Ram Mandir in Ayodhya: मोबाइल पर रही निगाह, श्रीराम की महिमा का बखान, पढ़ें क्या रहे नजारे कार्यालयों के
Ram Mandir in Ayodhya शहर के तमाम सरकारी− गैर सरकारी कार्यालयों में राम मंदिर के आंदोलन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होती रही और भगवान श्रीराम की महिमा का बखान किया गया।
आगरा, जागरण संवाददाता। - कार्यालय का नाम : कलक्ट्रेट का विकास अनुभाग। समय : दोपहर 12 बजे। मुंह में मास्क लगाए कर्मचारी एक जगह बैठ गए और मोबाइल पर अयोध्या से लाइव कवरेज देखने लगे। तभी एक कर्मचारी ने भगवान राम की महिमा का बखान शुरू कर दिया। बात खत्म हुई न थी कि दूसरे कर्मचारी ने रामायण की चौपाई सुनानी चालू कर दी। किस तरीके से राम मंदिर का आंदोलन चला। इसे लेकर चर्चा शुरू हो गई। यह चर्चा कई घंटे तक चली।
- कार्यालय का नाम : एडीए। समय : दोपहर के 11.50 बजे। एडीए के कई अफसर एक चैंबर में बैठ गए। टीवी पर प्रधानमंत्री द्वारा अयोध्या में किए जा रहे पूजन को लाइव देखना शुरू कर दिया। एक अफसर ने तभी वर्ष 1989 के आंदोलन की कहानी सुनाना शुरू कर दिया। तब वह स्टूडेंट थे। किस तरीके से आंदोलन का हिस्सा बने थे। एडीए के सभी अनुभाग में कुछ यही हाल था। जहां कर्मचारी मोबाइल पर निगाह गढ़ाए हुए थे।
- कार्यालय का नाम : नगर निगम। दोपहर 12.45 बजे। मोबाइल और कंप्यूटर की स्क्रीन पर अफसर से लेकर कर्मचारी राम मंदिर का लाइव प्रसारण देख रहे थे। कोई फरियाद आ जा रहा था तो उसे कुछ देर के लिए इंतजार करने के लिए कह दे रहे थे। हालांकि फरियादी भी इसका विरोध नहीं कर रहा था और वह भी प्रसारण को देखने लगता था। कार्यालय में दोपहर बाद ठीक से काम शुरू हो सका।
यह तो सिर्फ तीन ही कार्यालयों के उदाहरण हैं। विकास भवन हो या फिर जल संस्थान, कमिश्नरी, लोक निर्माण विभाग या फिर अन्य कोई कार्यालय। जहां राम मंदिर के आंदोलन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होती रही और भगवान श्रीराम की महिमा का बखान किया गया। किसी ने वर्ष 1992 का प्रसंग सुनाया तो किसी ने इसके बाद का। मकसद एक ही था आखिर आंदोलन किस तरीके से आगे बढ़ा और अब जाकर राम मंदिर की स्थापना हो रही है।