Move to Jagran APP

Swachhta Sarvekshan 2020: सिटीजन फीडबैक में एक पायदान नीचे आया आगरा Agra News

देश में गाजियाबाद पहले नंबर पर पहुंचा। 31 जनवरी तक दे सकेंगे फीडबैक। शहर की रैकिंग बढ़ाने को नागरिकों को भी लगाना होगा जोर।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 30 Jan 2020 08:28 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jan 2020 08:28 AM (IST)
Swachhta Sarvekshan 2020: सिटीजन फीडबैक में एक पायदान नीचे आया आगरा Agra News
Swachhta Sarvekshan 2020: सिटीजन फीडबैक में एक पायदान नीचे आया आगरा Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 के फाइनल राउंड में आगरा एक पायदान नीचे आ गया है। सिटीजन फीडबैक में आगरा देश में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है। पिछले सप्ताह यह पहले नंबर पर था। वहीं अब देश में गाजियाबाद पहले नंबर पर है। 

loksabha election banner

सिटीजन फीडबैक के तहत सात सवाल पूछे जा रहे हैं। यह सभी सर्वेक्षण और सफाई से संबंधित हैं जिसमें दस अंक देने हैं। सवाल का जवाब हां या फिर न में देना है। वहीं निजी एजेंसी द्वारा शहर में सर्वेक्षण किया जा रहा है। लोगों से मिलकर टीम फीडबैक ले रही है। खासकर सफाई व्यवस्था से लोग कितने संतुष्ट हैं। यह सर्वे 31 जनवरी तक चलेगा। अपर नगरायुक्त केबी सिंह ने बताया कि जनसंख्या श्रेणी में देश में गाजियाबाद पहले नंबर पर है। 75.74 फीसद लोगों ने फीडबैक दिया है। आगरा दूसरे नंबर पर है। यहां 57.97 फीसद लोगों ने फीडबैक दिया है। वहीं लखनऊ तीसरे नंबर (43.81 फीसद) पर है। विशाखापट्टनम आंध्र प्रदेश चौथे (22 फीसद) और कानपुर पांचवें नंबर (16.36 फीसद) पर है।

अब तक हुए स्वच्छता सर्वेक्षण

- 2016:देश के 75 शहरों में आगरा 45वें स्थान पर रहा।

- 2017: देश के 420 शहरों में आगरा 263वें स्थान पर रहा।

- 2018: देश के चार हजार शहरों में आगरा 102 नंबर पर रहा।

-2019: देश के चार हजार से अधिक शहरों में आगरा 85वें स्थान पर रहा।

शहर में कचरे का प्रबंधन

- शहर के 100 वार्ड से हर दिन साढ़े सात सौ एमटी कूड़ा निकलता है।

- 2018 नवंबर से गीले और सूखे कूड़े को अलग-अलग निस्तारित करना शुरू किया गया था।

-02 लाख रुपये की आय पहले महीने हुई थी नगर निगम को। यह अब 12 लाख तक पहुंच गई है।

-60 मीट्रिक टन सूखा कूड़ा हर दिन 25 कैटेगरी में अलग किया जाता है।

-30 मीट्रिक टन गीले कूड़े से हर दिन खाद बन रही है।

- 20 एमटी का एक प्लांट कुबेरपुर में, धांधूपुरा में पांच एमटी का, राजनगर में चार एमटी के दो, आइएसबीटी में एक एमटी का एक प्लांट लगा हुआ है।

- 15 लाख रुपये में एक हजार मीट्रिक टन खाद कृभको को उपलब्ध कराने का आर्डर मिला है।

-70 हजार घरों में चार मीट्रिक टन खाद बन रही है। यह दावा नगर निगम का है।

-8.6 मीट्रिक टन खाद शहर की बड़ी डेयरी में हर दिन तैयार की जा रही है।

- 110 मीट्रिक टन मलबा हर दिन निगम कलेक्ट करता है।

यह किए जा रहे प्रयास

नगरायुक्त अरुण प्रकाश ने बताया कि सभी सरकारी कार्यालयों, गैर सरकारी सहित अन्य, स्कूल-कॉलेजों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। वहीं सभी पार्षदों से कहा गया है कि वह अपने-अपने क्षेत्र में फीडबैक को तेजी से बढ़वाएं।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.