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Cyber Crime: ठगी का नया तरीका, बैंक के फेक मैसेज बने हथियार, पढ़ें पूरा मामला

Cyber Crime मोबाइल की दुकानों और कपड़ा शोरूम से कर ले गए शापिंग। रेंज साइबर सेल ने दबोचे दो शातिर एक मोबाइल बरामद। ठगी के लिए उस खाते का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें कोई बेलेंस नहीं होता।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 04:06 PM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 04:06 PM (IST)
Cyber Crime: ठगी का नया तरीका, बैंक के फेक मैसेज बने हथियार, पढ़ें पूरा मामला
मोबाइल की दुकानों और कपड़ा शोरूम से कर ले गए शापिंग।

आगरा, जागरण संवाददाता। व्यापारियों से ठगी को शातिरों ने नया तरीका निकाल लिया। बैंक का फेक मैसेज तैयार करके शातिरों ने दुकानदारों को भ्रमित कर दिया। उनसे मोबाइल और कपड़े खरीदकर चले गए। रेंज साइबर सेल ने जांच के बाद दो शातिरों को गिरफ्तार कर लिया। उनसे एक मोबाइल भी बरामद किया है। अभी साइबर सेल की टीम शातिरों से पूछताछ कर रही है।

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किरावली निवासी डिंपी सिंह की मोबाइल शाप पर 24 सितंबर को दो लोग पहुंचे। उन्होंने 35 हजार रुपये का फोन खरीदा। रुपये नेट बैंकिंग से दुकानदार के खाते में ट्रांसफर करने को कहा।नेफ्ट के माध्यम से रुपये ट्रांसफर किए। दुकानदार के पास रुपये पहुंचने का मैसेज नहीं आया। मगर, शातिरों ने अपने मोबाइल में पहले अंडर प्रोसेस का मैसेज दिखाया। इसके बाद दूसरा मैसेज खाते से रकम दुकानदार के खाते में ट्रांसफर होने का दिखा दिया। दुकानदार को उनकी बात पर भरोसा हो गया। इसके बाद शातिर वहां से चले गए। खाते में रकम न आने पर दुकानदार ने रेंज साइबर सेल में मामले की शिकायत की। साइबर सेल की टीम ने जांच की तो मामला खुल गया। किरावली से खरीदा गया मोबाइल शातिरों ने शाह मार्केट में दुकानदार को बेच दिया था। बिल में छेड़छाड़ कर एक माह पहले की तिथि कर दी। साइबर सेल ने जांच के बाद शाहगंज निवासी अरशद शेख और उसके साथी मकबूल अली को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। किरावली और शाह मार्केट की मोबाइल शाप में लगे सीसीटीवी कैमरों में भी शातिरों की रिकार्डिंग है। इससे भी पुलिस ने पहचान कर ली है। अरशद ने पूछताछ में बताया कि उसने पूर्व में इसी तरह खंदौली से एक मोबाइल दुकान से मोबाइल लिया था। सदर क्षेत्र से उसने कपड़ों की दुकान से भी 15 हजार रुपये की शापिंग की थी। इन घटनाओं की भी पुलिस जानकारी कर रही है। रेंज साइबर थाने में आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी और आइटी एक्ट की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

जीरो बेलेंस खाते का करते हैं इस्तेमाल

ठगी के लिए उस खाते का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें कोई बेलेंस नहीं होता। नेफ्ट से रकम ट्रांसफर करने पर मोबाइल पर अंडर प्रोसेस लिखा आता है। इसे दुकानदार को दिखा देते हैं। इसी बीच दूसरे मोबाइल पर बैंक से रकम ट्रांसफर होने का फेक मैसेज तैयार कर लेते हैं। इस मैसेज को उस मोबाइल पर ट्रांसफर कर लेते थे, जिससे वे पेमेंट ट्रांसफर करने का दिखावा करते थे। इसे दुकानदार को दिखाने के बाद चले जाते थे।

व्यवसाय में घाटा होने पर चुना शार्ट कट

अरशद ने पुलिस को बताया कि पूर्व में वह व्यवसाय करता था। घाटा होने पर उसकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई। तभी उसके मुंबई के एक दोस्त ने उससे संपर्क किया। उसने कहा कि खाते में रकम ट्रांसफर करनी है। इसके लिए 10 फीसद हिस्सा उसे दिया जाएगा। अरशद इसके लिए तैयार हो गया। बाद में मुंबई पुलिस ने धोखाधड़ी के मामले में अरशद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जेल से छूटने के बाद अरशद ने यह काम शुरू कर दिया। पहले दिल्ली में रहकर कई लोगों से ठगी की। इसके बाद आगरा आकर ठगी करने लगा। 


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