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School Reopen: विद्या भारती के सर्वे पर 'पापा' का निशाना, कहा माहौल ठीक होने पर ही खुलने चाहिेए स्कूल

सर्वे को लेकर स्कूल संघों और अभिभावक संगठन का प्रतिक्रिया। कहा बच्चों की जान से खिलवाड़ कतई मंजूर नहीं।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Tue, 25 Aug 2020 07:58 AM (IST)Updated: Tue, 25 Aug 2020 07:58 AM (IST)
School Reopen: विद्या भारती के सर्वे पर 'पापा' का निशाना, कहा माहौल ठीक होने पर ही खुलने चाहिेए स्कूल
School Reopen: विद्या भारती के सर्वे पर 'पापा' का निशाना, कहा माहौल ठीक होने पर ही खुलने चाहिेए स्कूल

आगरा, जागरण संवाददाता। विद्या भारती ने सर्वे के आधार पर जहां अभिभावकों के मन की बात बताकर स्कूल खोले जाने की पैरवी की, तो अन्य स्कूलों के संगठन और प्रोग्रेसिव आगरा पेरेंट्स एसोसिएशन (पापा) ने भी इसका विरोध करना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि जब तक कोरोना संक्रमण की स्थिति नहीं सुधरती स्कूल नहीं खुलने चाहिए।

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पापा सदस्य दीपक सरीन का कहना है कि रोजाना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में यह सर्वे महज स्कूल खोलने के स्टंट से ज्यादा नजर नहीं आता क्योंकि स्कूल खुलेंगे, तो अभाभिवकों को पूरी फीस चुकानी ही होगी। बच्चों को स्कूल भेजना उनकी जान से खिलवाड़ा होगा, लिहाजा यदि कोरोना संक्रमण खत्म होने से पहले स्कूल खोलने का प्रयास भी हुआ, तो पापा संगठन और अभिभावक इसका विरोध करेंगे।

एसोसिएशन ऑफ़ प्रोग्रेसिव स्कूल्स ऑफ़ आगरा (अप्सा) अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता का कहना है कि किसी संस्था का सर्वे क्या कहता है हमें इससे मतलब नहीं। फिलहाल संक्रमण कम होने से पहले स्कूल खोलना कतई सुरक्षित नहीं। लिहाजा जब तक आगरा में रोजाना अधिकमत पांच केस तक आंकड़ा नहीं पहुंचता, तब तक अॉनलाइन पढ़ाई ही बेहतर विकल्प है। 

नेशनल प्रोग्रेसिव स्कूल्स एसोसिएशन (नप्सा) अध्यक्ष संजय तोमर का कहना है कि देश में रोजाना 70 हजार केस सामने आ रहे हैं। आगरा में संक्रमण का खतरा है। ऐसे में बच्चों को स्कूल बुलाना खतरे से खाली नहीं। चाह कर भी इतने बच्चों में शारीरिक दूरी और टचफ्री माहौल उपलब्ध करना संभव नहीं। ऐसे में किसी बच्चे के संक्रमित होने पर जिम्मेदारी कौन लेगा। इसलिए बेहतर है माहौल सही हो, तभी स्कूल खुलें। 

ये है विद्या भारती का सर्वे

लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच स्कूल लगातार बंद हैं। इसे खोलने और न खोलने को लेकर बहस भी जारी हैं। इसी बीच इसमें अभिभावकों का पक्ष जानने के लिए विद्या भारती ने अपने ब्रज प्रदेश स्थित स्कूलों के अभिभावकों के बीच एक सर्वे कराया है, जिसमें करीब 86 फीसद अभिभावक अब स्कूलों को धीरे-धीरे खोलने की मांग कर रहे हैं।

सोमवार को विद्या भारती के प्रचार विभाग ने कमला नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में एक बैठक कर इस सर्वे में प्राप्त हुई जानकारियों को साझा किया है। संगठन के सह प्रांत संपर्क प्रमुख सीए प्रमोद चौहान ने बताया कि देशभर में विद्या भारती के 20 हजार से ज्यादा विद्यालय संचालित हैं, आगरा में इनकी संख्या 17 है। संगठन ने अपने ब्रज प्रांत के विद्यालयों के अभिभावकों के बीच एक सर्वे कराया, जिसमें भारतीय शिक्षा समिति सीबीएसई, भारतीय शिक्षा समिति ब्रज प्रदेश, विद्या परिषद, जन शिक्षा समिति और शिशु शिक्षा समिति के विद्यालयों के 88341 अभिभावक शामिल हुए. इनमें से 45959 (52.02 फीसद) अभिभावक संगठन की अॉनलाइन टीचिंग से संतुष्ट थे। जबकि 37171 (42.08) अभिभावक अॉनलाइन टीचिंग से असंतुष्ट नजर आए। हालांकि उन्होंने इसे बेहतर बनाने के सुझाव, अपनी समस्या और समाझान भी बताए। बैठक में सहमंत्री प्रमोद सारस्वत, मंत्री कौशल कुमार शर्मा, हरिवीर सिंह, विभाग कार्यवाह पंकज खंडेलवाल, विद्यालय प्रबंधक वीके गोयल व विवेक उपाध्याय मौजूद रहे।

86 फीसद चाहें खुले स्कूल

इनमें से 38430 (43.50 फीसद) अभिभावक चाहते हैं कि विद्यालय एक सितंबर से खुल जाने चाहिए। जबकि 15764 (17.84 फीसद) अभिभावकों ने इन्हें 15 सितंबर से खोलने की बात कही। वहीं 21995 (24.80 फीसद) अभिभावकों ने इसे 30 सितंबर से खोलने की बात कहीं। जबकि 12152 (13.76) अभिभावकों ने फिलहाल स्कूल खोलने के लिए स्पष्ट मना कर दिया।

सरकार को भेजेंगे जानकारी

विद्या भारती पदाधिकारियों का कहना है कि अभिभावकों को कहना है कि घर पर रहने से विद्यार्थियों की रचनात्मक के साथ उनकी शारीरिक, मानसिक और व्यवहारिक स्थितियों पर काफी असर पड़ा है। इसलिए वह चाहते हैं कि स्कूल पूरी सुरक्षा और एहतियात के साथ खोला जाए। कुछ अभिभावको ने सम-विषय के आधार पर, तो कुछ ने दो और तीन शिफ्ट में विद्यार्थियों को विद्यालय बुलाने, खाना-पानी आपस में साझा न करने जैसे अहम सुझाव दिए। अब इन सभी सुझावों को एकत्रित कर संगठन प्रदेश और केंद्र सरकार को भेजेगा।


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