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Ram Mandir Ayodhya: खुशियों में झूम रहा महंत नृत्य गोपाल दास का करहला

Ram Mandir Ayodhya राम मंदिर आंदोलन में श्रीराम के जयकारे से गूंजती थी गलियां। ग्रामीणों ने मंदिर निर्माण को भेजा चंदा कर 55 हजार का दान

By Tanu GuptaEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 04:19 PM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 04:19 PM (IST)
Ram Mandir Ayodhya: खुशियों में झूम रहा महंत नृत्य गोपाल दास का करहला
Ram Mandir Ayodhya: खुशियों में झूम रहा महंत नृत्य गोपाल दास का करहला

आगरा, किशन चौहान। करहला गांव। राधारानी के घर बरसाना से कोई पांच किमी दूर। मान्यता है कि इस गांव में भगवान श्रीकृष्ण ने राधारानी और उनकी सखियों के साथ महारास किया था। लेकिन इस गांव की एक और भी पहचान है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास का जन्म इसी गांव में हुआ था। राम मंदिर आंदोलन में भी यहां का बच्चा-बच्चा जोश से लबरेज था, तो आज पूरा गांव उत्साहित है।

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12 वर्ष की उम्र में वैराग्य धारण करने वाले महंत नृत्य गोपाल दास की राम मंदिर आंदोलन में प्रमुख भूमिका थी, तो अब भी प्रमुख भूमिका में हैं। आंदोलन के समय गांव के कई युवा भी शामिल हुए थे। गांव के बुजुर्ग जगदीश बाबू जी बताते हैं कि राम मंदिर आंदोलन में कई युवा कार सेवा में शामिल हुए थे। इसके पीछे महंत का गांव से गहरा नाता भी एक बड़ा कारण था। जो गांव में थे, सबक निगाहें महंत और आंदोलन पर ही टिकी थीं। तब गांव की गलियां जय श्रीराम के नारों से गूंजती थीं। वह बताते हैं कि साल में एक-दो बार महंत गांव आते हैं। तीन दशक बाद फिर गांव में राम मंदिर निर्माण का उल्लास छाया है। ग्राम प्रधान गुपाल बताते हैं कि करहला तो वैसे भी तीर्थनगरी के नाम से जानी जाती है, लेकिन महंत की जन्मस्थली के कारण फिर चर्चा में है। अयोध्या में भगवान राम के मंदिर निर्माण को उत्साह ऐसा है कि ग्रामीण चंदाकर 55 हजार रुपये राम मंदिर निर्माण को दान दे रहे हैं। इसमें अपनी सामथ्र्य के अनुसार ग्रामीणों ने दान दिया।

ब्रजरज व कंगन कुंड का जल भी पहुंचेगा धर्मनगरी

राम मंदिर निर्माण में ब्रजरज और करहला के प्रसिद्ध कंगल कुंड का पवित्र जल भी समाहित होगा। करहला से ब्रजवासियों की एक टोली जल और रज लेकर अयोध्या के लिए कूच कर गई है। मान्यता है कि कंगन कुंड में महारास के दौरान राधारानी का कंगन गिर गया था। तब भगवान श्रीकृष्ण ने कुंड से कंगन निकाला था। तभी से इसका नाम कंगन कुंड पड़ गया।

पैतृक जमीन पर बना है राम मंदिर

महंत नृत्य गोपाल दास ने गांव की अपनी पैतृक जमीन पर राम मंदिर का निर्माण कराया है। गांव में नृत्यगोपाल की भाभी रुमाली रहती है। रुमाली कहती हैं कि राम मंदिर बनने को लेकर वह अपनी खुशी बयां नहीं कर पा रही हैं।  


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