हॉस्पीटल में घूम रहे चूहे, हो रहा जानलेवा इलाज
टीम ने छह हॉस्पिटल और एक लैब पर मारा छापा एक्सपायर जीवनरक्षक दवाएं मिली चार हॉस्पिटल में मरीज भर्ती करने पर रोक डॉक्टर के बिना चल रही लैब सील
By Edited By: Published: Fri, 17 May 2019 10:00 AM (IST)Updated: Fri, 17 May 2019 10:00 AM (IST)
आगरा, जागरण संवाददाता। निजी हॉस्पीटल में मरीजों का जानलेवा इलाज हो रहा है। गुरुवार को संयुक्त टीम के छापे में डॉक्टर के बिना हॉस्पिटल संचालक (नॉन क्वालीफाइड झोलाछाप) मरीजों का अंदाज से इलाज करते मिले। हॉस्पिटल और आइसीयू में चूहे घूम रहे थे और ऑपरेशन थिएटर में खून और मेडिकल वेस्ट बिखरा पड़ा था। चार हॉस्पिटल में मरीज भर्ती करने पर रोक लगाते हुए पंजीकरण निरस्त करने की संस्तुति की है। वहीं, इंटरमीडिएट पास पैथोलॉजी चलाते हुए मिला, उसे सील करने की संस्तुति की गई है। पहली टीम में डॉ. पीके शर्मा, डिप्टी सीएमओ, सहायक वैज्ञानिक एसडी सिंह शामिल रहे, कुछ देर के लिए डिप्टी कलक्टर डीपी सिंह भी आए लेकिन लौट गए। वहीं, दूसरी टीम में वीरेंद्र कुमार मित्तल, अपर उप जिलाधिकारी, डॉ. शशि कांत राहुल डिप्टी सीएमओ, सहायक वैज्ञानिक अमरेंद्र कुमार मौजूद रहे। लीलावती हॉस्पिटल में मिली एक्सपायर जीवनरक्षक दवाएं डॉ. शशिकांत ने बताया कि डॉ. योगेश बिंदल, डॉ. अलका बिंदल के लीलावती हॉस्पिटल, आवास विकास में पंजीकरण में दर्शाए गए कर्मचारी नहीं मिले। यहां दो कर्मचारी मिले, वे भी अप्रशिक्षित थे। ऑपरेशन थिएटर में खून बिखरा हुआ था, ग्लब्स पड़े हुए थे। यहां 5 जीवनरक्षक इंजेक्शन एट्रोपिन एक्सपायर मिले, वार्ड में भर्ती मरीजों की डायग्नोसिस नहीं लिखी हुई थी। ऑपरेशन के बाद बेड हेड टिकट बीएचटी पर डॉक्टर और एनेस्थीसिया के डॉक्टरों के नोट नहीं लिखे थे। कमियों के लिए नोटिस दिया गया है, दो दिन में जवाब न देने पर पंजीकरण निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। श्री बांके बिहारी हॉस्पिटल में इलाज करने वाले का पता नहीं श्री बांके बिहारी जी हॉस्पिटल, कारगिल पेट्रोल पंप के संचालक ललितेश कुमार वार्ड में भर्ती मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर की जानकारी नहीं दे सके। मरीजों को भी डॉक्टर के बारे में पता नहीं था। पूर्णकालिक डॉक्टर महेश कुमार उपलब्ध नहीं थे। यहां दौरे आने पर भर्ती राजेंद्र सिंह, मरीज प्रियंका और मुन्नी की बीएचटी खाली थी। हॉस्पिटल में मरीज भर्ती करने पर रोक लगा दी है। पंजीकरण निरस्त करने की संस्तुति की गई है। बेसमेंट में चलता मिला संस्कार हॉस्पिटल संस्कार हॉस्पिटल, कारगिल पेट्रोल पंप बेसमेंट में चल रहा था। बेसमेंट में बने वार्ड में फर्श पर चूहे घूम रहे थे, यहां आठ बेड स्वीकृत हैं और 10 बेड डाल रखे थे। संचालक भुवनेश कुमार भर्ती मरीजों की संख्या को लेकर गुमराह करता रहा। एक मरीज की बीएचटी तक नहीं बनी थी, गंदगी और बायोमेडिकल वेस्ट बिखरा पड़ा था। मरीज भर्ती करने पर रोक लगाते हुए पंजीकरण निरस्त करने की संस्तुति की गई है। मंगलम हॉस्पिटल में आइसीयू में राउंड लेता मिला संचालक डॉ. पीके शर्मा ने बताया कि मंगलम हॉस्पिटल, मंडी समिति यमुना पार में आइसीयू में राउंड लेते हुए दया शंकर गुप्ता मिले। पूछताछ में उन्होंने खुद को हॉस्पिटल का संचालक बताया, यहां कोई डॉक्टर नहीं था, वार्ड में दो मरीज भर्ती थे। हॉस्पिटल में 20 बेड स्वीकृत हैं। यहां एक इंजेक्शन खुला हुआ मिला, पूर्ण कालिक डॉक्टर सुप्रिया गुप्ता को बुलाने के लिए कहा। एक घंटे तक टीम ने इंतजार किया लेकिन वे नहीं आई। हॉस्पिटल से मरीजों को शिफ्ट करने के साथ नए मरीजों की भर्ती पर रोक लगा दी है। पंजीकरण को निरस्त करने की संस्तुति की है। श्री गोपाल हॉस्पिटल में मरीज भर्ती करना बंद टीम ने श्री गोपाल हॉस्पिटल, यमुना पार में छापा मारा, यहां कोई मरीज भर्ती नहीं था। सुपरवाइजर विक्रम सिंह से बीएचटी दिखाने के लिए कहा, यहां 14 मई को मरीज नितिन डिस्चार्ज करने का रिकॉर्ड मिला है। इसका इलाज डॉ. कृष्ण गोपाल शर्मा द्वारा किया गया। मरीज भर्ती करने पर रोक लगाते हुए हॉस्पिटल का बोर्ड हटाने के निर्देश दिए हैं। संगम हॉस्पिटल को नोटिस टीम ने संगम हॉस्पिटल, मंजू नगर यमुना पार में छापा मारा। यहां संचालक केपी यादव और डॉ. एसके गुप्ता मिले। एक मरीज भर्ती था, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित अन्य प्रमाण पत्र दिखाने के साथ सुधार के लिए नोटिस दिया है। इंटरमीडिएट पास चला रहा क्वालिटी पैथोलॉजी लैब क्वालिटी पैथोलॉजी लैब, पाठक मार्केट शाहगंज बोदला रोड का संचालक राकेश कुमार अग्रवाल इंटरमीडिएट पास था। उसने लैब का पंजीकरण नहीं कराया, आइएमए के एक पूर्व पदाधिकारी के नाम से लैब संचालित कर रहा था। लैब से पर्चे जब्त किए गए हैं, सील करते हुए कार्रवाई की संस्तुति की है। ठेकेदारी पर रखे डॉक्टर, मरीजों के फॉर्म पर हस्ताक्षर टीम को छापे के दौरान संगम हॉस्पिटल में सर्जन डॉ. विवेक शर्मा मिले, इसके बाद टीम श्री बांके बिहारी हॉस्पिटल पहुंची। यहां भी वे आ गए। इन हॉस्पिटलों में डॉक्टरों से ठेके पर इलाज कराया जा रहा है। इनकी सूची तैयार की जा रही है। वहीं, सभी हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों से खाली सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कराए गए, कुछ में हाई कंसेंट के फॉर्म पर तीमारदार के हस्ताक्षर थे। यह गंभीर मरीजों के लिए भरवाए जाते हैं।
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