CoronaVirus Breakdown में रोजा, है अगर ये रोग भी तो इन जरूरी बातों की न करें अनदेखी
संक्रमण के इस दौर में चिकित्सकों की सलाह है कि कोई रोजेदार अगर किसी बीमारी के इलाज की नियमित दवा लेते हैं तो अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर ले लें।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोराेना वायरस संक्रमण काल का दौर। पूरा विश्व एक अदृश्य दुश्मन से लड़ाई लड़ रहा है। लोग बस एक ही फिक्र में हैं कि कैसे भी उनकी और उनके अपनों की सांसें संक्रमण से बची रहें। ऐसे में खुदा की इबादत का माह। कोरोना वायरस से जंग में सलाह दी जा रही है कि खाली पेट न रहें। किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो अतिरिक्त ध्यान दें। इम्युनिटी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ा दें लेकिन माह- ए- रमजान में एक रोजेदार का इन बातों का अनुसरण करना मुश्किल है। रोजेदार अल सुबह फजर की अजान के बाद सहरी खाकर पूरे दिन रोजा रखकर सीधे शाम को असर की नमाज अदा करने के बाद ही इफ़तार करते हैं। संक्रमण के इस दौर में चिकित्सकों की सलाह है कि कोई रोजेदार अगर किसी बीमारी के इलाज की नियमित दवा लेते हैं तो अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर ले लें। वरिष्ठ फिजिशियन डॉ अरविंद जैन के अनुसार इस दौर में वैसे तो संक्रमण के इस दौर में हर व्यक्ति को सावधानी बरतनी चाहिए लेकिन किसी बीमारी से ग्रसित रोजेदार को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत रहती है।
डायबिटीज के रोगी बरतें ये सावधानी
डॉ जैन के अनुसार रोजेदार पूरे दिन कुछ खाते-पीते नहीं हैं, डायबिटीज के इलाज में पूरे दिन खाली पेट रहना संभव नहीं है। इसलिए ऐसे रोजेदार को चाहिए कि वे अपने डॉक्टर से परामर्श लें और डायबिटीज की डोज को सुबह-शाम की करा लें। इसी तरह ब्लड प्रेशर और सांस के रोेगियों को चिकित्सकीय परामर्श ले लेना चाहिए। जिनकी बाइपास सर्जरी हो चुकी है, उन्हें दिन में कई बार दवा लेनी पडती है, साथ ही उनके शरीर में पानी की मात्रा का स्तर भी सामान्य बनाए रखना जरूरी होता है। ऐसे रोगी भी डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें। रोजा रखने के दौरान कमजोरी महसूस होने पर तुरंत लेटकर आराम कर लेना चाहिए।
गर्भवती महिलाएं बरतें सावधानी
गर्भवती को रोजा रखने के दौरान बार-बार प्यास लगे, मुंह सूख रहा हो, यूरिन का रंग पीला या गहरा भूरा नजर आए तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। चक्कर आएं तो ब्लड सुगर चेक कराएं।रमजान के महीने में कुछ बच्चे भी रोजा रखते हैं। किसी भी तरह की दिक्कत महसूस होने पर ऐसे बच्चे डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
इफ्तारी में करें पुदीना, शहद और नीबू पानी का इस्तेमाल
इफ्तारी में खजूर के साथ-साथ शहद और पुदीना युक्त नीबू पानी का प्रयोग करना चाहिए। घड़े में रखे पानी में नीबू का रस मिलाकर इस्तेमाल करें। इससे ऊपर आने वाले एसिड को संतुलित किया जा सकता है। उसके तुरंत बाद तरबूज, खीरा या अन्य कोई मौसमी फल का भी सेवन किया जा सकता है। इफ्तारी के एक घंटा बाद हल्के भोजन का इस्तेमाल करें। इसमें भी प्रोटीन युक्त जैसे अंडा, दाल के साथ चावल शामिल हों। शरीर हाइड्रेट रखने के लिए खाने में पानी, फल या सब्जियों के रस को शामिल करें और तरल पदार्थों के सेवन से बचें। सहरी के लिए बिना चीनी के एक कटोरी दही का सेवन करें। ताकि शरीर में पानी का स्तर संतुलित रहे।
काबरेहाइड्रेट व प्रोटीन
काबरेहाइड्रेट युक्त भोजन गेहूं रोटी, ओट अनाज, दलिया। इसके अलावा प्रोटीन युक्त भोजन जैसे बिना नमक की चीज, अंडे, या और कोई डेयरी आइटम शामिल कर सकते हैं।
मौसमी फल व सब्जियों का करें प्रयोग
रोजेदार मौसमी फलों को डाइट में शामिल करें। बाजार की किसी भी चीज की जगह तरबूज, कस्तूरी, ककड़ी, टमाटर, पुदीना, सलाद आदि का प्रयोग कर सकते हैं। इस दौरान ओवर डायटिंग और मीठे व्यंजनों से परहेज करें।