ग्राम, वृंदावन।


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